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Farmers Fair : कृषि उत्पादन आयुक्त बोले- दुनिया की हर फसल यूपी में हो सकती तैयार, यहां का मौसम सबसे मुफीद

सीएसए में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले के उद्घाटन (Farmers Fair Inauguration) पर मुख्य अतिथि कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया की हर फसल को यूपी (any crop can be produced in up) में तैयार किया जा सकता है. यहां का मौसम सबसे अनुकूल (favorable for Agriculture Production) है.

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किसान मेला उद्घाटन पर मुख्य अतिथि कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 9:43 PM IST

कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह मीडिया से बातचीत करते हुए

कानपुर: जिले में रविवार को शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले (three day farmers fair) के उद्घाटन अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह ने शिरकत की. वह बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि दुनिया की हर फसल यूपी में तैयार की जा सकती है. यहां की जो जलवायु है, भूमिगत जल है और जो अन्य कारक हैं वह सभी तरह की फसलों के लिए पूरी तरह अनुकूल हैं. दुनिया में अगर साल भर के बारिश संबंधी आंकड़ों को देखेंगे तो औसतन 200 से 300 मिमी. बारिश रिकार्ड की जाती है. जबकि, यूपी में यह आंकड़ा 700-800 मिमी. का रहता है. इसलिए हमारी फसलों को जो पानी चाहिए, वह भी प्राकृतिक रूप से मिल जाता है.

गन्ने से सालाना 45 हजार करोड़ की कमाई: कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह ने बताया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था अगर कुल 22 लाख करोड़ रुपये की है तो उसमें छह लाख करोड़ रुपये सालाना सरकार को कृषि क्षेत्र से मिलता है. इसमें एक लाख करोड़ रुपये की कमाई तो केवल दूध से हो जाती है. इसलिए, यदि हम कृषि के पूरे ढांचे को देखेंगे तो हमारे सामने एनीमल हसबेंड्री का क्षेत्र है, हॉर्टीकल्चर है. इसके अलावा केवल गन्ने से सालाना 45 हजार करोड़ रुपये आ जाता है और इतनी राशि सब्जियों और अन्य क्षेत्रों से आती है. इसलिए, सरकार का मुख्य उद्देश्य है खेती को बढ़ावा मिले और किसानों की अधिक से अधिक आमदनी हो. मेले में सीएसए के कुलपति डॉ.आनंद सिंह, डॉ.नौशाद खान, डॉ.आरके यादव, डॉ.खलील खान आदि मौजूद रहे.

इसे भी पढ़े-डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले, सपा-बसपा सरकार में गन्ना भुगतान के लिए किसानों को खानी पड़तीं थीं लाठियां

किसानों ने आधुनिक तकनीक वाले यंत्रों की ली जानकारी: मेले में प्रदेश के तमाम जिलों से आए किसानों ने खाद, बीज, आधुनिक तकनीक से बने यंत्रों की जानकारी ली. हरियाणा से पहुंचे एक निजी निर्माता कंपनी के यंत्र पॉवर वीडर को देखकर किसान आश्चर्यचकित हो गए. कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया, कि छोटे स्थानों में आसानी से खेती के लिए पॉवरवीडर बहुत उपयोगी है. इसकी लागत 35 से 75 हजार के बीच है. इसमें कृषि से जुड़े सभी छोटे-छोटे यंत्र लगाए जा सकते हैं. इसे मिनी बुलडोजर कम ट्रैक्टर कहा जा सकता है. चटक धूप होने के बावजूद सीएसए ग्राउंड के चारों ओर किसान खेती से जुड़ी जानकारियां जुटाते रहे.

यह भी पढ़े-मेरठ के कृषि कुंभ में जुटेंगे 6 राज्यों से वैज्ञानिक, 150 कंपनियां मेले में होंगी शामिल

कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह मीडिया से बातचीत करते हुए

कानपुर: जिले में रविवार को शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले (three day farmers fair) के उद्घाटन अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह ने शिरकत की. वह बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि दुनिया की हर फसल यूपी में तैयार की जा सकती है. यहां की जो जलवायु है, भूमिगत जल है और जो अन्य कारक हैं वह सभी तरह की फसलों के लिए पूरी तरह अनुकूल हैं. दुनिया में अगर साल भर के बारिश संबंधी आंकड़ों को देखेंगे तो औसतन 200 से 300 मिमी. बारिश रिकार्ड की जाती है. जबकि, यूपी में यह आंकड़ा 700-800 मिमी. का रहता है. इसलिए हमारी फसलों को जो पानी चाहिए, वह भी प्राकृतिक रूप से मिल जाता है.

गन्ने से सालाना 45 हजार करोड़ की कमाई: कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह ने बताया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था अगर कुल 22 लाख करोड़ रुपये की है तो उसमें छह लाख करोड़ रुपये सालाना सरकार को कृषि क्षेत्र से मिलता है. इसमें एक लाख करोड़ रुपये की कमाई तो केवल दूध से हो जाती है. इसलिए, यदि हम कृषि के पूरे ढांचे को देखेंगे तो हमारे सामने एनीमल हसबेंड्री का क्षेत्र है, हॉर्टीकल्चर है. इसके अलावा केवल गन्ने से सालाना 45 हजार करोड़ रुपये आ जाता है और इतनी राशि सब्जियों और अन्य क्षेत्रों से आती है. इसलिए, सरकार का मुख्य उद्देश्य है खेती को बढ़ावा मिले और किसानों की अधिक से अधिक आमदनी हो. मेले में सीएसए के कुलपति डॉ.आनंद सिंह, डॉ.नौशाद खान, डॉ.आरके यादव, डॉ.खलील खान आदि मौजूद रहे.

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किसानों ने आधुनिक तकनीक वाले यंत्रों की ली जानकारी: मेले में प्रदेश के तमाम जिलों से आए किसानों ने खाद, बीज, आधुनिक तकनीक से बने यंत्रों की जानकारी ली. हरियाणा से पहुंचे एक निजी निर्माता कंपनी के यंत्र पॉवर वीडर को देखकर किसान आश्चर्यचकित हो गए. कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया, कि छोटे स्थानों में आसानी से खेती के लिए पॉवरवीडर बहुत उपयोगी है. इसकी लागत 35 से 75 हजार के बीच है. इसमें कृषि से जुड़े सभी छोटे-छोटे यंत्र लगाए जा सकते हैं. इसे मिनी बुलडोजर कम ट्रैक्टर कहा जा सकता है. चटक धूप होने के बावजूद सीएसए ग्राउंड के चारों ओर किसान खेती से जुड़ी जानकारियां जुटाते रहे.

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