कानपुर: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में 66 शिक्षकों का फर्जीवाड़ा सामने आया है. यह शिक्षक एक विश्वविद्यालय में सेवारत होने के बावजूद अन्य विश्वविद्यालयों के कॉलेज में भी पढ़ा रहे थे. जनसुनवाई समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली में की गई एक शिकायत से इस मामले का खुलासा हुआ है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई की तैयारी कर ली है.
जनसुनवाई पर की गई शिकायत से हुआ खुलासा
जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतकर्ता जे पी सिंह द्वारा की गई शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मचा हुआ है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कानपुर नगर, कानपुर देहात के साथ ही झांसी, जालौन, अंबेडकर नगर, बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर समेत दूसरे शहरों में संचालित डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के अनुमोदन की सूची भी दी है. यह शिक्षक एक विश्वविद्यालय में कार्यरत होने के बाद भी अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कॉलेज में पढ़ा रहे हैं. अब विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
कुलसचिव बोले होगी कार्रवाई
कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार यादव ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है. ऐसे शिक्षकों की सूची बनाकर कॉलेजों को नोटिस जारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनवा रही है, जिससे शिक्षक कई कॉलेजों में अनुमोदन नहीं करा पाएंगे. केंद्रीयकृत व्यवस्था के अंतर्गत एक कॉलेज में अनुमोदन के बाद जब दोबारा कहीं अनुमोदन कराने जाएंगे तो उनका ब्योरा कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगा.
CSJMU में 66 शिक्षकों का फर्जीवाड़ा आया सामने, कार्रवाई की तैयारी
यूपा के कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में कार्यरत 66 शिक्षकों द्वारा दो-दो जगह पढ़ाने का मामला सामने आया है. इस मामले में कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार यादव ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है.
कानपुर: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में 66 शिक्षकों का फर्जीवाड़ा सामने आया है. यह शिक्षक एक विश्वविद्यालय में सेवारत होने के बावजूद अन्य विश्वविद्यालयों के कॉलेज में भी पढ़ा रहे थे. जनसुनवाई समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली में की गई एक शिकायत से इस मामले का खुलासा हुआ है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई की तैयारी कर ली है.
जनसुनवाई पर की गई शिकायत से हुआ खुलासा
जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतकर्ता जे पी सिंह द्वारा की गई शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मचा हुआ है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कानपुर नगर, कानपुर देहात के साथ ही झांसी, जालौन, अंबेडकर नगर, बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर समेत दूसरे शहरों में संचालित डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के अनुमोदन की सूची भी दी है. यह शिक्षक एक विश्वविद्यालय में कार्यरत होने के बाद भी अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कॉलेज में पढ़ा रहे हैं. अब विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
कुलसचिव बोले होगी कार्रवाई
कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार यादव ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है. ऐसे शिक्षकों की सूची बनाकर कॉलेजों को नोटिस जारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनवा रही है, जिससे शिक्षक कई कॉलेजों में अनुमोदन नहीं करा पाएंगे. केंद्रीयकृत व्यवस्था के अंतर्गत एक कॉलेज में अनुमोदन के बाद जब दोबारा कहीं अनुमोदन कराने जाएंगे तो उनका ब्योरा कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगा.