कानपुर : यूपी विधानसभा चुनाव निकट है, इस चुनावी समर में जहां एक तरफ यूपी सरकार और बीजेपी अपनी उपलब्धियां गिना रही है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल बीजेपी को लगातार कई मुद्दों पर घेर रहे हैं. इसी क्रम में अब अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में हुई गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ने लगा है. हालांकि सीएम योगी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन विपक्षी दल लगातार इस मामले को लेकर बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं.
यूपी के चुनावी महौल में गुरुवार को राज्यसभा सांसद व आप नेता संजय सिंह एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कानपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि की खरीद का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की आस्था मंदिर में नहीं, बल्कि चंदा चोरी और भृष्टाचार में है. बीजेपी के नेता व अधिकारी भृष्टाचार का खेल करके अनुसूचित जातियों की जमीनें खरीद रहे हैं.
बीजेपी नेताओं ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट को अपंजीकृत स्टॉम्प पेपर की लिखापढ़ी में जमीनें दान की हैं. दान की जमीनों को ट्रस्ट ने बड़े अधिकारियों को बेंची हैं. एक व्यक्ति महादेव नाम का है, जिसने अधिकारी से शिकायत की है. आयुक्त एमपी अग्रवाल ने चिट्ठी लिखकर उक्त प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे. उसके बाद डीएम अनुज कुमार झा ने चिट्ठी पर जांच का आदेश दिया था.
बीजेपी के नेता जमीनें खरीदने में जुटे हैं. डीएम बनने के बाद उसके पिता ने धार्मिक नगरी अयोध्या में जमीन खरीदी है. इससे पहले उन्हें कभी अयोध्या धार्मिक नगरी नहीं लगी. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि अयोध्या में ट्रस्ट द्वारा किए गए जमीन घोटाला मामले की जांच के लिए वह प्रधानमंत्री से अपील करेंगे. उन्होंने कहा कहा कि मैं पीएम से अपील करूंगा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ट्रस्ट के घोटाले की जांच SIT से कराई जाए. इस मामले की जांच हुई, तो करोड़ों का घोटाला सामने आएगा.
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