कानपुर: कई माह पहले सीबीआई अफसरों ने सर्वोदय नगर स्थित ईपीएफओ कार्यालय से प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को तीन लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. अब इस मामले में जब सीबीआई अफसरों ने जांच की तो सामने आया, कि अमित और उनकी पत्नी के खातों में 71 लाख रुपये की रकम है. सीबीआई अफसरों का कहना है, जितनी अमित की सैलरी है, उसके मुताबिक नियमानुसार 19 लाख रुपये होने चहिए थे. लेकिन, अब 71 लाख रुपये की राशि मिलने पर सीबीआई के एसीबी इंस्पेक्टर अमित कुमार की ओर से इस मामले में नई एफआईआर दर्ज करा दी गई है. लखनऊ में जो एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें परिजनों के नाम से लाखों रुपये की चल और अचल संपत्ति होने का खुलासा किया गया है.
एक जनवरी 2020 से 25 अप्रैल 2022 तक कमाए 71 लाख रुपये: एफआईआर के मुताबिक प्रवर्तन अधिकारी ने एक जनवरी 2020 से 25 अप्रैल 2022 तक 71 लाख रुपये कमाए. हालांकि आय 19.49 लाख रुपये की हुई और 6.55 लाख रुपये खर्च किए गए. ऐसे में साफ है, कि आखिर 58 लाख रुपये की रकम आय से अधिक मिली. वहीं, इस मामले में प्रवर्तन अधिकारी को ईपीएफओ मुख्यालय से सस्पेंड किया जा चुका है. उसे क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय कोलकाता से संबद्ध कर दिया गया है. सीबीआई की ओर से जो एफआईआर दर्ज हुई, उसमें प्रवर्तन अधिकारी की आय, खर्च, बैंकों में जमा रकम और अचल संपत्ति का पूरा विवरण दिया गया है. शहर के स्वर्ण जयंती विहार में ईपीएफओ प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव का 23 लाख रुपये कीमत का एक प्लाट भी मिला.
कई अफसरों में मचा हड़कंप: ईपीएफओ के सर्वोदय नगर स्थित कार्यालय में जब सीबीआई ने प्रवर्तन अधिकारी अमित को अरेस्ट किया था. उसके बाद से लगातार अफसरों में हड़कंप की स्थित है. कई अफसरों को कार्यालय से ट्रांसफर करके अन्य शहरों में भेज दिया गया है. चर्चा है, कि सीबीआई के अफसर जल्द ही जांच के सिलसिले में दोबारा कानपुर आ सकते हैं.
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