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कन्नौज: एक ही पैनकार्ड पर तीन शिक्षक कर रहे नौकरी

यूपी में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर जांच जारी है. कन्नौज जिले में भी एक के बाद एक कई शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है. जांच में फर्जी पाए जा रहे शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी होने के साथ-साथ कुछ शिक्षकों के पैनकार्ड भी संदिग्ध भूमिका में हैं.

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Published : Jul 7, 2020, 2:53 PM IST

जानकारी देते अधिकारी
जानकारी देते अधिकारी

कन्नौज: यूपी में शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में एक ही पैनकार्ड से अलग-अलग तीन शिक्षकों के नौकरी करने का मामला सामने आया है. इस मामले की जांच जिला बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है. फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर जांच जारी है, जिसके बाद एक के बाद एक कई शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है.

एक ही पैनकार्ड पर कर रहे नौकरी

मैनपुरी, आगरा, सीतापुर सहित कन्नौज में पैनकार्ड के मामले की जांच की जा रही है. लखनऊ से जारी आदेश के अनुसार जिले में छिबरामऊ ब्लॉक में तैनात शिक्षिका अपर्णा शुक्ला के सीतापुर, सावित्री देवी के आगरा और जिले के गुगरापुर क्षेत्र के ग्राम गुरगुचपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह के पैन कार्ड एक ही हैं. इन तीनों शिक्षक और शिक्षिकाओं के खिलाफ नोटिस भेजने के बाद इस प्रकरण की जांच की जा रही है और संबंधित जिलों से भी अभिलेख मंगाए गए हैं. जिसके बाद दोनों जगहों का मिलान करने के बाद इस मामले की जांच पूरी की जाएगी.

आगरा, मैनपुरी और सीतापुर से जांच के लिए मंगाए गए अभिलेख

जिले में स्थानांतरित होकर आए तीन शिक्षकों के पैनकार्ड की जांच के लिए शासन से निर्देश जारी हुए. इसके लिए वित्त एवं लेखाधिकारी अमित कुमार सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया है. तीनों शिक्षकों को अभिलेखों के साथ बीएसए कार्यालय बुलाया गया था, जिसके बाद दो शिक्षिकाएं जांच के लिए बीएसए कार्यालय उपस्थित हुई, जबकि एक शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ था. जानकारी के मुताबिक छिबरामऊ ब्लॉक में तैनात शिक्षिका अपर्णा शुक्ला की नियुक्ति सीतापुर जिले में हुई थी, जबकि कन्नौज सदर ब्लॉक में तैनात शिक्षिका सावित्री देवी आगरा से स्थानांतरित होकर आई थीं. गुगरापुर ब्लॉक में तैनात शिक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह स्थानांतरित होकर मैनपुरी से आए थे. इन सभी के पैनकार्ड प्रकरण की जांच की जा रही है जिसके बाद अब इन शिक्षकों के अभिलेख पूर्व तैनाती के जिलों से मंगाने के लिए संबंधित जिलों के बीएसए को पत्र भेजा गया है.

इस मामले को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी केके ओझा ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में दो जगहों पर एक ही नाम से पैनकार्ड पाए जाने का मामला लखनऊ से प्राप्त हुआ, जिसकी जांच की जा रही है. जब तक जांच पूरी न हो जाए तब तक फर्जी पैनकार्ड नहीं कहा जा सकता है. हालांकि मामला संदिग्ध होने पर इस पूरे प्रकरण की जांच जारी है. जांच पूरी होगी तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

कन्नौज: यूपी में शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में एक ही पैनकार्ड से अलग-अलग तीन शिक्षकों के नौकरी करने का मामला सामने आया है. इस मामले की जांच जिला बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है. फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर जांच जारी है, जिसके बाद एक के बाद एक कई शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है.

एक ही पैनकार्ड पर कर रहे नौकरी

मैनपुरी, आगरा, सीतापुर सहित कन्नौज में पैनकार्ड के मामले की जांच की जा रही है. लखनऊ से जारी आदेश के अनुसार जिले में छिबरामऊ ब्लॉक में तैनात शिक्षिका अपर्णा शुक्ला के सीतापुर, सावित्री देवी के आगरा और जिले के गुगरापुर क्षेत्र के ग्राम गुरगुचपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह के पैन कार्ड एक ही हैं. इन तीनों शिक्षक और शिक्षिकाओं के खिलाफ नोटिस भेजने के बाद इस प्रकरण की जांच की जा रही है और संबंधित जिलों से भी अभिलेख मंगाए गए हैं. जिसके बाद दोनों जगहों का मिलान करने के बाद इस मामले की जांच पूरी की जाएगी.

आगरा, मैनपुरी और सीतापुर से जांच के लिए मंगाए गए अभिलेख

जिले में स्थानांतरित होकर आए तीन शिक्षकों के पैनकार्ड की जांच के लिए शासन से निर्देश जारी हुए. इसके लिए वित्त एवं लेखाधिकारी अमित कुमार सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया है. तीनों शिक्षकों को अभिलेखों के साथ बीएसए कार्यालय बुलाया गया था, जिसके बाद दो शिक्षिकाएं जांच के लिए बीएसए कार्यालय उपस्थित हुई, जबकि एक शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ था. जानकारी के मुताबिक छिबरामऊ ब्लॉक में तैनात शिक्षिका अपर्णा शुक्ला की नियुक्ति सीतापुर जिले में हुई थी, जबकि कन्नौज सदर ब्लॉक में तैनात शिक्षिका सावित्री देवी आगरा से स्थानांतरित होकर आई थीं. गुगरापुर ब्लॉक में तैनात शिक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह स्थानांतरित होकर मैनपुरी से आए थे. इन सभी के पैनकार्ड प्रकरण की जांच की जा रही है जिसके बाद अब इन शिक्षकों के अभिलेख पूर्व तैनाती के जिलों से मंगाने के लिए संबंधित जिलों के बीएसए को पत्र भेजा गया है.

इस मामले को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी केके ओझा ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में दो जगहों पर एक ही नाम से पैनकार्ड पाए जाने का मामला लखनऊ से प्राप्त हुआ, जिसकी जांच की जा रही है. जब तक जांच पूरी न हो जाए तब तक फर्जी पैनकार्ड नहीं कहा जा सकता है. हालांकि मामला संदिग्ध होने पर इस पूरे प्रकरण की जांच जारी है. जांच पूरी होगी तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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