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कानपुर देहात: शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से दी विदाई

श्रीनगर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में डेरापुर थाना क्षेत्र के निवासी जवान रोहित यादव गुरुवार को शहीद हो गए. शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव. सभी ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी.

शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब.
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Published : May 18, 2019, 10:03 PM IST

कानपुर देहात: डेरापुर थाना क्षेत्र के निवासी जवान रोहित यादव गुरुवार को श्रीनगर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. रोहित के शहीद होने की खबर जैसे क्षेत्र में फैली, वैसे ही लोगों का शहीद के घर तांता लगने लगा. शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सभी ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी.

शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब.

लोगों ने की आतंक को जड़ से मिटाने की मांग

  • दरअसल, श्रीनगर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में डेरापुर थाना क्षेत्र के निवासी जवान रोहित यादव गुरुवार को शहीद हो गए.
  • शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव पहुंचा तो अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.
  • अंतिम यात्रा में हजारों की तादात में लोग शामिल हुए और पाकिस्तान मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए.
  • वहीं शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था.
  • शहीद की बूढ़ी मां आंखों में आंसू लिए शहीद के पार्थिक शरीर का इंतजार कर रही थी.
  • शहीद की मां ने जैसे ही बेटे का शव देखा तो वह अपना सुध-बुध खो बैठी.
  • शहीद बेटे की अंतिम यात्रा में पिता की भी आंखें भर आईं.
  • शहीद के पिता ने अपने कंधे से बेटे के शव को हटाया नहीं और समाधि स्थल तक ले गए.
  • शाहिद की पत्नी का भी रो-रो कर बुरा हाल था.
  • वहीं आम लोगों में भी पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर गुस्सा था.
  • अंतिम यात्रा में मौजूद लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

सरकार हमें एक बार मौका दे, हम बॉर्डर पर जाने के लिए तैयार हैं और आतंकवाद को मुंहतोड़ जबाब देंगे. आखिरकार कब तक इस तरह के हमले होते रहेंगे और देश के लाल शहीद होंगे.

-अवध नरेश, एक्स आर्मी मैन

कानपुर देहात: डेरापुर थाना क्षेत्र के निवासी जवान रोहित यादव गुरुवार को श्रीनगर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. रोहित के शहीद होने की खबर जैसे क्षेत्र में फैली, वैसे ही लोगों का शहीद के घर तांता लगने लगा. शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सभी ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी.

शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब.

लोगों ने की आतंक को जड़ से मिटाने की मांग

  • दरअसल, श्रीनगर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में डेरापुर थाना क्षेत्र के निवासी जवान रोहित यादव गुरुवार को शहीद हो गए.
  • शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव पहुंचा तो अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.
  • अंतिम यात्रा में हजारों की तादात में लोग शामिल हुए और पाकिस्तान मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए.
  • वहीं शहीद के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था.
  • शहीद की बूढ़ी मां आंखों में आंसू लिए शहीद के पार्थिक शरीर का इंतजार कर रही थी.
  • शहीद की मां ने जैसे ही बेटे का शव देखा तो वह अपना सुध-बुध खो बैठी.
  • शहीद बेटे की अंतिम यात्रा में पिता की भी आंखें भर आईं.
  • शहीद के पिता ने अपने कंधे से बेटे के शव को हटाया नहीं और समाधि स्थल तक ले गए.
  • शाहिद की पत्नी का भी रो-रो कर बुरा हाल था.
  • वहीं आम लोगों में भी पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर गुस्सा था.
  • अंतिम यात्रा में मौजूद लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

सरकार हमें एक बार मौका दे, हम बॉर्डर पर जाने के लिए तैयार हैं और आतंकवाद को मुंहतोड़ जबाब देंगे. आखिरकार कब तक इस तरह के हमले होते रहेंगे और देश के लाल शहीद होंगे.

-अवध नरेश, एक्स आर्मी मैन

Intro:Date- 18-5-2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma

नोट- E tv bharat एब व L U - smart से CNP shahid ki sahadat नाम की 3 फाइले भेजी जा चुकी है ।

एंकर- श्री नगर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी मुठभेड़ में डेरापुर क्षेत्र के निवासी रोहित यादव शहीद हो गए थे जिनका पार्थिक शरीर आज कानपुर देहात पहुचा जैसे ही शहीद की सहादत की खबर पूरे जनपद में फैली वैसे ही लोगो का तांता लगने लगा और रोहित यादव की अंतिम यात्रा में हजारों की तादात में लोग सारिक हुए और जमकर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए......

CNP shahid ki sahadat 02 w t himanshu


Body:वी0ओ0- लोग गमजदा थे अपनो की आँखे नम थी पलक बिछाए बूढ़ी मा अपने बेटे रोहित यादव के पार्थिक शरीक का इंतजार कर रही थी जैसे ही बेटे का शव देखा वैसे ही अपनी सुध बुध खो बैठी बूढ़ी मा जवान बेटे की अंतिम यात्रा में पिता की भी आँखे भर आईं और घर से समाधि स्थल तक बेटे को खुद से नही किया जुदा कन्धे पर रखकर पिता ने अपने शहीद बेटे को दी अंतिम विदाई तो वही दूसरी और शाहिद की पत्नी का भी रो रो कर बुरा हाल था जुबा पर सिर्फ एक ही अल्फाज था मुझे क्यों छोड़ गए ,,,,, और आम लोगो के बीच महेज गुस्सा था कि आखिरकार कब खत्म होगा आतंकवाद का करबा......


Conclusion:वी0ओ0- तो वही जब एक्स आर्मी मेन जवानों से बात की तो उनका साफ तौर से कहना था कि सरकार एक बार मौका दे हम बॉर्डर पर जाने के लिए तैयार है और आतंकवाद को मुँह तौड़ जबाब देगे आखिरकार कब तक होते रहेंगे पुलवामा हमले कब तक होते रहेंगे देश के लाल शहीद....

वाईट एक्स आर्मी मेन
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