कानपुर: कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपियों में एक हाजी वसी के बेटे अब्दुल रहमान को जमानत मिल गई है. अब्दुल के साथ 10 और आरोपियों को जमानत मिली है. अब्दुल समेत 3 की रिहाई भी जेल से हो चुकी है.
हिंसा में आरोपी बाबा बिरयानी के मालिक का बेटा महमूद उमर को अंतरिम राहत मिली है. सुनवाई पूरी होने तक उसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं. बीते 3 जून को कानपुर के नई सड़क पर जमकर उपद्रव हुआ था. बताया जाता है कि उपद्रव की साजिश चंद्रेश्वर हाता कब्जाने के लिए की गई थी. इसमें बिल्डर हाजी वसी व उसका बेटा अब्दुल रहमान, मैनेजर हमजा के साथ बाबा बिरयानी का मालिक मुख्तार और उसका बेटा महमूद उमर समेत 56 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. अब इस मामले में एक-एक कर 10 आरोपितों को हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिल चुकी है. इसमें हाजी वसी का बेटा अब्दुल रहमान, जिस पर चंदेश्वर हाता पर हमले के लिए रुमाल हिला कर इशारा करने का आरोप है. वहीं, अब्दुल रहमान का साथ देने वाले अजीम और फरहान कालिया की जेल से रिहाई हो चुकी है. इन सभी को 1-1 लाख के दो बंद पत्र और इतनी ही धनराशि के एक निजी मुचलके पर रिहा किया गया है.
उधर मुख्तार बाबा के बेटे महमूद उमर की गिरफ्तारी नहीं हुई थी. महमूद ने जिला न्यायालय में अंतरिम जमानत अर्जी दी थी जो खारिज हो गई थी. अधिवक्ता मोहम्मद सलीम ने बताया कि महमूद की ओर से हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दी गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
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