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दो से ज्यादा बच्चे होने पर सांसद और विधायकों को न हो चुनाव लड़ने का अधिकार : संजय सिंह - नई जनसंख्या नीति

यूपी के कानपुर देहात में पहुंचे आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने नई जनसंख्या नीति कानून पर कहा कि इस श्रेणी में विधायक और सांसदों को पहले रखा जाए. अगर विधायक और सांसद के भी दो से अधिक बच्चे हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, इसे भी कानून के तहत रखा जाए.

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह
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Published : Jul 13, 2021, 5:47 PM IST

कानपुर देहात: जिले में मंगलवार को राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने शिरकत की. वह यहां कई कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए. इस दौरान संजय सिंह ने लोगों को अपनी पार्टी की उपलब्धियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी योगी सरकार को टक्कर देगी. इस दौरान संजय सिंह ने कहा कि नई जनसंख्या नीति कानून की सबसे पहली श्रेणी में विधायक और सांसद को रखा जाए. उन्होंने कहा कि अगर विधायक और सांसद के भी दो से अधिक बच्चे हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, इसे भी कानून के तहत रखा जाए.

संजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अगर 2022 के विधानसभा चुनाव में अगर आम आदमी पार्टी की सरकार आती है तो सभी को बिजली मुफ्त मिलेगी. प्रदेश की सभी माताओं-बहनों को निःशुल्क बस सेवा यात्रा दी जाएगी और प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था में भी सुधार लाया जाएगा.

नई जनसंख्या नीति पर संजय सिंह का बयान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते रविवार को उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021 का ड्राफ्ट जारी किया. योगी सरकार ने नई पॉपुलेशन पॉलिसी को को जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस जनसंख्या नीति में मुख्य रूप से दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है.

इसे भी पढ़ें- यूपी की जनसंख्या नीति की खास बातें, दो से अधिक संतान होने पर नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ

ड्राफ्ट के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन और पदोन्नति का मौका नहीं मिलेगा. इसके साथ ही दो से अधिक बच्चे होने वालों को राज्य सरकार की 70 से अधिक सरकारी योजनाओं और अनुदान से भी वंचित रखने का प्रावधान ड्राफ्ट में किया गया है. इसके साथ ही स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. दो बच्चे से अधिक होने पर उन्हें स्थानीय निकाय या पंचायत चुनाव में शामिल नहीं किया जा सकेगा.

इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति जारी, सीएम योगी बोले- बढ़ती जनसंख्या गरीबी का कारण

जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी को बर्खास्त किए जाने तक की भी सिफारिश का प्रस्ताव शामिल है. साथ ही नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में नसबंदी कराने पर इंक्रीमेंट तथा प्रमोशन का लाभ भी दिए जाने की बात मुख्य रूप से कही गई हैं. इसके अनुसार परिवार के मुखिया अगर सरकारी नौकरी में है और अपनी नसबंदी कराते हैं तो उन्हें अतिरिक्त इंक्रीमेंट, पदोन्नति और सरकारी आवास के साथ योजनाओं में छूट, पीएफ में एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन जैसी कई सुविधाएं देने की भी सिफारिश की गई है. इसी तरह जिन परिवारों में मुखिया के सिर्फ दो बच्चे हैं और वह सरकारी नौकरी में नहीं है तो उन्हें बिजली, पानी, हाउस टैक्स और होम लोन में छूट के साथ अन्य सुविधाएं दिए जाने का प्रस्ताव भी जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें- बच्चा पैदा करने में अल्लाह की क्या देन : महंत नरेंद्र गिरि

कानपुर देहात: जिले में मंगलवार को राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने शिरकत की. वह यहां कई कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए. इस दौरान संजय सिंह ने लोगों को अपनी पार्टी की उपलब्धियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी योगी सरकार को टक्कर देगी. इस दौरान संजय सिंह ने कहा कि नई जनसंख्या नीति कानून की सबसे पहली श्रेणी में विधायक और सांसद को रखा जाए. उन्होंने कहा कि अगर विधायक और सांसद के भी दो से अधिक बच्चे हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, इसे भी कानून के तहत रखा जाए.

संजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अगर 2022 के विधानसभा चुनाव में अगर आम आदमी पार्टी की सरकार आती है तो सभी को बिजली मुफ्त मिलेगी. प्रदेश की सभी माताओं-बहनों को निःशुल्क बस सेवा यात्रा दी जाएगी और प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था में भी सुधार लाया जाएगा.

नई जनसंख्या नीति पर संजय सिंह का बयान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते रविवार को उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021 का ड्राफ्ट जारी किया. योगी सरकार ने नई पॉपुलेशन पॉलिसी को को जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस जनसंख्या नीति में मुख्य रूप से दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है.

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ड्राफ्ट के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन और पदोन्नति का मौका नहीं मिलेगा. इसके साथ ही दो से अधिक बच्चे होने वालों को राज्य सरकार की 70 से अधिक सरकारी योजनाओं और अनुदान से भी वंचित रखने का प्रावधान ड्राफ्ट में किया गया है. इसके साथ ही स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. दो बच्चे से अधिक होने पर उन्हें स्थानीय निकाय या पंचायत चुनाव में शामिल नहीं किया जा सकेगा.

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जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी को बर्खास्त किए जाने तक की भी सिफारिश का प्रस्ताव शामिल है. साथ ही नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में नसबंदी कराने पर इंक्रीमेंट तथा प्रमोशन का लाभ भी दिए जाने की बात मुख्य रूप से कही गई हैं. इसके अनुसार परिवार के मुखिया अगर सरकारी नौकरी में है और अपनी नसबंदी कराते हैं तो उन्हें अतिरिक्त इंक्रीमेंट, पदोन्नति और सरकारी आवास के साथ योजनाओं में छूट, पीएफ में एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन जैसी कई सुविधाएं देने की भी सिफारिश की गई है. इसी तरह जिन परिवारों में मुखिया के सिर्फ दो बच्चे हैं और वह सरकारी नौकरी में नहीं है तो उन्हें बिजली, पानी, हाउस टैक्स और होम लोन में छूट के साथ अन्य सुविधाएं दिए जाने का प्रस्ताव भी जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में शामिल हैं.

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