कानपुर देहात: हिंदुस्तान के अगर अलग-अलग राज्यों की बात करे तो आज भी कुछ ऐसी खूबसूरती की मुगलकालीन धरोहर हमारे भारत देश में मौजूद है, जो आज गुमनामी के साये में चली गई है. ऐसा ही एक धरोहर है कानपुर देहात के गांव अमरौधा क्षेत्र के जंगल में मुगलकालीन बादशाह अलाउद्दीन खिलजी की बनवाई हुई इमारत, जो आज खंडहर में बदल गई है. यहां अब बेहद खतरनाक जहरीले जानवरों का डेरा है.
क्या है इस इमारत का इतिहास
अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का दूसरा शासक था. उसका साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर उत्तर-मध्य भारत तक फैला था. इसके बाद इतना बड़ा भारतीय साम्राज्य अगले तीन सौ सालों तक कोई भी शासक स्थापित नहीं कर पाया था.
यह इमारत बादशाह अलाउद्दीन खिलजी ने अपने सेनापति मलिक चमन के नाम से बनवाई थी व उनके मरने के बाद इसी इमारत में उनकी दरगाह बनवा दी गई जो आज ये मलिक चमन के नाम से जानी जाती है.
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ये इमारत अलाउद्दीन खिलजी के समय की बनी हुई है. जब से देश में बादशाहों का शासन खत्म हुआ, तब से खंडहर पड़ी हुई है.. इस ओर न तो सरकार ध्यान रही है और न ही प्रशासन.
-सैफू, ग्रामीण