प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या को लेकर दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी औचित्यहीन होने के कारण खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिया है.
बता दें कि 29 नवंबर 2005 को हुई भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आधार पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का यह मुकदमा वर्ष 2007 में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था. मुख्तार अंसारी की तरफ से हाईकोर्ट में इस मामले में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. इसी मामले में मुख्तार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गाजीपुर की अदालत को सुनवाई करने का आदेश दिया था.
मुख्तार अंसारी की तरफ से कहा गया था कि गैंगस्टर एक्ट के मामले में अधिकतम सजा 10 साल कारावास होती है और मुख्तार अंसारी इस मामले में 10 साल से ज्यादा अवधि से जेल में है. इसलिए इस मामले में अब आगे रिमांड नहीं बनना चाहिए. हाईकोर्ट के निर्देश पर गाजीपुर की अदालत में मुख्तार को पर्सनल बांड पर रिहा किए जाने का आदेश दिया था. ऐसे में मुख्तार की जमानत अर्जी अब औचित्यहीन हो गई थी.
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर अदालत में पेशी के दौरान विशेष सुरक्षा की मांग की थी. इस सुनवाई से भी इलाहाबाद हाइकोर्ट ने इनकार कर दिया था. गौरतलब है कि गाजीपुर की एमपी एमलए कोर्ट में 21 साल पुराने उसरी चट्टी कांड में मामला लंबित है, जिसमें 10 जनवरी को सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की पेशी होनी थी. अपनी जान को खतरा बताते हुए मुख्तार अंसारी की ओर से विशेष सुरक्षा की मांग की गई थी. जिसको लेकर तत्काल सुनवाई से इलाहाबाद हाइकोर्ट ने इंकार कर दिया था. उसरी चट्टी कांड में 17 जनवरी को सुनवाई होनी है. जिसमें गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पेश होने का आदेश दिया है.
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