कानपुर देहात: जिले में संस्थागत प्रसवों में महिला जिला अस्पताल फिसड्डी साबित हुआ है. इसको लेकर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सुधार के लिए पत्र जारी किया और फटकार लगाते हुए चेतावनी भी दी. जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रसव के बाद मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में फिसड्डी साबित होने के बाद जिला अस्पताल में संस्थागत प्रसवों में गिरावट आई है. इस पर जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम की नाराजगी के बाद सीएमओ ने महिला अस्पताल की सीएमएस को चेतावनी जारी करते हुए सुधार के निर्देश दिए हैं.
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर संस्थागत प्रसव कराने पर जोर
जिला अस्पताल महिला समेत सीएचसी रसूलाबाद, झींझक, संदलपुर, राजपुर, शिवली, सिकंदरा और पुखरायां में संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध है. शासन से लेकर जिले स्तर पर होने वाली जिला स्वास्थ्य समिति की हर होने वाली बैठकों में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर अधिक से अधिक संस्थागत प्रसव कराने पर जोर दिया जाता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसे अनसुना कर देते हैं. इसी के चलते गर्भवती सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी अस्पतालों की ओर रुख करती हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर गंभीर प्रसव केस आने पर जिला अस्पताल महिला अकबरपुर के लिए रेफर करने की व्यवस्था है. वहीं, विभागीय सूत्रों की माने तो उनका प्रमुख कारण महिला अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं और जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी बताते हैं. अगस्त माह में पाया गया कि जिला अस्पताल महिला में जहां साल 2019 में अगस्त तक 1577 संस्थागत प्रसव हुए थे, वहीं इस साल अगस्त तक सिर्फ 959 प्रसव हुए हैं. 618 प्रसवों की गिरावट दर्ज की गई है. इसको लेकर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने नाराजगी जताई है.
सीएमएस को जारी किया चेतावनी पत्र
मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश कटियार ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत इस साल महिला जिला अस्पताल में संस्थागत प्रसवों में काफी गिरावट आई है. इसको देखते हुए जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह अहम मुद्दा रहा है. सीएमएस को सुधार के लिए चेतावनी पत्र जारी किया गया है.