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कानपुर देहात में डीएम की अनोखी पहल, पराली के बदले दे रहे ये

यूपी के कानपुर देहात में प्रदूषण नियंत्रण के लिए डीएम ने एक अनोखी पहल की है. उन्होंने पराली देने वाले किसानों को बदले में धोती-कुर्ता और कंबल प्रदान कर सम्मानित करने का अभियान शुरू किया है. जिले के किसानों ने प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है.

प्रदूषण नियंत्रण के लिए अनोखी पहल.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए अनोखी पहल.
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Published : Nov 10, 2020, 5:40 PM IST

कानपुर देहात: उन्नाव के बाद अब कानपुर देहात में भी जिला प्रशासन ने अनोखी पहल शुरू की है. इसके तहत पराली देने वाले किसानों को बदले में खादी ग्रामोद्योग भंडार का एक धोती-कुर्ता, कम्बल और टोपी पहनाकर सम्मानित किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इस अभियान की शुरुआत की है.

प्रदूषण नियंत्रण के लिए अनोखी पहल.
अनोखे अभियान की शुरुआतजिला प्रशासन ने कृषि विभाग के साथ मिलकर एक अनोखा अभियान शुरू किया है. इसके तहत जनपद के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने किसानों से निवेदन किया है कि वह पराली लेकर जिले के अधिकारियों के पास आएं. उस पराली को पास की गोशाला में दे दिया जाएगा. पराली लाने वाले किसानों को एक धोती-कुर्ता और कम्बल और टोपी देकर सम्मानित किया जाएगा. किसानों को पुआल की समस्या से निबटने के लिए पराली को खेत में ही जलाना पड़ता है. हर साल जलने वाली पराली अब गोशालाओं में रहने वाले पशुओं के लिए चारा बनेगी.जिला प्रशासन को 500 मीट्रिक टन पराली दानजिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री की प्रेरणा से गोवंशों के लिए जनपद के किसानों से दान स्वरूप पराली मांगी गई है. किसानों ने मंगलवार को 500 मीट्रिक टन पराली जिला प्रशासन को दान की है. पराली देने वाले किसानों को एक धोती-कुर्ता, कम्बल देकर और टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया है.

कानपुर देहात: उन्नाव के बाद अब कानपुर देहात में भी जिला प्रशासन ने अनोखी पहल शुरू की है. इसके तहत पराली देने वाले किसानों को बदले में खादी ग्रामोद्योग भंडार का एक धोती-कुर्ता, कम्बल और टोपी पहनाकर सम्मानित किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इस अभियान की शुरुआत की है.

प्रदूषण नियंत्रण के लिए अनोखी पहल.
अनोखे अभियान की शुरुआतजिला प्रशासन ने कृषि विभाग के साथ मिलकर एक अनोखा अभियान शुरू किया है. इसके तहत जनपद के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने किसानों से निवेदन किया है कि वह पराली लेकर जिले के अधिकारियों के पास आएं. उस पराली को पास की गोशाला में दे दिया जाएगा. पराली लाने वाले किसानों को एक धोती-कुर्ता और कम्बल और टोपी देकर सम्मानित किया जाएगा. किसानों को पुआल की समस्या से निबटने के लिए पराली को खेत में ही जलाना पड़ता है. हर साल जलने वाली पराली अब गोशालाओं में रहने वाले पशुओं के लिए चारा बनेगी.जिला प्रशासन को 500 मीट्रिक टन पराली दानजिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री की प्रेरणा से गोवंशों के लिए जनपद के किसानों से दान स्वरूप पराली मांगी गई है. किसानों ने मंगलवार को 500 मीट्रिक टन पराली जिला प्रशासन को दान की है. पराली देने वाले किसानों को एक धोती-कुर्ता, कम्बल देकर और टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया है.
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