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Kannauj News : एनपीएस की फीडिंग कराए जाने की मांग को लेकर शिक्षकों ने DIOS दफ्तर के बाहर दिया धरना

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Published : Feb 6, 2023, 3:44 PM IST

कन्नौज में माध्यमिक शिक्षकों अटेवा पेंशन बचाओ मंच के नेतृत्व में डीआईओएस दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. शिक्षकों का आरोप है कि वेतन से की जा रही एनपीएस कटौती के बाद भी खाते की फीडिंग नहीं की जा रही.

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अटेवा पेंशन बचाओ मंच
धरना प्रदर्शन करते हुए शिक्षक

कन्नौजः वेतन से की जा रही एनपीएस कटौती के बावजूद खाते की फीडिंग न होने से नाराज माध्यमिक शिक्षकों ने अपने ही विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अटेवा पेंशन बचाओ मंच के नेतृत्व में शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने काटे जा रहे वेतन की अब तक की फीडिंग कराए जाने की मांग की है, जो उससे लाभ या ब्याज हो वो खातों में सीधा ट्रांसफर किया किए जाने की बात कही.

शिक्षकों ने कहा कि धनराशि खातों में स्थानांतरित न होने की उन्हें आर्थिक हानि हो रही है. आरोप लगाया है कि एनपीएस कटौती के आदेश के बाद सिर्फ छह महीने फीडिंग हुई थी. इसके बाद से कोई फीडिंग नहीं हुई है, जिससे न तो हमारा 10 प्रतिशत और नहीं गर्वमेंट का 14 प्रतिशत शो हो रहा है. शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान न होने तक धरना जारी रहेगा.

सोमवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिलाध्यक्ष प्रवीण पाठक के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षोत्तरण कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मनीष सक्सेना, प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी सुफियान अहमद, जिला महामंत्री सत्येंद्र यादव अनुराधा सिंह, ममता सिंह, अंजली, राहुल दीक्षित समेत बड़ी संख्या में शिक्षक जिला विद्यालय निरीक्षक दफ्तर पहुंचे. शिक्षकों ने वेतन से की जा रही एनपीएस की कटौती की फीडिंग कराए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. मांग की है कि सारी अब तक की फीडिंग कराई जाए.

साथ ही रकम का जो ब्याज बने वह सीधा खातों में ट्रांसफर किया जाए. जिलाध्यक्ष प्रवीण पाठक ने बताया कि पूरे प्रदेश में शिक्षक कर्मचारियों की एनपीएस की कटौती हो रही है. साल 2005 से पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई थी. उसके बदले नई पेंशन योजना (एनपीएस) थोपी गई थी.

जून 2016 से सरकार ने एनपीएस कटौती का आदेश दिया था. जनपद में एनपीएस की फीडिंग एक साल या छह महीने तक ही की गई थी. जबिक अन्य जनपदों में फीडिंग हो चुकी है. फीडिंग न होने की वजह से लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. कई बार फीडिंग शुरू किए जाने का आश्वासन दिया गया लेकिन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया. कहा कि अगर फीडिंग नहीं की जाती है. जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता है धरना जारी रहेगा. कहा कि नई पेंशन योजना के जो रिजल्ट आ रहे हैं, उस हिसाब से लग रहा है कि नो पेंशन स्कीम है. सरकार को इस योजना को वापस लेना चाहिए.

पढ़ेंः Eduleaders Award Ceremony : एडुलीडर्स अवार्ड से सम्मानित किए जाएंगे 150 शिक्षक

धरना प्रदर्शन करते हुए शिक्षक

कन्नौजः वेतन से की जा रही एनपीएस कटौती के बावजूद खाते की फीडिंग न होने से नाराज माध्यमिक शिक्षकों ने अपने ही विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अटेवा पेंशन बचाओ मंच के नेतृत्व में शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने काटे जा रहे वेतन की अब तक की फीडिंग कराए जाने की मांग की है, जो उससे लाभ या ब्याज हो वो खातों में सीधा ट्रांसफर किया किए जाने की बात कही.

शिक्षकों ने कहा कि धनराशि खातों में स्थानांतरित न होने की उन्हें आर्थिक हानि हो रही है. आरोप लगाया है कि एनपीएस कटौती के आदेश के बाद सिर्फ छह महीने फीडिंग हुई थी. इसके बाद से कोई फीडिंग नहीं हुई है, जिससे न तो हमारा 10 प्रतिशत और नहीं गर्वमेंट का 14 प्रतिशत शो हो रहा है. शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान न होने तक धरना जारी रहेगा.

सोमवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिलाध्यक्ष प्रवीण पाठक के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षोत्तरण कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मनीष सक्सेना, प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी सुफियान अहमद, जिला महामंत्री सत्येंद्र यादव अनुराधा सिंह, ममता सिंह, अंजली, राहुल दीक्षित समेत बड़ी संख्या में शिक्षक जिला विद्यालय निरीक्षक दफ्तर पहुंचे. शिक्षकों ने वेतन से की जा रही एनपीएस की कटौती की फीडिंग कराए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. मांग की है कि सारी अब तक की फीडिंग कराई जाए.

साथ ही रकम का जो ब्याज बने वह सीधा खातों में ट्रांसफर किया जाए. जिलाध्यक्ष प्रवीण पाठक ने बताया कि पूरे प्रदेश में शिक्षक कर्मचारियों की एनपीएस की कटौती हो रही है. साल 2005 से पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई थी. उसके बदले नई पेंशन योजना (एनपीएस) थोपी गई थी.

जून 2016 से सरकार ने एनपीएस कटौती का आदेश दिया था. जनपद में एनपीएस की फीडिंग एक साल या छह महीने तक ही की गई थी. जबिक अन्य जनपदों में फीडिंग हो चुकी है. फीडिंग न होने की वजह से लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. कई बार फीडिंग शुरू किए जाने का आश्वासन दिया गया लेकिन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया. कहा कि अगर फीडिंग नहीं की जाती है. जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता है धरना जारी रहेगा. कहा कि नई पेंशन योजना के जो रिजल्ट आ रहे हैं, उस हिसाब से लग रहा है कि नो पेंशन स्कीम है. सरकार को इस योजना को वापस लेना चाहिए.

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