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छात्रा से छेड़खानी के आरोप में जेल भेजे गए शिक्षक के समर्थन में उतारा जिला शिक्षक संघ, दर्ज शिकायत को बताया फर्जी, SP ने मांगी रिपोर्ट - पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा

सरकार स्कूल चलो अभियान चला रही है, ताकि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़े और शिक्षा ग्रहण कर बच्चे देश निर्माण के मार्ग में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करा सके. लेकिन जनपद में शिक्षा की अलख जगाने वाले एक शिक्षक को ऐसा करना मंहगा पड़ गया.

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Published : May 4, 2022, 9:31 AM IST

कानपुर देहात: गुरुर ब्रह्मा, गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरः कहते हैं कि संसार में गुरु का महत्व सबसे अधिक है और उनसे बढ़कर कोई नहीं है. लेकिन कानपुर देहात में गुरु के साथ जो घटना घटी, उसने गुरु और शिष्य के रिश्ते को तार-तार कर दिया. सरकार स्कूल चलो अभियान चला रही है, ताकि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़े और शिक्षा ग्रहण कर बच्चे देश निर्माण के मार्ग में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करा सके. लेकिन जनपद में शिक्षा की अलख जगाने वाले एक शिक्षक को ऐसा करना मंहगा पड़ गया. बच्चों को घर-घर जाकर स्कूल आने के लिए प्रेरित करने वाले शिक्षक को अब इसकी कीमत जेल जाकर चुकानी पड़ी है.

वहीं, शिक्षक पर कक्षा 7वीं की एक छात्रा के परिजनों ने छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. दरअसल, ये मामला जनपद कानपुर देहात के थाना मूसानगर क्षेत्र का है, जहां एक गांव के परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा 7वीं की छात्रा ने शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है और पिता की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. बताया गया कि मूसानगर थाना क्षेत्र के एक गांव में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर तैनात शिक्षक राजेंद्र गुप्ता स्कूल चलो अभियान के तहत अपने स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर अभिवावकों से बच्चों को स्कूल भेजने का निवेदन कर रहे थे व उसी गांव की एक बच्ची जो कई दिनों से स्कूल नहीं आ रही थी के घर पहुंचने पर उसने प्रतिदिन स्कूल आने की बात कही.

इसे भी पढ़ें - प्रयागराज: पांच लोगों की हत्या करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस मुठभेड़ में तीन डकैत घायल

वहीं, अगले दिन देर से स्कूल पहुंचने पर शिक्षक ने छात्रा को डांट लगाई और रोजाना स्कूल आने को कहा. इस पर छात्रा नाराज हो गई और उसने घर पहुंचकर परिजनों से शिक्षक की शिकायत की. जिसके बाद 112 डायल कर छात्रा के पिता ने शिक्षक पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया. इधर, मामले के दर्ज होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया और कुछ समय की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक छात्रा व उसके परिजनों ने शिक्षक के खिलाफ छेड़खानी व पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस समय इस घटना के घटने की बात कही जा रही है, उस समय स्कूल में सारा स्टॉफ मौजूद था. ऐसे में शिक्षक को गिरफ्तार करने की सूचना पर स्कूल के हेडमास्टर ने गांव के प्रधान सहित स्कूल के बच्चों व उनके परिजनों के साथ थाने पहुंचे और पुलिस को बताया कि शिक्षक राजेंद्र गुप्ता ने ऐसी कोई हरकत नहीं की है. उनके खिलाफ दर्ज मामले पूरी तरह से फर्जी है.

वहीं, जब पुलिस ने किसी की एक नहीं सुनी तो कानपुर देहात शिक्षक संघ आक्रोशित हो गया और सैकड़ों की संख्या में शिक्षक के समर्थन में उतरे शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी और एसपी से मुलाकात की और तत्काल न्याय की मांग की. इधर, शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत ने बताया कि बिना जांच कराए शिक्षक के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखाकर जेल भेज दिया गया है. इसका शिक्षक संघ विरोध करता है. अधिकारियों से मिलकर मांग की गई है कि निर्दोष शिक्षक को न्याय दिलाया जाए. शिक्षक को जब तक न्याय नहीं मिलता शिक्षक संघ इसका विरोध करता रहेगा. वहीं, एसपी स्वप्निल ममगई ने मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपकर दो दिन में रिपोर्ट मांगी है.

