कानपुरः छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में स्नातक और परास्नातक में प्राइवेट फॉर्म से दाखिले की प्रक्रिया पर रोक लगेगी. राज्यपाल ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कुलसचिव को पत्र लिखकर प्राइवेट फॉर्म भरवाने पर रोक लगाने के लिए निर्देशित किया है.
सीएसजेएमयू में लगा प्राइवेट फॉर्म पर बैन
राज्यपाल के निर्देश मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी इस पर काम शुरू कर दिया है. चरणबद्ध तरीके से प्राइवेट फार्म पर रोक लगाई जाएगी. विद्या परिषद और कार्य परिषद की सहमति के बाद इसे लागू किया जाएगा. आपको बता दें कि प्राइवेट फॉर्म अधिकतर वे छात्र भरते हैं जो किसी नौकरी या व्यवसाय से जुड़े रहते हैं.ऐसे में उनके पास रोज कक्षाएं अटेंड करने के लिए समय नहीं होता है. ऐसे में प्राइवेट फॉर्म भरकर वह लोग अपनी डिग्रियां लेते हैं. प्राइवेट फॉर्म भरने वाले छात्रों को परीक्षा के समय ही उपस्थित होते कर शामिल होते थे. पहले इसकी संख्या काफी अधिक थी, लेकिन बाद में बिना प्रैक्टिकल के विषयों को भरने की अनुमति दी गई थी.
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए लगी रोक
कानपुर यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर संजय स्वर्णकार ने बताया कि राजभवन ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्राइवेट फॉर्म भरवाने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय भी पूरी प्रक्रिया के तहत इसको लागू करेगा.
हर साल इतने छात्र भरते हैं प्राइवेट फॉर्म
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में पिछले साल करीब 30 से 35 हजार छात्रों ने प्राइवेट फॉर्म भरा था. उसके पहले लगभग 50 हजार छात्र-छात्राएं हर साल यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कॉलेजों के माध्यम से प्राइवेट फॉर्म भरते थे. 5 साल पहले तो लगभग 1 लाख छात्र प्राइवेट फॉर्म भरकर डिग्रियां हासिल कर रहे थे. विश्वविद्यालय से हर साल संस्थागत के साथ ही प्राइवेट फॉर्म भरवाए जाते हैं.
जाने क्या है अन्य विकल्प
विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों को राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, इग्नू से कोर्स करने के लिए कहा जाएगा. जिनमें छात्र-छात्राएं शामिल हो सकते हैं.
सीएसजेएमयू में भी प्राइवेट फॉर्म से दाखिले पर लगेगी रोक - Governor gave instructions to CSJMU
कानपुर की छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में भी स्नातक और परास्नातक में प्राइवेट फॉर्म भरवाने पर रोक लगाने के लिए राज्यपाल ने निर्देशित किया है.राज्यपाल ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों निर्देशित किया है.
कानपुरः छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में स्नातक और परास्नातक में प्राइवेट फॉर्म से दाखिले की प्रक्रिया पर रोक लगेगी. राज्यपाल ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कुलसचिव को पत्र लिखकर प्राइवेट फॉर्म भरवाने पर रोक लगाने के लिए निर्देशित किया है.
सीएसजेएमयू में लगा प्राइवेट फॉर्म पर बैन
राज्यपाल के निर्देश मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी इस पर काम शुरू कर दिया है. चरणबद्ध तरीके से प्राइवेट फार्म पर रोक लगाई जाएगी. विद्या परिषद और कार्य परिषद की सहमति के बाद इसे लागू किया जाएगा. आपको बता दें कि प्राइवेट फॉर्म अधिकतर वे छात्र भरते हैं जो किसी नौकरी या व्यवसाय से जुड़े रहते हैं.ऐसे में उनके पास रोज कक्षाएं अटेंड करने के लिए समय नहीं होता है. ऐसे में प्राइवेट फॉर्म भरकर वह लोग अपनी डिग्रियां लेते हैं. प्राइवेट फॉर्म भरने वाले छात्रों को परीक्षा के समय ही उपस्थित होते कर शामिल होते थे. पहले इसकी संख्या काफी अधिक थी, लेकिन बाद में बिना प्रैक्टिकल के विषयों को भरने की अनुमति दी गई थी.
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए लगी रोक
कानपुर यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर संजय स्वर्णकार ने बताया कि राजभवन ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्राइवेट फॉर्म भरवाने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय भी पूरी प्रक्रिया के तहत इसको लागू करेगा.
हर साल इतने छात्र भरते हैं प्राइवेट फॉर्म
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में पिछले साल करीब 30 से 35 हजार छात्रों ने प्राइवेट फॉर्म भरा था. उसके पहले लगभग 50 हजार छात्र-छात्राएं हर साल यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कॉलेजों के माध्यम से प्राइवेट फॉर्म भरते थे. 5 साल पहले तो लगभग 1 लाख छात्र प्राइवेट फॉर्म भरकर डिग्रियां हासिल कर रहे थे. विश्वविद्यालय से हर साल संस्थागत के साथ ही प्राइवेट फॉर्म भरवाए जाते हैं.
जाने क्या है अन्य विकल्प
विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों को राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, इग्नू से कोर्स करने के लिए कहा जाएगा. जिनमें छात्र-छात्राएं शामिल हो सकते हैं.
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