कानपुर देहात: जनपद में एक सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका लता अग्निहोत्री ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) पर प्रताड़ित करने और भ्रष्टाचार करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. प्रधानाध्यापिका ने जब भ्रष्टाचार करने से मना किया तो बीएसए ने उनकी वेतन वृद्धि रोक दी. वहीं इस कार्रवाई से आहत प्रधानाध्यापिका ने स्कूल में बने कमरे में खुद को बंद कर लिया.
सूचना पर पहुंचे एसडीएम और पुलिस बल ने कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए प्रधानाध्यापिका लता अग्निहोत्री को बाहर निकाला. बाहर निकलते ही प्रधानाध्यापिका बेहोश हो गई. उन्हें एम्बुलेंस द्वारा इलाज के लिए सीएचसी पुखरायां में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया.
स्कूल में जांच करने पहुंचे खण्ड शिक्षा अधिकारी भी बीएसए द्वारा की गई कार्रवाई से हैरान नजर आए. फिलहाल खण्ड शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापिका को एक सप्ताह का अवकाश देकर आराम करने को कहा है. प्रधानाध्यापिका इस प्रकरण को लेकर जिलाधिकारी व शिक्षा सचिव (शासन स्तर) से भी शिकायत कर चुकी हैं, बावजूद इसके अभी तक किसी अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया.
प्रधानाध्यापिका लता अग्निहोत्री ने बताया कि बीएसए ने अपने चहेते ठेकेदारों द्वारा विद्यालय में फर्नीचर भिजवा दिया. फर्नीचर स्कूल में टूटा हुआ भेजा गया था. बीएसए फर्नीचर का भुगतान चेक से करने का दबाव बना रहे थे. भुगतान करने से मना किया तो उनके द्वारा वेतन वृद्धि रोक दी गई और विभागीय कार्रवाई किए जाने की बात कहकर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है.
प्रधानाध्यापिका ने कहा कि चुनाव के दौरान विद्यालय की वायरिंग कराने के लिए कहा गया था. आदेश के बाद उन्होंने हैविल्स कंपनी के पंखे और ब्रांडेड कंपनी के वायर से वायरिंग करा दी, जिसके बाद अब उन्हें वायरिंग को लेकर भी प्रताड़ित किया जा रहा है.
प्रधानाध्यापिका लता अग्निहोत्री ने एसडीएम से बीएसए की प्रताड़ना की बात बताई थी. उन्होंने एसडीएम को बताया था कि विद्यालय फंड से पांच हजार का चेक काटे जाने का दबाव बनाया जा रहा है.
मामले की जांच करने खंड शिक्षा अधिकारी उदय कटियार स्कूल पहुंचे, जहां मौजूद प्रधानाध्यापिका से उन्होंने बात कर विद्यालय के फर्नीचर और वायरिंग को देखा. उन्हें वायरिंग ब्रांडेड कंपनी की और पंखे हैविल्स कंपनी के लगे मिले.
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