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कोर्ट के आदेश पर भी बेटे-बहू नहीं दे रहे बुजुर्ग पिता को पनाह

कानपुर से एक बार फिर एक बुजुर्ग पिता को बेघर करने का मामला सामने आया है. यहां कोर्ट का फैसला पक्ष में आने के बावजूद बेटे-बहू बुजुर्ग पिता का मकान खाली करने को राजी नहीं हैं. लिहाजा, पीड़ित पिता ने नौबस्ता थाने में आरोपी बहू-बेटे के खिलाफ फिर से तहरीर दी है.

कानपुर में बुजुर्ग पिता को घर से निकाला
कानपुर में बुजुर्ग पिता को घर से निकाला
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Published : Aug 3, 2021, 8:44 PM IST

कानपुर: शहर के नौबस्ता थाने में मंगलवार को एक बुजुर्ग पिता ने अपने ही बेटे-बहू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. आरोप है कि बेटे-बहू ने उन्हें घर से निकाल कर मकान पर कब्जा कर लिया. हालांकि, कोर्ट ने पहले ही पीड़ित पिता के पक्ष में फैसला देकर बेटों को मकान खाली करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद करीब एक वर्ष से मकान नहीं खाली किया गया. आरोप है कि मकान खाली करने का दबाव बनाने पर छोटा बेटा उन्हें जान से मारने की धमकी देता है. लिहाजा, अपनों से आजिज आकर बुजुर्ग थाने के चक्कर लगाने को मजबूर है.

पीड़ित बंशीधर गुप्ता नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित योगेंद्र विहार में रहते हैं. उनके साथ उनका छोटा बेटा पवन गुप्ता बहू प्रभुता देवी भी रहती थी. छोटा बेटा घर के किसी भी काम में सहयोग नहीं करता था. वो आए-दिन पिता वंशीधर से किसी न किसी बात पर झगड़ता रहता था. इसी बीच बहू प्रभुता और बेटे ने बंशीधर को मकान से निकाल दिया, जिसके बाद पिता ने अपने बेटे के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी. उसके बाद मामला कोर्ट में चला गया. मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला पिता पक्ष में आया, लेकिन बेटा और बहू मकान खाली करने को राजी नहीं हैं. घर खाली करने की बात पर दोनों पति-पत्नी पिता को जान से मारने के लिए धमकाते हैं. जान जाने के भय से पीड़ित बुजुर्ग मकान के बाहर एक छोटे से कमरे में अपना गुजारा करने को मजबूर है. मंगलवार को पिता डीसीपी दक्षिण रवीना त्यागी से न्याय की गुहार लगाने पहुंचा, लेकिन एक मीटिंग का वास्ता देकर डीसीपी से मुलाकात नहीं कराई गई.

मकान पाने को थाने के चक्कर लगा रहा बुजुर्ग.

इसे भी पढ़ें-कलयुगी बहू-बेटे ने मां-बाप को किया बेघर, कमिश्नर ने दिलाया हक

हालांकि, बुजुर्ग का मझिला बेटा कोर्ट के फैसले के बाद से ही मकान खाली करने को तैयार है, लेकिन छोटा बेटा और बहू अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. बुजुर्ग पिता ने बताया कि वो कॉस्मेटिक का सामान फेरी लगाकर बेचते हैं, जिससे उनकी जीविका चलती है.

कानपुर कमिश्नर असीम अरुण बुजुर्ग मां-बाप को दिलाया था हक
मालूम हो कि पिछले दिनों कानपुर शहर के जेके कॉलोनी में एक इकलौते बेटा और बहू मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी बनने के बजाय विलेन बन गए थे. उन्होंने बुजुर्ग मां-बाप को मारपीट कर घर से निकाल दिया था. लिहाजा, पीड़ित बुजुर्ग दंपति कानपुर कमिश्नर असीम अरुण के पास न्याय की आस लेकर गए थे. बुजुर्ग दंपति की दास्तां सुनकर पुलिस कमिश्नर का दिल भर आया. बिना देरी किए स्वयं कमिश्नर पीड़ित दंपति को अपने साथ लेकर उनके घर पहुंच गए थे. घर पहुंचकर उन्होंने पीड़ित दंपति को उनका हक वापस दिलाया. उन्होंने आरोपी बहू-बेटे पर शांतिभंग की धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया था. कमिश्नर ने बुजुर्ग दंपति को हर संभव मदद देने का आश्वासन देकर दिलासा भी बंधाया था. इस प्रकरण से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे देखकर लोग बेटे-बहू को कोस रहे थे.

