कन्नौज: मारपीट करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट ने दोनों पक्षों के सात लोगों को सजा सुनाई. एडीजे प्रथम विशंभर प्रसाद ने सभी आरोपियों को तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई. साथ ही सभी पर ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते हुए 2015 में इंदरगढ़ थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने बताया कि इंदरगढ़ थाना क्षेत्र मंझिला गांव निवासी रहीस अली पुत्र वसीर अली ने 28 जनवरी 2015 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि शाम को करीब 7 बजे पड़ोस के ही रहने वाले सुलेमान पुत्र सुल्तान, उसका पुत्र सोनू, भाई अब्दुल और शोएब पुत्र जलालुद्दीन उसके दरवाजे पर आए और गाली गलौज करने लगे.
विरोध करने पर सभी लोगों ने उसके ऊपर हमला कर दिया. वहीं दूसरे पक्ष के सुलेमान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जब वह रास्ते से जा रहा था. तभी रहीस अली, युनूस अली व निजाकत अली ने घेरकर हमला बोल दिया. चीख पुकार सुनकर बचाने आई पत्नी रुकसाना और अब्दुल हमीद बचाने आया, तो उसको भी पीटा. पुलिस ने दोनों पक्षों का मामला दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए.
गवाह और साक्ष्यों के आधार पर आरोप सिद्ध होने पर बुधवार को एडीजे प्रथम विशंभर प्रसाद ने सुलेमान, सोनू, अब्दुल और शोएब के अलावा दूसरे पक्ष के रहीस अली, युनूस अली और निजाकत अली को तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही ढाई-ढाई हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.
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