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कानपुर देहात: गुरुर ब्रह्मा, गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरः कहते हैं कि संसार में गुरु का महत्व सबसे अधिक है और उनसे बढ़कर कोई नहीं है. लेकिन कानपुर देहात में गुरु के साथ जो घटना घटी, उसने गुरु और शिष्य के रिश्ते को तार-तार कर दिया. सरकार स्कूल चलो अभियान चला रही है, ताकि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़े और शिक्षा ग्रहण कर बच्चे देश निर्माण के मार्ग में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करा सके. लेकिन जनपद में शिक्षा की अलख जगाने वाले एक शिक्षक को ऐसा करना मंहगा पड़ गया. बच्चों को घर-घर जाकर स्कूल आने के लिए प्रेरित करने वाले शिक्षक को अब इसकी कीमत जेल जाकर चुकानी पड़ी है.

वहीं, शिक्षक पर कक्षा 7वीं की एक छात्रा के परिजनों ने छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. दरअसल, ये मामला जनपद कानपुर देहात के थाना मूसानगर क्षेत्र का है, जहां एक गांव के परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा 7वीं की छात्रा ने शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है और पिता की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. बताया गया कि मूसानगर थाना क्षेत्र के एक गांव में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर तैनात शिक्षक राजेंद्र गुप्ता स्कूल चलो अभियान के तहत अपने स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर अभिवावकों से बच्चों को स्कूल भेजने का निवेदन कर रहे थे व उसी गांव की एक बच्ची जो कई दिनों से स्कूल नहीं आ रही थी के घर पहुंचने पर उसने प्रतिदिन स्कूल आने की बात कही.

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वहीं, अगले दिन देर से स्कूल पहुंचने पर शिक्षक ने छात्रा को डांट लगाई और रोजाना स्कूल आने को कहा. इस पर छात्रा नाराज हो गई और उसने घर पहुंचकर परिजनों से शिक्षक की शिकायत की. जिसके बाद 112 डायल कर छात्रा के पिता ने शिक्षक पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया. इधर, मामले के दर्ज होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया और कुछ समय की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक छात्रा व उसके परिजनों ने शिक्षक के खिलाफ छेड़खानी व पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस समय इस घटना के घटने की बात कही जा रही है, उस समय स्कूल में सारा स्टॉफ मौजूद था. ऐसे में शिक्षक को गिरफ्तार करने की सूचना पर स्कूल के हेडमास्टर ने गांव के प्रधान सहित स्कूल के बच्चों व उनके परिजनों के साथ थाने पहुंचे और पुलिस को बताया कि शिक्षक राजेंद्र गुप्ता ने ऐसी कोई हरकत नहीं की है. उनके खिलाफ दर्ज मामले पूरी तरह से फर्जी है.

वहीं, जब पुलिस ने किसी की एक नहीं सुनी तो कानपुर देहात शिक्षक संघ आक्रोशित हो गया और सैकड़ों की संख्या में शिक्षक के समर्थन में उतरे शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी और एसपी से मुलाकात की और तत्काल न्याय की मांग की. इधर, शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत ने बताया कि बिना जांच कराए शिक्षक के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखाकर जेल भेज दिया गया है. इसका शिक्षक संघ विरोध करता है. अधिकारियों से मिलकर मांग की गई है कि निर्दोष शिक्षक को न्याय दिलाया जाए. शिक्षक को जब तक न्याय नहीं मिलता शिक्षक संघ इसका विरोध करता रहेगा. वहीं, एसपी स्वप्निल ममगई ने मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपकर दो दिन में रिपोर्ट मांगी है.

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