कानपुर: शहर के नौबस्ता थाने में मंगलवार को एक बुजुर्ग पिता ने अपने ही बेटे-बहू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. आरोप है कि बेटे-बहू ने उन्हें घर से निकाल कर मकान पर कब्जा कर लिया. हालांकि, कोर्ट ने पहले ही पीड़ित पिता के पक्ष में फैसला देकर बेटों को मकान खाली करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद करीब एक वर्ष से मकान नहीं खाली किया गया. आरोप है कि मकान खाली करने का दबाव बनाने पर छोटा बेटा उन्हें जान से मारने की धमकी देता है. लिहाजा, अपनों से आजिज आकर बुजुर्ग थाने के चक्कर लगाने को मजबूर है.

पीड़ित बंशीधर गुप्ता नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित योगेंद्र विहार में रहते हैं. उनके साथ उनका छोटा बेटा पवन गुप्ता बहू प्रभुता देवी भी रहती थी. छोटा बेटा घर के किसी भी काम में सहयोग नहीं करता था. वो आए-दिन पिता वंशीधर से किसी न किसी बात पर झगड़ता रहता था. इसी बीच बहू प्रभुता और बेटे ने बंशीधर को मकान से निकाल दिया, जिसके बाद पिता ने अपने बेटे के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी. उसके बाद मामला कोर्ट में चला गया. मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला पिता पक्ष में आया, लेकिन बेटा और बहू मकान खाली करने को राजी नहीं हैं. घर खाली करने की बात पर दोनों पति-पत्नी पिता को जान से मारने के लिए धमकाते हैं. जान जाने के भय से पीड़ित बुजुर्ग मकान के बाहर एक छोटे से कमरे में अपना गुजारा करने को मजबूर है. मंगलवार को पिता डीसीपी दक्षिण रवीना त्यागी से न्याय की गुहार लगाने पहुंचा, लेकिन एक मीटिंग का वास्ता देकर डीसीपी से मुलाकात नहीं कराई गई.

मकान पाने को थाने के चक्कर लगा रहा बुजुर्ग.

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हालांकि, बुजुर्ग का मझिला बेटा कोर्ट के फैसले के बाद से ही मकान खाली करने को तैयार है, लेकिन छोटा बेटा और बहू अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. बुजुर्ग पिता ने बताया कि वो कॉस्मेटिक का सामान फेरी लगाकर बेचते हैं, जिससे उनकी जीविका चलती है.

कानपुर कमिश्नर असीम अरुण बुजुर्ग मां-बाप को दिलाया था हक
मालूम हो कि पिछले दिनों कानपुर शहर के जेके कॉलोनी में एक इकलौते बेटा और बहू मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी बनने के बजाय विलेन बन गए थे. उन्होंने बुजुर्ग मां-बाप को मारपीट कर घर से निकाल दिया था. लिहाजा, पीड़ित बुजुर्ग दंपति कानपुर कमिश्नर असीम अरुण के पास न्याय की आस लेकर गए थे. बुजुर्ग दंपति की दास्तां सुनकर पुलिस कमिश्नर का दिल भर आया. बिना देरी किए स्वयं कमिश्नर पीड़ित दंपति को अपने साथ लेकर उनके घर पहुंच गए थे. घर पहुंचकर उन्होंने पीड़ित दंपति को उनका हक वापस दिलाया. उन्होंने आरोपी बहू-बेटे पर शांतिभंग की धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया था. कमिश्नर ने बुजुर्ग दंपति को हर संभव मदद देने का आश्वासन देकर दिलासा भी बंधाया था. इस प्रकरण से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे देखकर लोग बेटे-बहू को कोस रहे थे.

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