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कन्नौज: बस हादसे के न आरोपी गिरफ्तार, न हुई मृतकों की शिनाख्त - kannauj updates in hindi

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हुए बस हादसे के दोषियों को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है. साथ ही पुलिस मृतकों कि शिनाख्त भी नहीं कर सकी है. इस मामले में मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने कि बात कही है.

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नहीं हो पाई है आरोपियों कि गिरफ्तारी.
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Published : Jan 28, 2020, 11:19 AM IST

Updated : Jan 28, 2020, 11:58 AM IST

कन्नौज: जिले में हुए बस हादसे के 15 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस की अभी तक आरोपियों कि गिरफ्तारी नहीं कर पाई और न ही मृतकों की शिनाख्त कर पाई है.

नहीं हो पाई है आरोपियों कि गिरफ्तारी.
कन्नौज में हुए बस हादसा के दोषी आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर हैं. 10 जनवरी को बस में फसे हुए लोग जलकर खाक हो गये थे. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और साक्ष्य भी जुटा लिये गये हैं. इसके बावजूद भी पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

पुलिस मुख्य आरोपी बस की मालकिन के खिलाफ भी सभी सबूत जुटा चुकी है, लेकिन बस मालकिन पुलिस को चकमा देकर आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर है. हांलाकि पुलिस अब उसको गिरफ्तार करने की फिराक में जुट गई है. पुलिस का मानना है कि आरोपी को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

डीएनए सैंपल को फिर से भेजा गया लखनऊ
कन्नौज में 10 जनवरी को हुए बस हादसे में मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल को फिर से लखनऊ भेजा गया है. फार्म में रिश्ते का जिक्र न किए जाने के कारण सैंपल लौटा दिए गए थे, जिसके बाद इंस्पेक्टर छिबरामऊ ने जिला अस्पताल में फार्म को पूरा भरवाया और फिर इसके बाद सैंपल के साथ उसको दोबारा लखनऊ के लिए भेजा गया. अफसरों की लापरवाही के कारण मृतकों की शिनाख्त हादसे के 15 दिन बाद भी पूरी नहीं हो पाई है. लापरवाही का आलम यह है कि डीएनए सैंपल छह लोगों के लिए गए थे, लेकिन लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला से उसको लौटा दिया गया.

सैंपल को लौटाया
डीएनए सैंपल और फार्म को जांच अधिकारी रामबदन ने लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जमा किया गया था. फार्म में रिश्ते का कालम छूटा था, जिस कारण प्रयोगशाला से इन सैंपलों और फार्म को वापस कर दिया गया था. फार्म वापस आने पर एसपी ने इस पर नाराजगी जताई और फिर छिबरामऊ कोतवाली प्रभारी शैलेंद्र मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे और चिकित्सक सतेंद्र शाहू से मिलकर अधूरे कागजातों को तैयार कराया. इसके बाद कांस्टेबल जितेंद्र कुमार की ओर से इन सैंपल और फार्म को लखनऊ दोबारा भेजा गया, लेकिन पुलिस को अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं मिली है. इसको लेकर मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है और पुलिस आगे की कार्रवाई को लेकर असमंजस में पड़ी हुई है.

इन लोगों के दोबारा भेजे गए थे ब्लड सैंपल

शहर परिजन के नाम लापता लोगों के नाम
छिबरामऊ हसीन बानो लापता नूरी की मां
कासगंज नाजिम वारिसी लापता तान्या के पिता
फर्रुखाबाद रईस अहमद लापता लईक का भाई
कानपुर शहजहां बेगम लापता शाहिदा बेगम की मां
तालग्राम उर्मिला देवी लापता प्रिया की मां

मृतकों की शिनाख्त के बाद मिलेगा परिजनों को मुआवजा
जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही है. डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मृतकों के परिजनों को यह धनराशि दी जाएगी. इसको लेकर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मृतक लोगों का फोरेंसिक टीम ने उनके अवशेष कलेक्ट किए हैं. उनके अवशेष के माध्यम से डीएनए टेस्टिंग के माध्यम से शिनाख्त होने के पश्चात उन्हें भी सहायता राशि दी जाएगी. मुख्यमन्त्री जी की घोषणा के क्रम में दो लाख रुपये मृतक के परिजनों को और पचास हजार घायलों को दिया जाना है.

बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने की नामंजूर
बस हादसे में नामजद बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है. वहीं सीजेएम अदालत ने पुलिस से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. मामले में एआरटीओ संजय झा ने बस मालिक प्रीति चतुर्वेदी और उनके पति विमल चतुर्वेदी समेत चार के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. उसके बाद से बस मालिक और उनके पति की गिरफ्तारी के लिए दोनों जनपदों की पुलिस जुटी है. शुक्रवार को विमल चतुर्वेदी ने छिबरामऊ में एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर की अर्जी दी. कोर्ट ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है इसीलिए वहीं पर सरेंडर अर्जी दी जा सकती है.

बस हादसे की कार्रवाई पर एसपी ने यह जानकारी
पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद ने इस मामले चल रही कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विवेचना का काम हो गया है और साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया है. कुछ ऐसी चीजें है जो हमको लैब से प्राप्त होनी है, तो उसकी भी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है. सैंपल लिए जा चुके हैं. लापता लोगों के परिजनों को आइडेंटीफाई करने के लिए डीएनए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया है. डीएनए रिपोर्ट के आधार पर यह साबित हो सकेगा कि उसमें जो जले हुए शव मिले थे वह किनके थे.

बस मालकिन की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की कार्रवाई हुई तेज
इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है और साक्ष्य संकलन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है और हम लोग शीघ्र ही उनको गिरफ्तार करके जेल भेजेंगे.

कन्नौज: जिले में हुए बस हादसे के 15 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस की अभी तक आरोपियों कि गिरफ्तारी नहीं कर पाई और न ही मृतकों की शिनाख्त कर पाई है.

नहीं हो पाई है आरोपियों कि गिरफ्तारी.
कन्नौज में हुए बस हादसा के दोषी आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर हैं. 10 जनवरी को बस में फसे हुए लोग जलकर खाक हो गये थे. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और साक्ष्य भी जुटा लिये गये हैं. इसके बावजूद भी पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

पुलिस मुख्य आरोपी बस की मालकिन के खिलाफ भी सभी सबूत जुटा चुकी है, लेकिन बस मालकिन पुलिस को चकमा देकर आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर है. हांलाकि पुलिस अब उसको गिरफ्तार करने की फिराक में जुट गई है. पुलिस का मानना है कि आरोपी को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

डीएनए सैंपल को फिर से भेजा गया लखनऊ
कन्नौज में 10 जनवरी को हुए बस हादसे में मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल को फिर से लखनऊ भेजा गया है. फार्म में रिश्ते का जिक्र न किए जाने के कारण सैंपल लौटा दिए गए थे, जिसके बाद इंस्पेक्टर छिबरामऊ ने जिला अस्पताल में फार्म को पूरा भरवाया और फिर इसके बाद सैंपल के साथ उसको दोबारा लखनऊ के लिए भेजा गया. अफसरों की लापरवाही के कारण मृतकों की शिनाख्त हादसे के 15 दिन बाद भी पूरी नहीं हो पाई है. लापरवाही का आलम यह है कि डीएनए सैंपल छह लोगों के लिए गए थे, लेकिन लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला से उसको लौटा दिया गया.

सैंपल को लौटाया
डीएनए सैंपल और फार्म को जांच अधिकारी रामबदन ने लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जमा किया गया था. फार्म में रिश्ते का कालम छूटा था, जिस कारण प्रयोगशाला से इन सैंपलों और फार्म को वापस कर दिया गया था. फार्म वापस आने पर एसपी ने इस पर नाराजगी जताई और फिर छिबरामऊ कोतवाली प्रभारी शैलेंद्र मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे और चिकित्सक सतेंद्र शाहू से मिलकर अधूरे कागजातों को तैयार कराया. इसके बाद कांस्टेबल जितेंद्र कुमार की ओर से इन सैंपल और फार्म को लखनऊ दोबारा भेजा गया, लेकिन पुलिस को अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं मिली है. इसको लेकर मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है और पुलिस आगे की कार्रवाई को लेकर असमंजस में पड़ी हुई है.

इन लोगों के दोबारा भेजे गए थे ब्लड सैंपल

शहर परिजन के नाम लापता लोगों के नाम
छिबरामऊ हसीन बानो लापता नूरी की मां
कासगंज नाजिम वारिसी लापता तान्या के पिता
फर्रुखाबाद रईस अहमद लापता लईक का भाई
कानपुर शहजहां बेगम लापता शाहिदा बेगम की मां
तालग्राम उर्मिला देवी लापता प्रिया की मां

मृतकों की शिनाख्त के बाद मिलेगा परिजनों को मुआवजा
जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही है. डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मृतकों के परिजनों को यह धनराशि दी जाएगी. इसको लेकर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मृतक लोगों का फोरेंसिक टीम ने उनके अवशेष कलेक्ट किए हैं. उनके अवशेष के माध्यम से डीएनए टेस्टिंग के माध्यम से शिनाख्त होने के पश्चात उन्हें भी सहायता राशि दी जाएगी. मुख्यमन्त्री जी की घोषणा के क्रम में दो लाख रुपये मृतक के परिजनों को और पचास हजार घायलों को दिया जाना है.

बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने की नामंजूर
बस हादसे में नामजद बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है. वहीं सीजेएम अदालत ने पुलिस से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. मामले में एआरटीओ संजय झा ने बस मालिक प्रीति चतुर्वेदी और उनके पति विमल चतुर्वेदी समेत चार के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. उसके बाद से बस मालिक और उनके पति की गिरफ्तारी के लिए दोनों जनपदों की पुलिस जुटी है. शुक्रवार को विमल चतुर्वेदी ने छिबरामऊ में एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर की अर्जी दी. कोर्ट ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है इसीलिए वहीं पर सरेंडर अर्जी दी जा सकती है.

बस हादसे की कार्रवाई पर एसपी ने यह जानकारी
पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद ने इस मामले चल रही कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विवेचना का काम हो गया है और साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया है. कुछ ऐसी चीजें है जो हमको लैब से प्राप्त होनी है, तो उसकी भी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है. सैंपल लिए जा चुके हैं. लापता लोगों के परिजनों को आइडेंटीफाई करने के लिए डीएनए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया है. डीएनए रिपोर्ट के आधार पर यह साबित हो सकेगा कि उसमें जो जले हुए शव मिले थे वह किनके थे.

बस मालकिन की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की कार्रवाई हुई तेज
इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है और साक्ष्य संकलन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है और हम लोग शीघ्र ही उनको गिरफ्तार करके जेल भेजेंगे.

Intro:कन्नौज : स्पेशल रिपोर्ट
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कन्नौज : बस हादसे के पन्द्रह दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त में नही आया एक भी आरोपी और न ही हुई मृतकों की शिनाख्त 

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यूपी के कन्नौज में हुए बस हादसा के दोषी आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर है। 10 जनवरी को बस में फसे हुए जिन्दा लोग जलकर खाक हो गये थे, इस मामले में जाॅच पूरी हो चुकी है और साक्ष्य भी जुटा लिये गये है इसके बावजूद भी पुलिस के हांथ आज दिन इस घटना में दोषी लोगों में एक को भी पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी है। पुलिस मुख्य आरोपी बस की मालकिन के खिलाफ भी सभी सबूत जुटा चुकी है लेकिन बस मालकिन पुलिस को चकमा देकर आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर है। हांलांकि पुलिस अब उनको गिरफ्तार करने की फिराक में जुट गयी है। पुलिस का मानना है कि उनको शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा। आइये देखते हैं कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।

Body:डीएनए सैंपल को फिर से भेजा गया लखनऊ, रिपोर्ट का पुलिस कर रही इन्तजार

कन्नौज में 10 जनवरी को हुए बस हादसे में मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल को फिर से लखनऊ भेजा गया है। फार्म में रिश्ते का जिक्र न किए जाने के कारण सैंपल लौटा दिए गए थे। जिसके बाद इंस्पेक्टर छिबरामऊ ने जिला अस्पताल में फार्म को पूरा भरवाया और फिर इसके बाद सैंपल के साथ उसको दोबारा लखनऊ के लिए भेजा गया। अफसरों की लापरवाही के कारण मृतकों की शिनाख्त हादसे के 15 दिन बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। लापरवाही का आलम यह है कि डीएनए सैंपल छह लोगों के लिए गए थे लेकिन लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला से उसको लौटा दिया गया था। क्योंकि डीएनए सैंपल और फार्म को जांच अधिकारी रामबदन ने लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जमा किया तो फार्म में रिश्ते का कालम छूटा था। जिस कारण प्रयोगशाला से इन सैंपलों और फार्म को वापस कर दिया गया था। फार्म वापस आने पर एसपी ने इस पर नाराजगी जताई और फिर छिबरामऊ कोतवाली प्रभारी शैलेंद्र मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे और चिकित्सक सतेंद्र शाहू से मिलकर अधूरे कागजातों को तैयार कराया जिसके बाद कांस्टेबल जितेंद्र कुमार द्वारा इन सैंपल और फार्म को लखनऊ दोबारा भेजा गया। लेकिन पुलिस को अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं मिली है जिसको लेकर मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सके है और पुलिस आगे की कार्यवाही को लेकर असमंजस में पड़ी हुई है।

