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जीएसवीएम में चिकित्सकों का कमाल, अब चना-मूंगफली और गुड़ से अमृत आहार बनाया

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 12:17 PM IST

जीएसवीएम में चिकित्स्कों ने नया प्रयोग किया है. उन्होंने चना-मूंगफली और गुड़ से अमृत आहार बनाया (Amrit diet made from gram-peanuts and jaggery) है. इस बात की जानकारी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव ने दी.

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Etv Bharat Amrit aahar बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव Amrit Aahar made from gram peanuts and jaggery जीएसवीएम में चिकित्सकों का कमाल चना मूंगफली और गुड़ से अमृत आहार बनाया

कानपुर: कुछ दिनों पहले ही शहर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने शोध करते हुए एलर्जी के मरीजों के लिए जहां आयुर्वेदिक दवाओं पर शोध कर सफल परिणाम हासिल कर लिए. वहीं, अब चिकित्सकों ने फिर से कमाल करके दिखा दिया. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. यशवंत राव व अन्य चिकित्सकों ने अति कुपोषित बच्चों के लिए पहली बार मेडिकल कालेज में ही ऐसा अमृत आहार तैयार कर दिया, जिससे बच्चों की सेहत पूरी तरह से बदल गई.

जीएसवीएम में चिकित्सकों ने की शोध
जीएसवीएम में चिकित्सकों ने की शोध

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव ने बताया, कि एलएलआर अस्पताल में कुछ बच्चों को यह आहार देने के बाद उनकी माताओं को बताया गया, कि कैसे आहार तैयार करें. फिर, दो माह के अंदर ही 900 से अधिक बच्चों में जबरदस्त बदलाव देखने को मिल गए. डा.यशवंत ने कहा, कि अब हमारी योजना है कि हम अस्पताल में आने वाले अतिकुपोषित बच्चों को एंटीबायटिक या अन्य दवाओं के बजाय अमृत आहार से ही ठीक करें.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव



दूध के पाउडर व देशी घी से बना अमृत आहार: डॉ.यशवंत राव ने बताया, कि अमृत आहार बनाने के लिए चिकित्सकों की टीम ने भुना चना, भुनी मूंगफली को पीसकर दूध के पाउडर में मिलाया. इसके बाद इस मिश्रण में देशी गुड़ मिलाया गया. हालांकि, गुड़ को पिघलाना था इसके लिए हमने थोड़ा सा गर्म नारियल तेल या देशी घी का उपयोग किया और फिर अमृत आहार को तैयार कर लिया. बोले, अगर माताएं भुना चना नहीं ले सकतीं हैं तो वह चने के स्थान पर गेहूं या बाजरा लेकर अमृत आहार बना सकती हैं.

उन्होंने यह भी कहा, कि अब अस्पताल आने वाली ऐसी माताओं को जिनके बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, उन्हें हम घर पर ही अमृत आहार बनाना सिखाएंगे. जिस तरह घरों में चरणामृत बनता है, ठीक वैसे ही चना-मूंगफली और गुड़ से अमृत आहार बनाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- देश की पहली नमो भारत रैपिड रेल का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

कानपुर: कुछ दिनों पहले ही शहर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने शोध करते हुए एलर्जी के मरीजों के लिए जहां आयुर्वेदिक दवाओं पर शोध कर सफल परिणाम हासिल कर लिए. वहीं, अब चिकित्सकों ने फिर से कमाल करके दिखा दिया. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. यशवंत राव व अन्य चिकित्सकों ने अति कुपोषित बच्चों के लिए पहली बार मेडिकल कालेज में ही ऐसा अमृत आहार तैयार कर दिया, जिससे बच्चों की सेहत पूरी तरह से बदल गई.

जीएसवीएम में चिकित्सकों ने की शोध
जीएसवीएम में चिकित्सकों ने की शोध

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव ने बताया, कि एलएलआर अस्पताल में कुछ बच्चों को यह आहार देने के बाद उनकी माताओं को बताया गया, कि कैसे आहार तैयार करें. फिर, दो माह के अंदर ही 900 से अधिक बच्चों में जबरदस्त बदलाव देखने को मिल गए. डा.यशवंत ने कहा, कि अब हमारी योजना है कि हम अस्पताल में आने वाले अतिकुपोषित बच्चों को एंटीबायटिक या अन्य दवाओं के बजाय अमृत आहार से ही ठीक करें.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव



दूध के पाउडर व देशी घी से बना अमृत आहार: डॉ.यशवंत राव ने बताया, कि अमृत आहार बनाने के लिए चिकित्सकों की टीम ने भुना चना, भुनी मूंगफली को पीसकर दूध के पाउडर में मिलाया. इसके बाद इस मिश्रण में देशी गुड़ मिलाया गया. हालांकि, गुड़ को पिघलाना था इसके लिए हमने थोड़ा सा गर्म नारियल तेल या देशी घी का उपयोग किया और फिर अमृत आहार को तैयार कर लिया. बोले, अगर माताएं भुना चना नहीं ले सकतीं हैं तो वह चने के स्थान पर गेहूं या बाजरा लेकर अमृत आहार बना सकती हैं.

उन्होंने यह भी कहा, कि अब अस्पताल आने वाली ऐसी माताओं को जिनके बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, उन्हें हम घर पर ही अमृत आहार बनाना सिखाएंगे. जिस तरह घरों में चरणामृत बनता है, ठीक वैसे ही चना-मूंगफली और गुड़ से अमृत आहार बनाया जा सकता है.

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