कानपुर देहातः जिले के अमराहट थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली छात्रा के परिजनों का आरोप है कि गांव के युवकों ने उसकी हत्या कर लाश पेड़ में लटका दी. परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस इस मामले में सक्रियता दिखा देती तो आज छात्रा जिंदा होती.
परिजनों के मुताबिक छह माह पूर्व गांव के रूप सिंह, आलोक और नरेश ने ज़मीनी विवाद के चलते छात्रा से छेड़खानी की थी. इसके बाद छात्रा की ओर से थाने में तीनों के खिलाफ धारा 354 और पॉक्सो एक्ट का मुकदमा लिखाया गया था. छात्रा के परिजनों का आरोप है कि इसी के बाद से तीनों आरोपी मुकदमा वापस लेने के लिए छात्रा के परिजनों को धमका रहे थे. इसकी शिकायत कई बार करने के बावजूद पुलिस ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई.
आरोप है कि पुलिस ने उस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की. इससे उनके हौसले और बुलंद हो गए. मौका पाकर तीनों आरोपियों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी. परिजनों का कहना है कि छात्रा का सपना पुलिस महकमे में जाने का था. वह जनता की सेवा करना चाहती थी. खाकी की लापरवाही के चलते ही उसकी जान चली गई.
उधर, पुलिस के आलाधिकारी अब अपने विभाग की लापरवाही पर पर्दा डाल रहे हैं. पुलिस को पुराने मामले में चार्जशीट लगाने की अब याद आई है. नियम के अनुसार पुलिस को किसी भी मामले में 90 दिनों के भीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करनी होती है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस मामले में छह महीने बीत जाने के बावजूद आखिर चार्जशीट क्यों नहीं दाखिल की गई?
अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया का कहना है कि परिजनों ने छात्रा की हत्या का आरोप लगाया है. शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी.
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