कानपुर देहात: जनपद में गुरुवार को टॉप 10 गैंगेस्टर सुरेश फौजी के ढाबे और ढाई करोड़ की संपत्ति को सीज किया गया. डेरापुर थाना क्षेत्र के बिहारी गांव के पास हाईवे पर स्थित वैष्णो ढाबा सीज किया गया. साथ ही प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ ढाई करोड़ की संपत्ति सीज कर दी.
बिकरू गांव की घटना के बाद कानपुर देहात पुलिस और जिला प्रशासन ने अपराधियों पर तेजी से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जिले में चर्चित बिहारी गांव निवासी टॉप टेन अपराधी बाहुबली सुरेश फौजी की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी पूरी कर ली गई थी. सुरेश फौजी बिहारी गांव के पास पहले फौजी ढाबा के नाम से ढाबा चलाता था. इसके बाद नाम बदल कर नाम अब मां वैष्णो ढाबा रख दिया गया था. सुरेश फौजी के खिलाफ डेरापुर थाने में 15 और अकबरपुर कोतवाली दो मुकदमे दर्ज हैं. इसमें हत्या लूट के दो, जान से मारने का प्रयास, अवैध शस्त्र रखने और अवैध शराब की बिक्री आदि के मामले शामिल हैं.
सुरेश फौजी पर हो चुकी है गैंगस्टर की कार्रवाई
सुरेश फौजी पर भू-माफिया और गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जा चुकी है. उसका अकबरपुर स्थित एक बैंक में खाता भी सीज कर दिया गया है. उसके खाते में 20 हजार रुपये थे. सुरेश फौजी की सीज संपत्ति को तहसील प्रशासन अपने अनुसार ही इस्तेमाल करेगा. इसके पहले भी सुरेश फौजी के ढाबा को ढहाने और सरकारी जमीन को कब्जामुक्त कराने की कोशिश हो चुकी थी, लेकिन सपा सरकार में सुरेश फौजी का काफी दबदबा था.
वर्ष 2016 में सरकारी जमीन खाली कराने पहुंचे तत्कालीन एसडीएम हरिहर राम और तहसीलदार ओपी शुक्ला को उसके गुर्गों ने धमका कर भगा दिया था. साथ ही पुलिस पर फायरिंग की गई थी. इस दौरान अफसर बैक फुट पर आ गए थे. इस मामले में डीएम के निर्देश पर छानबीन हुई थी और अवैध निर्माण ढहाया गया था. कुछ समय बाद सुरेश फौजी ने फिर ढाबा शुरू कर दिया. बिकरू की घटना के बाद सरकार का सख्त रुख होने पर फिर सुरेश के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है और अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्ति को कुर्क कर लिया गया है. सुरेश फौजी मूलरूप से रूरा थाना के जगदीशपुर गांव का रहने वाला है. वह लंबे समये से डेरापुर के बिहारी गांव में ही रहता है.