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अपहरण के आरोपी को 5 साल की सजा

कानपुर देहात में पांच साल पहले अपहरण मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को पांच साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड जमा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

आरोपी को पांच साल कैद की सजा
आरोपी को पांच साल कैद की सजा
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Published : Feb 6, 2021, 8:50 PM IST

कानपुर देहात: जिले के घाटमपुर क्षेत्र से किशोरी के अपहरण के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को पांच साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

2016 में दर्ज हुआ था मुकदमा
सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने बताया कि घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र निवासी सियाराम ने गजनेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी 15 वर्षीय पुत्री को प्रमोद उर्फ अंकित कुशवाहा ले गया है. मामले की रिपोर्ट 18 मई 2016 को दर्ज कराई गई थी. इसकी सुनवाई लगातार कानपुर देहात के न्यायालय फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी.

10 हजार रुपये का अर्थदंड भी देगा होगा
इस पूरे अपहरण के मामले में एडीजी-1 फास्ट ट्रैक कोर्ट में अभिषेक कुमार चतुर्वेदी की अदालत में सुनवाई चल रही थी. अभियोजन की ओर से गवाह के रूप में वादी, उसकी पुत्री, पत्नी, विवेचक, डॉक्टर और एफआईआर लेखक को पेश किया गया. इन लोगों ने घटना की पुष्टि की. वहीं बचाव पक्ष ने जमीन की रंजिश में झूठा मुकदमा दर्ज कराने की बात कही. गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी अंकित को पांच साल की सजा सुनाई गई. साथ ही दस हजार रुपये अर्थदंड जमा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

कानपुर देहात: जिले के घाटमपुर क्षेत्र से किशोरी के अपहरण के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी को पांच साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

2016 में दर्ज हुआ था मुकदमा
सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने बताया कि घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र निवासी सियाराम ने गजनेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी 15 वर्षीय पुत्री को प्रमोद उर्फ अंकित कुशवाहा ले गया है. मामले की रिपोर्ट 18 मई 2016 को दर्ज कराई गई थी. इसकी सुनवाई लगातार कानपुर देहात के न्यायालय फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी.

10 हजार रुपये का अर्थदंड भी देगा होगा
इस पूरे अपहरण के मामले में एडीजी-1 फास्ट ट्रैक कोर्ट में अभिषेक कुमार चतुर्वेदी की अदालत में सुनवाई चल रही थी. अभियोजन की ओर से गवाह के रूप में वादी, उसकी पुत्री, पत्नी, विवेचक, डॉक्टर और एफआईआर लेखक को पेश किया गया. इन लोगों ने घटना की पुष्टि की. वहीं बचाव पक्ष ने जमीन की रंजिश में झूठा मुकदमा दर्ज कराने की बात कही. गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी अंकित को पांच साल की सजा सुनाई गई. साथ ही दस हजार रुपये अर्थदंड जमा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

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