कानपुर: कुशाग्र मर्डर केस (Kushagra Murder Case) में नया खुलासा हुआ है. पुलिस को पता चला है कि एक ओर जहां शहर के साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया व उनका परिवार घर में बेटी आराध्या के पैदा होने की खुशी में पार्टी में मशगूल था वहीं, उसी पार्टी में शामिल कुशाग्र का हत्यारा प्रभात व प्रेमिका रचिता वत्स कुशाग्र के मर्डर की योजना तैयार कर रहे थे.
रचिता ने आरोपी प्रभात को यह भी बताया था कि कुशाग्र के पिता मनीष कारोबार के काम से अक्सर ही घर से बाहर रहते हैं. इसके बाद तीनों हत्यारे प्रभात के घर के समीप सेंट्रल पार्क में मिले और फिर वहीं तय कर लिया था कि कुशाग्र का पहले अपहरण करेंगे, फिर घर वालों से मोटी रकम एंठेंगे और उसके बाद कुशाग्र के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे. पुलिस की रिमांड के पहले दिन ही तीनों हत्यारों ने अपना जुर्म कबूल लिया और उक्त जानकारी पुलिस टीम को दी.
छह दिनों पहले शिवा को दिखाया था घर: कुशाग्र हत्याकांड के मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला ने अपने दोस्त व हत्याकांड में शामिल आरोपी शिवा को घटना से छह दिनों पहले ही कुशाग्र का घर दिखाया था. पुलिस व घरवालों को किसी तरह का कोई शक न हो, इसके लिए तीनों ने मिलकर जो लेटर घर पर फेंका था, उसमें अल्लाह ओ अकबर भी लिखा था. मुख्य आरोपी प्रभात ने पुलिस को बताया कि उसने गर्दन कसने के लिए रस्सी फजलगंज से खरीदी थी जबकि आरोपियों की निशानदेही पर रविवार को पुलिस टीम ने मृतक कुशाग्र का बैग, हेलमेट, शर्ट, मोबाइल, रजिस्टर, चाकू, प्लास्टिक के बैग्स व पेन बरामद कर लिया.
आ जाओ नाश्ता कर लो, फिर कोचिंग चले जाना: मुख्य आरोपी प्रभात की मुलाकात जब मृतक कुशाग्र से घटना वाले दिन शाम को हुई थी, तब हत्यारे प्रभात ने मृतक कुशाग्र को नाश्ता करने का लालच दिया था. विश्वास में कुशाग्र, प्रभात के घर चला गया, जहां नाश्ते के बहाने प्रभात ने कुशाग्र का गला रस्सी से कसकर उसकी हत्या कर दी थी. प्लानिंग के मुताबिक सभी हत्यारों को कुशाग्र की मौत की जानकारी थी. मृतक के शव को ठिकाने लगाने की भी योजना थी, हालांकि, उससे पहले ही पुलिस ने सभी हत्यारों को अरेस्ट कर लिया.
कोठरी में 42 मिनट तक बंद रहा आरोपी प्रभात शुक्ला
दर्शनपुरवा निवासी मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला ने अपने घर की जिस कोठरी में कुशाग्र की हत्या की, वहां वह खुद 42 मिनट तक बंद रहा था. प्रभात ने रविवार को रिमांड के दौरान यह जानकारी जेसीपी लॉ एंड आर्डर को दी. हालांकि, प्रभात ने सीधे तौर पर यह नहीं कहा कि हत्या उसने की बल्कि, उसने कहा कि उसने केवल कुशाग्र के मुंह पर कपड़ा ठूंसा था और रस्सी से हाथ-पैर बांधे थे. इसके बाद वह कुछ देर के लिए कोठरी में रुका था, फिर, वहां से बाहर आ गया था, जब दोबारा अंदर पहुंचा तो कुशाग्र की हत्या हो चुकी थी. पुलिस के पास जो साक्ष्य हैं, उनके मुताबिक प्रभात ने ही कुशाग्र का गला घोंटा था क्योंकि कोई दूसरा व्यक्ति कोठरी के अंदर गया ही नहीं. वहीं, इस पूरी गतिविधि के दौरान उसकी प्रेमिका रचिता वत्स भी वहीं मौजूद थी. अब पुलिस सोमवार को दोबारा रिमांड के दौरान कई नए सवाल करेगी.
फांसी की बात सुनते ही छूट गए पसीने: मुख्य आरोपी प्रभात को न तो जेल जाते समय डर लगा, न ही जेल के अंदर, मगर, रविवार देर रात जब रिमांड के दौरान पुलिस अफसरों ने प्रभात से कहा कि पूरे सूबे के लोग यह मांग कर रहे हैं कि तुम्हारे इस काम के लिए तुम्हें फांसी दे दी जाए. इतना सुनते ही प्रभात के पसीने छूट गए. वह अफसरों से गिड़गिड़ाने लगा, कहा कि कुछ भी हो जाए पर फांसी की सजा नहीं मिलनी चाहिए. प्रभात ने अफसरों को यह भी बताया, कि केवल रुपए ऐंठने के लिए ही उसने कुशाग्र का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी.
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