कानपुर देहात: जिले का मावर इलाका कुछ खास है, यहां के लोगों ने खुद के लिए आशियाना तो बनाया, लेकिन किसी भी आशियाने की ऊंचाई एक मंजिल से ऊपर नहीं गई. इतना ही नहीं यहां छत पर जाने के लिए किसी भी मकान में सीढ़ियां तक नहीं हैं. ऐसा भी नहीं है कि यहां के लोग आर्थिक रूप से सम्पन्न नहीं हैं, यहां के लोग आर्थिक और कृषि दोनों रूप से सम्पन्न हैं. बावजूद इसके यहां किसी ने दो मंजिला मकान नहीं बनवाया.
दो हजार की आबादी वाले इस गांव में दो मंजिला मकान न होने की वजह आस्था है. जी हां, यहां के लोगों का मानना है कि गांव में मौजूद हजरत काजी मुतैरक उल्लाह शेख शाह बाबा शरीफ नहीं चाहते कि कोई उनसे ऊपर लेट सके. मान्यता है कि यहां किसी ने दो मंजिला मकान बनाई भी थी, लेकिन आज उस परिवार में कोई चिराग जलाने वाला भी नहीं बचा है.
आस्था की इस लहर के चलते भले ही यहां के लोगों ने आज तक घरों की दूसरी मंजिल का निर्माण नहीं कराया है, लेकिन इस गांव की तस्वीरों से एक बात तो साफ हो जाती है कि आज भी देश में कई ऐसे इलाके हैं, जहां आस्था विकास पर भारी दिखाई पड़ती है.