कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर भीतरगांव के पास पहेवा में नौ दिवसीय भगवान बुद्ध धर्म और सविंधान रचियता भीमराव आंबेडकर ज्ञान चर्चा पर कार्यक्रम चल रहा है. कार्यक्रम की 15 दिसंबर को शुरुआत हुई थी. सोमवार की रात कार सवार दबंगों ने यहां आकर खूब तांडव किया. कार्यक्रम जब रात्रि विश्राम के लिए बंद किया गया तभी कुछ लोग अलग-अलग कारों से आ धमके और कार्यक्रम स्थल में लगे टेंट के पर्दे फाड़ने लगे. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. गांव में पीएसी तैनात की गई है.
मौके पर मौजूद टेंट कर्मचारियों और लाइट साउंड कर्मचारियों ने जब विरोध किया तो दबंगों ने उन पर हमला कर दिया. जिसमे कार्यक्रम में साउंड की व्यवस्था देख रहे पिंटू कुशवाहा के सिर में गंभीर चोट आई है. दबंगों ने व्यवस्था में लगे अन्य कर्मचारियों के साथ भी मारपीट की. लगभग 22 मिनट तक दबंगों ने कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ और मौजूद कर्मचारियों के साथ मारपीट की.
आयोजन स्थल पर रखी गयी आंबेडकर और भगवान बुद्ध की तस्वीर भी फाड़ दी. इसके साथ वहां मौजूद संत रविदास की प्रतिमा को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. चूंकि मामला देर रात लगभग 2 बजे का था, जिस वजह से आयोजन स्थल पर टेंट कर्मचारी, लाइट और साउंड के कर्मचारी ही मौजूद थे. हालांकि, शोर सुनकर जब गांव के लोग इक्कठा होने लगे तो दबंग हवाई फायरिंग करते हुए वहां से भाग गए.
गांव वालों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच करना शुरू कर दिया है. घायलों को एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं इस घटना के बाद ग्रामीणों को आक्रोश को देखते हुए मंगलवार दोपहर जेसीपी लॉ एंड आर्डर आनंद प्रकाश तिवारी मौके पर पहुंचे और फोर्स के साथ दबिश देकर पांच आरोपियों को अरेस्ट किया है. जेसीपी ने दावा किया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और मौके पर पीएसी और फोर्स तैनात कर दी गई है.
ग्रामीण संत रविदास की नई प्रतिमा स्थापित करने की मांग करने लगे. जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने नई प्रतिमा स्थापित करा कर लोगों का गुस्सा शांत कराया. जेसीपी का कहना था कि इस मामले में पुलिस हर बिंदु की जांच करेगी. किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं इस मामले में गांववालों ने दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है.
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