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कानपुर देहात: धान खरीद केंद्रों पर किसानों को नहीं मिल रही सुविधा

यूपी के कानपुर देहात में किसानों को धान खरीद केंद्रों पर बेहतर सुविधा नहीं मिल रही है. ऐसे में किसानों को काफी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है.

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धान खरीद केंद्रों पर नहीं मिल रही उचित सुविधा.
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Published : Nov 29, 2019, 7:30 AM IST

कानपुर देहात: पिछले दिनों धान खरीद केंद्रों पर किसानों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए सीएम योगी ने सभी जिलों के अधिकारियों को धान खरीद केंद्रों पर किसानों को बेहतर सुविधा देने का आदेश दिया था. इसके बाद भी मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बने अकबरपुर धान खरीद केंद्र में मिलने वाली बेहतर सुविधा के सारे आदेश झूठे साबित हो रहे हैं.

धान खरीद केंद्रों पर किसानों को नहीं मिल रही कोई सुविधा.

फेल होता वादा
जिले के अकबरपुर में सरकारी धान खरीद केंद्र बनाया गया है, लेकिन केंद्र पर किसानों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. यहां तक कि धान खरीद केंद्रों पर पीने के लिए पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है. धान खरीद केंद्र में किसान अपना धान लेकर आते हैं, लेकिन उनकी गाड़ियों से धान की बोरियां उतारने के लिए पल्लेदार तक नहीं मिलते हैं. किसानों को अपना ध्यान खुद ही उतारना पड़ता है.

नहीं मिल रही उचित व्यवस्था
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस साल 2019 में 53 केंद्र धान खरीद हेतु जिले में बनाए गए हैं. इस बार जिले में धान खरीद का टारगेट 94 हजार मैट्रिक टन दिया गया है. 1 नवम्बर से खरीद चालू हो गई है. 1500 मैट्रिक टन धान जनपद में खरीदा जा चुका है, लेकिन फिर भी वहां पर किसानों को मिलने वाली किसी सुविधा की उचित व्यवस्था नहीं कि गई है. धान खरीद केंद्रों पर किसानों को काफी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है.

कानपुर देहात: पिछले दिनों धान खरीद केंद्रों पर किसानों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए सीएम योगी ने सभी जिलों के अधिकारियों को धान खरीद केंद्रों पर किसानों को बेहतर सुविधा देने का आदेश दिया था. इसके बाद भी मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बने अकबरपुर धान खरीद केंद्र में मिलने वाली बेहतर सुविधा के सारे आदेश झूठे साबित हो रहे हैं.

धान खरीद केंद्रों पर किसानों को नहीं मिल रही कोई सुविधा.

फेल होता वादा
जिले के अकबरपुर में सरकारी धान खरीद केंद्र बनाया गया है, लेकिन केंद्र पर किसानों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. यहां तक कि धान खरीद केंद्रों पर पीने के लिए पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है. धान खरीद केंद्र में किसान अपना धान लेकर आते हैं, लेकिन उनकी गाड़ियों से धान की बोरियां उतारने के लिए पल्लेदार तक नहीं मिलते हैं. किसानों को अपना ध्यान खुद ही उतारना पड़ता है.

नहीं मिल रही उचित व्यवस्था
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस साल 2019 में 53 केंद्र धान खरीद हेतु जिले में बनाए गए हैं. इस बार जिले में धान खरीद का टारगेट 94 हजार मैट्रिक टन दिया गया है. 1 नवम्बर से खरीद चालू हो गई है. 1500 मैट्रिक टन धान जनपद में खरीदा जा चुका है, लेकिन फिर भी वहां पर किसानों को मिलने वाली किसी सुविधा की उचित व्यवस्था नहीं कि गई है. धान खरीद केंद्रों पर किसानों को काफी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है.

