कानपुर देहातः देश के बहुचर्चित बेहमई कांड मामले की सुनवाई एक बार फिर न्यायालय द्वारा टल गई है. अब इस मामले की सुनवाई डकैती स्पेशल कोर्ट 27 अप्रैल को होगी. मूल केस डायरी पत्रावली न मिलने पर पिछली तारीख पर फैसला नहीं आ सका था और इस बार भी इसी वजह से सुनवाई टाल दी गई. सुनवाई के दौरान आरोपी भीखा और विश्वनाथन, वादी जंटर सिंह कोर्ट में मौजूद रहे.
फूलन देवी ने 20 लोगों को भून दिया था
जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 20 लोगों को गोलियों से भून दिया था. इस घटना की मुख्य आरोपी फूलन देवी की हत्या हो चुकी है. वहीं, वादी राजाराम सिंह का पिछले साल 13 दिसंबर को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था. इस पूरी घटना में मारे गए लोगों के परिजन न्याय पाने के लिए 40 सालों से न्यायालय के चक्कर लगा रहे हैं. हर बार उन्हें न्याय तो नहीं पर तारीख ही मिल रही है.
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केस की मूल डायरी नहीं मिल रही
बेहमई कांड चर्चित मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद जब फैसला की नौबत आई तो कोर्ट की पत्रावली में मूल केस डायरी नहीं मिली थी. इसके बाद डीजीपी ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था. इस मामले में जिला जेल में बंद बेहमई कांड का एक आरोपी डाकू पोसा भी लंबे समय से बीमार चल रहा है. इससे उसे अदालत में अब पेश नहीं किया जा रहा है. जेलर कुश कुमार ने बताया कि वृद्धावस्था होने की वजह से पोसा अक्सर अस्वस्थ रहता है और उसे चलने में भी बड़ी दिक्कत है. जेल के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार तिवारी ने बताया कि अब बेहमई कांड की सुनवाई की तारीख न्यायालय द्वारा 27 अप्रैल तय की गई है.