कानपुर देहात : जिला अस्पताल में सोमवार की रात पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी के करीबी रहे डकैत पोसा की मौत हो गई. पोसा ने फूलन देवी के साथ मिलकर 20 हत्याएं की थीं. वह लंबे समय से कानपुर देहात के जिला कारागार में सजा काट रहा था. कुछ दिन पहले ही 85 साल के पोसा की जेल में तबीयत खराब हो गई थी. उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर के अनुसार पोसा को सांस लेने में तकलीफ के अलावा फेफड़ों में इंफेक्शन की समस्या थी. शरीर में सूजन भी तेजी से बढ़ रहा था. सुधार के बाद उसे वापस कारागार भेज दिया गया था. सोमवार की रात उसे फिर से जिला अस्पताल लाया गया था. इस दौरान उसकी मौत हो गई.
कानपुर देहात के राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव के बीहड़ों में 80 के दशक में फूलन देवी का गैंग सक्रिय था. डकैत पोसा फूलन देवी के सबसे करीबी माने जाते थे. 14 फरवरी 1981 को बेहमई गांव में पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ गोलीबारी करते हुए नरसंहार को अंजाम दिया था. इस घटना में 20 की मौत हो गई थी, जबकि 6 लोग घायल हुए थे. वादी राजाराम और मुख्य गवाह जंटर के साथ ही फूलन देवी की भी मौत हो चुकी है. इस मामले में जालौन कुठौंद निवासी डाकू पोसा कानपुर देहात की जिला कारागार में बंद चल रहा था. बीते 24 मार्च को सीने में संक्रमण के कारण डाकू पोसा को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया था.
थोड़ा सुधार होने पर उसे वापस कानपुर देहात जिला कारागार में लाया गया था. इसके बाद फिर से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. सोमवार की देर रात उसे जिला अस्पताल लाया गया था. यहां डाक्टर निशांत पाठक ने उसे मृत घोषित कर दिया. बता दें कि डाकू पोसा को करीब चार वर्ष पहले कानपुर देहात न्यायालय से जमानत मिल गई थी. जमानतदार की व्यवस्था न हो पाने से वह जेल से बाहर नहीं आ पाया था. वह अकेला डकैत था जो जेल में बंद चल रहा था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है.
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