कानपुर: आईआईटी कानपुर को वैसे तो वहां के छात्रों की उपलब्धियों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. हालांकि, जब छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं करते हैं तो उन्हें सजा भी दी जाती है. आईआईटी की सीनेट बैठक में आज विभिन्न पाठ्यक्रमों से कमजोर प्रदर्शन करने वाले 54 छात्र-छात्राओं को बर्खास्त कर दिया गया.
छात्रों को सस्पेंड करने के फैसले से कैंपस में हड़कंप की स्थिति है. वहीं, प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि आईआईटी के जो नियम हैं, उनके तहत उन छात्रों पर यह कार्रवाई की जाती है, जिनका पढ़ाई में प्रदर्शन कमजोर होता है. इसके अलावा कुछ ऐसे भी छात्र हैं, जिन्हें अनुशासनहीनता, अपने साथियों से खराब तरीके से व्यवहार का दोषी पाया गया. आईआईटी के प्रशासनिक अफसरों ने यह भी बताया कि जिन छात्रों को सस्पेंड किया गया है उनमें अधिकतर बीटेक, एमटेक और पीएचडी के हैं.
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इस पूरे मामले पर आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि आईआईटी की रूटीन बैठक थी. इसमें 54 छात्रों को विभिन्न कारणों से सस्पेंड किया गया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को आईआईटी प्रशासन की ओर से मर्सी अपील का मौका दिया जाएगा. वहीं, अगर छात्रों का प्रदर्शन लगातार खराब रहेगा तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उनका प्रदर्शन सुधर जाता है तो वह अपनी पढ़ाई को बेहतर ढंग से जारी रख सकेंगे.
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