कानपुर: ढाई साल बाद आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर न्यूयार्क, शिकागो व सेन फ्रांसिस्कों की यात्रा करने जा रहे हैं. यह यात्रा कोई सामान्य यात्रा नहीं, बल्कि आने वाले समय में आईआईटी के छात्रों को इस यात्रा का जो निष्कर्ष निकलेगा उससे बहुत लाभ होगा. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर समेत कई अन्य प्रोफेसर उक्त तीनों शहरों में विभिन्न विश्वविद्यालयों से एक ओर जहां करार करेंगे, वहीं आईआईटी कानपुर में बनने वाले मेडिकल स्कूल, एनर्जी विभाग, छात्रावास की सुविधाओं को बेहतर करने व छात्रों को अधिक से अधिक सहूलियतें दिए जाने पर पूर्व छात्रों से सीधा संवाद करेंगे.
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने बताया कि वर्ष 2019 में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का प्रतिनिधिमंडल अमेरिका गया था. उसके बाद से कोरोना महामारी के चलते प्रोफेसर नहीं जा सके. हालांकि सभी पूर्व छात्रों से आनलाइन मीटिंग के माध्यम से संवाद किया गया. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों से करार के अलावा हम सभी प्रोफेसर वाशिंगटन डीसी में भारतीय राजदूत से भी मिलेंगे. इस दौरान उप निदेशक प्रो.गणेश, डीन आफ इंटरनेशनल रिलेशंस प्रो.योगेश जोशी, सीईओ आईआईटी कानपुर डेवलपमेंट फाउंडेशन कपिल कौल, प्रो.आशीष गर्ग व प्रो.जयंत कुमार सिंह भी उक्त तीनों शहरों की यात्रा पर निदेशक के साथ रहेंगे.
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने बताया कि न्यूयार्क, शिकागों व सेन फ्रांसिस्को में मुलाकात करने के लिए आईआईटी कानपुर में उन 40 टॉप एल्युमिनाई की सूची तैयार की गई है, जो संस्थान को अच्छी राशि में डोनेशन देते हैं. हमारी कोशिश होगी कि एनर्जी विभाग के लिए, मेडिकल स्कूल के बेहतर संचालन के लिए हम पूर्व छात्रों से कुछ और फंड जुटा सकें.
इन विश्वविद्यालयों से होगा करार
न्यूयार्क विवि: इलेक्ट्रिक एंड कंप्यूटर साइंस विभाग के लिए व मेडिकल स्कूल के संचालन के लिए.
यूनिवर्सिटी आफ लीनायज: अरबाना अभियान के लिए व मेडिकल स्कूल के संचालन के लिए.
यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया: साइबर सिक्योरिटी विभाग के लिए.
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