कानपुर: बिठूर विधानसभा सीट से विधायक अभिजीत सिंह सांगा को न्यायालय ने एक मामले में दोषमुक्त कर दिया है. पुलिस ने विधायक अभिजीत सिंह सांगा पर 12 साल पहले झूठी रिपोर्ट लिखाने का मुकदमा दर्ज किया था. इसे अदालत ने सही नहीं माना और विधायक के साथ ही उनके साथियों को दोषमुक्त कर दिया.
चाचा की हुई थी हत्या
बिठूर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य अभिजीत सिंह सांगा के चाचा श्रवण कुमार की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में राजू दुबे और विमल दीक्षित का नाम सामने आया था. इसके बाद आक्रोश में सांगा ने अपने समर्थकों के साथ विमल दीक्षित के कॉलेज में तोड़फोड़ की थी. इस घटना में सांगा और उनके समर्थकों के खिलाफ बिठूर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.
इस मामले के दर्ज होने के बाद अभिजीत सिंह सांगा ने भी बिठूर थाने में तहरीर दी थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह बिठूर से मना जा रहे थे. रास्ते में राजू दुबे और विमल दीक्षित ने अपने साथियों के साथ उन पर हमला कर दिया. इसमें उन्हें गहरी चोटें आईं और गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं. पुलिस ने इस मामले में विवेचना की तो यह मामला फर्जी पाया. इसके बाद घटना का कोई साक्ष्य न होने की दलील देते हुए पुलिस ने साल 2008 में इस पर अंतिम रिपोर्ट लगा दी. सांगा के खिलाफ झूठी तहरीर लिखाने का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया.
बीजेपी से विधायक हैं अभिजीत सिंह सांगा
अभिजीत सिंह सांगा बीजेपी से बिठूर विधानसभा से विधायक हैं. इसके पहले वे कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष थे. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था.
12 साल से चल रहा था मुकदमा
वर्ष 2008 से यह मुकदमा चल रहा था. इसमें विधायक अभिजीत सिंह सांगा पर पुलिस ने फर्जी झूठा मुकदमा लिखाने का मामला दर्ज किया था. उनके ऊपर कोर्ट में परिवाद चलाया था. इसमें लगातार 12 साल से सुनवाई चल रही थी. अंत में कोर्ट ने पुलिस के दिए गए दलीलों और सबूतों को परीक्षण करने के बाद विधायक को सही पाया और इसके चलते न्यायाधीश ने विधायक अभिजीत सिंह सांगा को बरी कर दिया है.