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कानपुर देहात: जिला प्रशासन ने 72 लेखपालों को किया निलंबित

यूपी के कानपुर देहात में जिला प्रशासन ने 72 लेखपालों को निलंबित कर दिया है. उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है.

district administration suspended 72 lekhpal in kanpur dehat
कानपुर देहात में 72 लेखपाल निलंबित.
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Published : Dec 21, 2019, 11:58 PM IST

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर है. लेखपाल संघ ने कहा कि वे मांगें पूरी नहीं होने तक धरने पर बैठे रहेंगे. शनिवार को जिला प्रशासन ने 72 लेखपालों को निलंबित कर दिया है.

धरने पर बैठे लेखपाल.

ग्रेड पे में नहीं की जा रही बढ़ोत्तरी

लेखपालों का कहना है कि उन्हें सेवा संबंधी कार्य के लिए मानदेय कम दिया जाता है. ग्रेड 2000 से सेवा शुरू होती है और 10 साल में 2400 ग्रेड पर पहुंचती है. दूसरे विभागों में 10 साल बाद प्रमोशन हो जाता है. वहीं लेखपाल 10 साल बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बन जाता है.

कम पैसे में लिया जाता है ज्यादा काम
लेखपालों ने कहा कि सरकार उन्हें महीने में 100 रुपये वाहन भत्ता देती है और हर रोज कम से कम 100 किलोमीटर वाहन चलते हैं. उनसे कम पैसे में अधिक काम लिया जाता है. उनका कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पैसों में बढ़ोत्तरी करके लेखपालों को पैसे दे रही है. ऐसा ही यूपी में योगी सरकार भी करे. साथ ही लेखपालों का कहना है कि किराया भत्ता और वेतन विसंगति दूर की जाए .

ये भी पढ़ें: उपद्रवियों का पेट्रोल बम से किया हमला सुनियोजित साजिश: एडीजी प्रेम प्रकाश

72 लेखपालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इसमें तहसील इकाई से लेकर जिला इकाई तक के पदाधिकारी शामिल हैं. जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता, धरना चलता रहेगा.
-गणेश शंकर, जिला मंत्री, उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर है. लेखपाल संघ ने कहा कि वे मांगें पूरी नहीं होने तक धरने पर बैठे रहेंगे. शनिवार को जिला प्रशासन ने 72 लेखपालों को निलंबित कर दिया है.

धरने पर बैठे लेखपाल.

ग्रेड पे में नहीं की जा रही बढ़ोत्तरी

लेखपालों का कहना है कि उन्हें सेवा संबंधी कार्य के लिए मानदेय कम दिया जाता है. ग्रेड 2000 से सेवा शुरू होती है और 10 साल में 2400 ग्रेड पर पहुंचती है. दूसरे विभागों में 10 साल बाद प्रमोशन हो जाता है. वहीं लेखपाल 10 साल बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बन जाता है.

कम पैसे में लिया जाता है ज्यादा काम
लेखपालों ने कहा कि सरकार उन्हें महीने में 100 रुपये वाहन भत्ता देती है और हर रोज कम से कम 100 किलोमीटर वाहन चलते हैं. उनसे कम पैसे में अधिक काम लिया जाता है. उनका कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पैसों में बढ़ोत्तरी करके लेखपालों को पैसे दे रही है. ऐसा ही यूपी में योगी सरकार भी करे. साथ ही लेखपालों का कहना है कि किराया भत्ता और वेतन विसंगति दूर की जाए .

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72 लेखपालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इसमें तहसील इकाई से लेकर जिला इकाई तक के पदाधिकारी शामिल हैं. जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता, धरना चलता रहेगा.
-गणेश शंकर, जिला मंत्री, उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ

Intro:एंकर_यू पी के जनपद कानपुर देहात में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं... लेखपाल संघ ने जब तक उनकी 8 सूत्री मांगे पूरी नहीं होती है... तब तक धरना खत्म ना करने की जिद करते हुए धरने पर बैठे रहेंगे...जिसको लेकर आज जिला प्रशासन ने 72 लेखपालों को निलंबित कर दिया है...


Body:वी0ओ0_जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर धरने पर बैठे लेखपालों की मांग है... की उन्हें सेवा संबंधी कार्य के लिए मानदेय कम दिया जाता है... ग्रेट 2000 से सेवा शुरू होती है... और 10 साल में 2400 ग्रेट पर पहुंचती है... दूसरे विभागों में 10 साल बाद प्रमोशन हो जाता है...लेकिन लेखपाल 10 साल बाद चतुर श्रेणी कर्मचारी बन जाता है... सरकार लेखपालों को महीने में सो रुपए वाहन भत्ता देती है...और हर रोज कम से कम 100 किलोमीटर वाहन चलाती है... लेखपालों से कम पैसे में अधिक काम लिया जाता है... यूपी सरकार मध्य प्रदेश सरकार की तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में जिस तरह एमपी सरकार ने पैसों में बढ़ोतरी कर वहां के लेखपालों को पैसे दे रही है... वह यूपी में भी योगी सरकार करें साथ ही किराया भत्ता वेतन विसंगति दूर की जाएं और शटेशनरी भत्ता व नाम परिवर्तन कर उप राजस्व के नाम से जाना जाए ऐसी अन्य 8 मांगे हैं....


Conclusion:वी0ओ0_तो वही पर धरने पर बैठे लेखपालों ने बताया की जिला प्रशासन ने जनपद के 72 लेखपालों को निलंबित कर दिया है....और जब तक कोई निर्णय नही हो जाता धरना इसी तरह चलता रहेगा....


वाइट_गणेश शंकर (उत्तर प्रदेश लेखपाल संग जिला मंत्री कानपुर देहात)

Date- 21_12_2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma

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