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बारिश न होने से कानपुर देहात में किसान झेल रहा दोहरी मार - farmers facing problem in kanpur dehat

यूपी के कानपुर देहात में एक बार फिर किसानों पर मुसीबत आ पड़ी है. धान की रोपाई का काम जोरों पर है, लेकिन बारिश न होने और डीजल मूल्य वृद्धि का सीधा असर किसानों पर आर्थिक तौर पर पड़ रहा है. धान की फसल की लागत बढ़ रही है, जिससे किसान चिंतित है.

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किसान.
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Published : Jul 17, 2020, 3:59 AM IST

कानपुर देहात: जिले में एक बार फिर किसानों पर मुसीबत आ पड़ी है. खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है. धान की रोपाई का काम जोरों पर है, लेकिन बारिश न होने और डीजल मूल्य वृद्धि का सीधा असर किसानों पर आर्थिक तौर पर पड़ रहा है. धान की फसल की लागत बढ़ रही है, जिससे किसान चिंतित है.

धान की फसल के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है. इस क्षेत्र में गेहूं और धान की फसल की खेती प्रमुखता से की जाती है, लेकिन बारिश न होने से किसान परेशान दिख रहा है. ऐसे में बारिश के अभाव में किसान इंजन चलाकर खेतों में सिंचाई कर रहे हैं, जोकि अतिरिक्त बोझ बनकर उनकी कमर तोड़ रहा है. ऐसी स्थिति में किसान को धान की फसल बहुत महंगी पड़ रही है. फसल बोने के समय किसान को सबसे ज्यादा जरूरत डीजल की होती है, क्योंकि किसान अब खेती का सारा काम मशीन और ट्रैक्टर से करता है. वहीं डीजल के बढ़ते दामों ने किसानों का जीना मुहाल कर दिया है.

किसानों को अपनी धान की फसल रोपाई के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है. जुलाई माह में मूसलाधार बारिश के समय कृषक परिवार की महिलाएं मंगलगीत गाकर धान की रोपाई करती थीं. वहीं अब कड़ाके की धूप निकल रही है, जो किसानों के लिए मुसीबत है. बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी समयानुसार बारिश न होने किसानों को सूखाग्रस्त होने की चिंता सता रही है.

कानपुर देहात: जिले में एक बार फिर किसानों पर मुसीबत आ पड़ी है. खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है. धान की रोपाई का काम जोरों पर है, लेकिन बारिश न होने और डीजल मूल्य वृद्धि का सीधा असर किसानों पर आर्थिक तौर पर पड़ रहा है. धान की फसल की लागत बढ़ रही है, जिससे किसान चिंतित है.

धान की फसल के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है. इस क्षेत्र में गेहूं और धान की फसल की खेती प्रमुखता से की जाती है, लेकिन बारिश न होने से किसान परेशान दिख रहा है. ऐसे में बारिश के अभाव में किसान इंजन चलाकर खेतों में सिंचाई कर रहे हैं, जोकि अतिरिक्त बोझ बनकर उनकी कमर तोड़ रहा है. ऐसी स्थिति में किसान को धान की फसल बहुत महंगी पड़ रही है. फसल बोने के समय किसान को सबसे ज्यादा जरूरत डीजल की होती है, क्योंकि किसान अब खेती का सारा काम मशीन और ट्रैक्टर से करता है. वहीं डीजल के बढ़ते दामों ने किसानों का जीना मुहाल कर दिया है.

किसानों को अपनी धान की फसल रोपाई के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है. जुलाई माह में मूसलाधार बारिश के समय कृषक परिवार की महिलाएं मंगलगीत गाकर धान की रोपाई करती थीं. वहीं अब कड़ाके की धूप निकल रही है, जो किसानों के लिए मुसीबत है. बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी समयानुसार बारिश न होने किसानों को सूखाग्रस्त होने की चिंता सता रही है.

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