Intro:नोट_यहा खबर sarveshwar pathak सर के आदेशानुसार भेजी जा रही है।

एंकर_यू पी के जनपद कानपुर देहात में अन्नदाता अपने ही अनाज को लेकर परेशान घूम रहे हैं..जबकि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलो के अघिकारियों को सख्त आदेश दिए थे.. की जितने भी मंडी समिति व सरकारी धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं...उन केंद्रों में सभी किसानों को अच्छी और बेहतर सुविधा दी जाए... जिसके चलते किसान अपना धान खरीद केंद्रों पर बिना किसी परेशानी के बेच सकें... लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम ने सरकारी धान खरीद केंद्रों की रियल्टी चेक की तो तस्वीरें कुछ अलग ही देखने को मिली... मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बना अकबरपुर में मंडी समिति में जो सरकारी केंद्र बनाया गया है...वहां पर अन्नदाता अपनी ट्रैक्टर में धान लादकर बेचने के लिए लाते तो जरूर है..लेकिन ना तो समय से उनके धान को लिया जा रहा है... नाही उनकी लोड गाड़ियां खाली कराई जा रही है... जिसके चलते अन्नदाता किसान बेहद परेशान दिखे...और कुछ किसान तो अपनी लोडर गाड़ियां छोड़कर चले गए...क्योंकि उनकी गाड़ियों पर लदे धान को उतारने वाला कोई नहीं है... और अन्नदाता अपना धान खुद उतार रहे हैं...सरकार की तरफ से मिलने वाली धान खरीद केंद्रों पर बेहतर सुविधा को लेकर कानपुर देहात में दवे फेल साबित हुए....


Body:वी0ओ0_यह तस्वीर है..कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित मंडी समिति की जहां पर सरकार की तरफ से सरकारी धान खरीद केंद्र बनाया गया है... लेकिन वहां पर ना तो किसानों को किसी प्रकार से सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधा दी जा रही है... नाही पीने के पानी की व्यवस्था है... यहां तक कि किसान अपना धान लेकर धान खरीद केंद्र तो आते हैं... लेकिन उनकी गाड़ियों से धान की बोरियां उतारने के लिए पल्लेदार तक नहीं दिए गए हैं..और किसानों को अपना ध्यान खुद उतारना पड़ रहा है... जिसके चलते काफी अन्नदाता अपना ध्यान बेचने अकबरपुर के धान खरीद केंद्र पर आए तो जरुर लेकिन जब वहां पर कोई सुविधा ना मिली तो ट्राली सहित लदी धान की बोरियों को छोड़कर भाग गए.. जिसके चलते वहां पर किसानों का माल भारी मात्रा में इकट्ठा हो गया है.. और कुछ किसान अन्नदाता वहां पर चार चार दिन तक रुकने के लिए मजबूर है..और जिले के अधिकारी जाकर उनकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझते है.जब यह हाल कानपुर देहात के माती मुख्यालय के महज 6 किलोमीटर की दूरी का है.. तो जनपद के अन्य धान खरीद केंद्रों का क्या होगा....


Conclusion:वी0ओ0_तो वही पर जिले के अधिकारियों ने etv भारत पर 11 दिन पहले दावा किया था..की इस साल 2019 में 53 केंद्र धान खरीद हेतु बनाये गए है..और इस बार धान खरीद का टारगेट जनपद को 94 हजार मैट्रिक टन का टारगेट दिया गया है..और एक नवम्बर से खरीद चालू हो गई है..धीरे धीरे प्रगति आ रही है..और 1500 मैट्रिक टन धान जनपद में खरीदा जा चुका है..जिसमे किसानों के लिए बेहतर सुविधा की व्यस्था की गई है..इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर देहात जनपद को 94 हजार मैट्रिक टन धान खरीदने का टारगेट दिया गया है..लेकिन जब आज etv भारत की टीम ने आज रियल्टी चेक की तो तस्वीरे कुछ अलग ही देखने को मिली और किसानों के लिए बेहतर सुभिधा की बात गलत साबित हुई.....

वाईट_किशोर (परेशान किसान)

वाईट_सोनू तिवारी (परेशान किसान)

Date- 28_11_2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma

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