कानपुर: वैसे तो सभी ने क्रिकेट, फुटबाल, रग्बी, बास्केटबाल, फुटबाल समेत कई अन्य खेलों का नाम सुना होगा और मैदानों पर संबंधित खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाते भी देखा होगा. हालांकि, खेलों में ही एक बेहद रोचक खेल शामिल है, जिसे ब्रिज कहा जाता है. करीब 500 साल पुराने इस ब्रिज खेल का नजारा शहर में 24 से 26 फरवरी तक दिखेगा.
शहर के कमला क्लब में 24 से 26 फरवरी तक राष्ट्रीय सर पदमपत सिंहानिया स्मारक ब्रिज प्रतियोगिता होने जा रही है. जिसमें सात अलग-अलग राज्यों के राजघरानों से खिलाड़ी हिस्सा लेने आएंगे. गुरुवार को आयोजक सचिव ललित खन्ना ने प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 22 सालों से कमला क्लब में ब्रिज टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है. इसमें एक से लेकर 12वें स्थान तक रहने वाले खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार के रूप में 2.97 लाख रुपये की कुल राशि भी दी जाएगी. सभी खिलाड़ियों के रहने व रुकने का प्रबंध भी आयोजकों की ओर से कराया गया है.
16वीं शताब्दी में हुई थी शुरुआत: आयोजक सचिव ललित खन्ना ने बताया कि ब्रिज खेल की शुरुआत 16वीं शताब्दी में लंदन से हुई थी. एक पादरी ने इस खेल को शुरू किया था. इस खेल में कांंट्रेक्ट ब्रिजिंग होती है, जिसे हम सामान्य भाषा में कोटपीस के गेम जैसा मिलता-जुलता खेल कह सकते हैं. तब से यह खेल लगातार उन खिलाड़ियों की पहली पसंद बन गया, जो राजघराने परिवारों से ताल्लुक रखते थे.
कानपुर शहर में इस खेल का संस्थापक स्व.सर पदमपत सिंहानिया को कहा जाता है. उन्होंने इस खेल को सभी तक पहुंचाया. अब जो खिलाड़ी आ रहे हैं वह आगामी तीन दिनों तक पूरी शिद्दत व अनुशासन के साथ इस खेल में प्रतिभाग करेंगे. दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कानपुर समेत अन्य राज्यों व शहरों के तमाम खिलाड़ी हिस्सा लेंगे.
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