कानपुर देहातः कानपुर देहात में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद स्वास्थ्य महकमे ने अपनी कमर कस ली है. मानक विहीन प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों को बंद करने के लिए कयावद शुरू कर दी है. जिसमें 22 अस्पतालों को चिन्हित किये गये हैं. जिसमें न तो फायर एनओसी है, न ही कोई इलेक्ट्रिक उपकरण है. लेकिन फिर भी धड़ल्ले से प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक जिले में अपने हॉस्पिटलों का संचालन कर रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को अपने अस्पताल में भर्ती करके मौत के मुंह में डालने का काम कर रहे हैं. लेकिन ऐसे में जब उत्तर प्रदेश सरकार और डीएम ने आदेश कर दिये हो तो स्वास्थ्य विभाग के भी अब हाथ खुल गये हैं. उनको अल्टीमेटम के रूप में नोटिस थमा दिया गया है और जल्द से जल्द मानकों को पूरा करने के लिए लिखित में कहा गया है. अगर ऐसे में कोई भी हॉस्पिटल संचालक मानक विहीन पाया जाता है, तो उसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा ताला जड़ दिया जाएगा.
कानपुर देहात की अगर 6 तहसील और चार विधानसभाओं की बात करें तो ऐसे सैकड़ों अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं. जिन्होंने न तो आजतक स्वास्थ्य विभाग और फायर विभाग से अनुमति ली, न ही एनओसी. लेकिन अपने संस्थानों का संचालन धड़ल्ले से करते चले आ रहे हैं. इसी के चलते आए दिन कानपुर देहात के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इलाज के नाम पर ऐसे अस्पतालों में भर्ती तो कर लिया जाता है. लेकिन जब मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है और मरीज मौत के काल में समा जाता है. जिससे आये दिन बवाल देखने को मिलता है. जिसके बाद परेशानियों का सामना जिले के स्वास्थ्य महकमे और पुलिस विभाग को उठाना पड़ता है.
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इसी के चलते कानपुर देहात के प्राइवेट अस्पतालों के नोडल अधिकारी एसएल वर्मा ने ईटीवी भारत की टीम के साथ खास बातचीत करते हुए बताया कि शासन स्तर पर वो जिले के अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करने के लिए आदेश दिये गए हैं. जिनमें से कानपुर देहात में 22 प्राइवेट अस्पतालों को चिन्हित किया गया है, जो मानक विहीन है. जिन्हें 30 अप्रैल तक का टाइम दिया गया है. अगर समय रहते वो अपने अस्पतालों में मानक को पूरा नहीं करते हैं, तो उनमें ताला जड़ दिया जाएगा.