कन्नौज : शारदीय नवरात्र की धूम हर तरफ है. मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है. मंदिर चाहे जहां का भी हो सब का एक अलग ही महत्व होता है. ऐसा ही एक मंदिर यूपी के कन्नौज में ऐतिहासिक सिद्धपीठ मां फूलमती देवी का है. मां फूलमती देवी कन्नौज के महाराजा वेणुचक्र की सात पुत्रियों में से एक हैं. मंदिर में सदैव ही भक्तों का तांता लगा रहा है लेकिन नवरात्र में विशेष आयोजनों में भीड़ अधिक होती है.
माता फूलमती देवी का मंदिर कन्नौज-मकरंद नगर मार्ग पर स्थित है. नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. यहां प्रतिदिन सुबह से पूजन,आरती व यज्ञ का आयोजन किया जाता है.कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु श्रद्धाभाव से माता से मनौती मांगता है, मां उसकी हर मुराद पूरी करती हैं.
यह है मान्यता
इस मंदिर की प्राचीन मान्यता है कि मंदिर में स्थापित माता फूलमती की प्रतिमा को स्नान कराए जल से नीर जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक अपनी आंखों में लगाता है. उसकी आंखों की रोशनी बढ़ जाती है और फिर वह दोबारा कभी नहीं जाती है. यह मंदिर सिद्धपीठों में गिना जाता है. यहां रात में मधुर घंटों की आवाज सुनाई देती है.
ये है कहानी मां फूलमती मंदिर की
माता फूलमती देवी के पिता वेणु चक्र कन्नौज के महाराजा थे. उन्होंने महाराजा होने के बावजूद राजकोष का एक भी पैसा अपने व अपने परिवार पर कभी भी खर्च नहीं किया. वह खजूर के पत्तों से बने पंखों को बेचकर धन जुटाते थे. जिससे अपना व अपने परिवार का खर्च चलाते थे. लेकिन स्वयं की माली हालत ठीक न होने की वजह से महाराजा वेणुचक्र अपनी सातों पुत्रियों के विवाह को लेकर चिंतित रहते थे. पिता को चिंतित देख सातों बहनों मां फूलमती देवी, मां क्षेमकली देवी, मां सिंह वाहिनी देवी, मां मौरारी देवी, मां गोवर्धनी देवी, मां शीतला देवी और मां तपेश्वरी देवी सभी ने वैराग्य धारण कर लिया और सातों बहन अलग-अलग स्थानों पर चली गई. आज उन्हीं स्थानों पर भव्य मंदिर बने हैं, जो कि सिद्धपीठ कहलाते हैं. इन सिद्धपीठों में एक माता फूलमती देवी का भव्य मंदिर है.