कानपुर: वृद्धावस्था पेंशन योजना (Old Age Pension) के करीब सात सालों के रिकार्ड सुरक्षित न रख पाने के चलते समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) में तैनात कनिष्ठ सहायक हरेंद्र सक्सेना (Babu suspended) को निदेशक पवन कुमार ने निलंबित कर दिया है. अब इस मामले की जांच उप निदेशक समाज कल्याण महिमा मिश्रा को सौंपी गई है.
दरअसल, करीब एक हफ्ते पहले नेडा कार्यालय में प्राइवेट सफाईकर्मी मोहन को फाइलें उठाते देखा गया था. उसी समय विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मी ने कार्यालय में जमकर हंगामा किया था. आरोप था कि मोहन ने सारी फाइलें कूड़े में फेंक दी और कबाड़ी को बेच दी.
इसके बाद खुद समाज कल्याण विभाग के बाबू हरेंद्र सक्सेना ने विभाग की कई फाइलें लापता होने का जिक्र किया था पर, जब कार्यालय में जांच-पड़ताल की गई थी तो सफाईकर्मी की बोरी में कोई फाइल नहीं मिली थी. फिर नेडा और समाज कल्याण विभाग के अफसरों ने जाकर कबाड़ी की दुकान पर देखा तो नेडा की फाइलें थीं, मगर समाज कल्याण विभाग की फाइलें नहीं थीं. ऐसे में जब विभाग ने पिछले सात सालों का रिकार्ड चेक कराया, तो अफसर उस समय हक्का-बक्का रह गए जब रिकार्ड सुरक्षित नहीं मिला. इस मामले में जहां सफाई कर्मी के खिलाफ नवाबगंज थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, वहीं पूरे मामले में पटल बाबू को जिम्मेदार और दोषी मानते हुए बाबू हरेंद्र सक्सेना को निलंबित कर दिया गया. इसकी पुष्टि सीडीओ सुधीर कुमार ने की है.
कई और पर अभी गिरेगी गाज: विकास भवन में फाइलें गायब होने का मामला तो चर्चा में पहले से है. एक ऐसा अनोखा मामला भी अफसरों की टेबल पर जांच का विषय बना हुआ है, जिसमें सचिव स्तर के अफसरों ने कई वृद्धजनों को मृत दर्शाया है. बताया जा रहा है, इनकी संख्या भी अच्छी खासी है. इस पूरे मामले पर सीडीओ सुधीर कुमार ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद सभी ऐसे अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी, जिन्होंने जीवित जनों को मृत दिखा दिया.