इन लोगों के दोबारा भेजे गए थे ब्लड सैम्पल

कन्नौज में 10 जनवरी को हुए बस हादसे में मृतकों की शिनाख्त के लिए परिवार के डीएनए सैम्पल के लिए जिला अस्पताल में छिबरामऊ के जेर किला निवासी हसीन बानो पत्नी सफीउल्ला (लापता नूरी की मां), कासगंज के गंज डुंडवारा निवासी नाजिम वारिसी पुत्र बसीम (लापता तान्या के पिता), फर्रुखाबाद के कमालगंज उगरापुर निवासी रईस अहमद पुत्र मो. उमर (लापता लईक का भाई), नफीस अहमद पुत्र मो. उमर (लापता लईक का भाई), कानपुर नगर के फैजफुलगंज रेल बाजार निवासी शहजहां बेगम पत्नी मो. इरफान (लापता शाहिदा बेगम की मां), तालग्राम के अमोलर निवासी उर्मिला देवी पत्नी कृपाशंकर राठौर (लापता प्रिया की मां) का डीएनए सैंपल जिला अस्पताल के चिकित्सक डा. सतेंद्र शाहू ने लिया गया था। प्रत्येक सैंपल के साथ एक फार्म भरा जाना था, जिसमें मृतकों अथवा लापता व्यक्ति के नाम पता आदि के साथ ही सैंपल देने वाले के बारे में जानकारी भी भरी जानी थी। इसी फार्म में रिश्ते का एक कालम भी है, जिसे डाक्टर ने नहीं भरा और सैंपल के साथ छिबरामऊ पुलिस के सुपुर्द कर दिया। जिसके बाद अधूरे कागजात होने के कारण यह सभी सैम्पल लखनऊ वापस कर दिए गए थे जिनको दोबारा भेजा जा चुका है।

डीएनए परीक्षण में होगी मृतकों की शिनाख्त, जिसके बाद मिलेगा परिजनों को मुआबजा

कन्नौज जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार मृतकों के परिजनों को दो - दो लाख रुपए दिए जाने को लेकर डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उनके परिजनों को यह धनराशि दिए जाने की बात कही गयी है जिसको लेकर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि जहाॅ तक मृतक लोगों का प्रश्न है, चूंकि फोरेंसिक टीम ने उनके अवशेष कलेक्ट किये है, उनके अवशेष के माध्यम से डीएनए टेस्टिंग के माध्यम से शिनाख्त होने के पश्चात उन्हें भी सहायता राशि दी जायेगी। मा0 मुख्यमन्त्री जी की घोषणा के क्रम में दो लाख रूपये मृतक के परिजनों को और पचास हजार घायलों को दिया जाना है।

Conclusion:बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने की नामंजूर

कन्नौज के छिबरामऊ बस हादसे में नामजद बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है। वहीं सीजेएम अदालत ने पुलिस से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। 10 जनवरी को छिबरामऊ के घिलोई खास गांव के पास ट्रक से टक्कर के बाद स्लीपर बस में आग लग गई थी। हादसे में दस से अधिक लोगों की मौत हुई थी। मामले में एआरटीओ संजय झा ने बस मालिक प्रीति चतुर्वेदी निवासी गढ़ी जदीद फतेहगढ़ तथा उनके पति विमल चतुर्वेदी समेत चार के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद से बस मालिक व उनके पति की गिरफ्तारी के लिए दोनों जनपदों की पुलिस जुटी है। शुक्रवार को विमल चतुर्वेदी ने छिबरामऊ में एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर की अर्जी दी। कोर्ट ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है इसीलिए वहीं पर सरेंडर अर्जी दी जा सकती है। सीजेएम कोर्ट ने छिबरामऊ कोतवाली पुलिस से हादसे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

बस हादसे की कार्यवाही पर एसपी ने यह जानकारी

कन्नौज पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद ने इस मामले चल रही कार्यवाही के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विवेचना का काम हो गया है और साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया है जो कुछ ऐसी चीजें है जो हमको लैब से प्राप्त होनी है, तो उसकी भी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है जो हमारे सैम्पल बगैरह है वह लिया जा चुके है। सबसे इम्पारटेंट जो रिपोर्ट हमारे पास आनी है, जिसमें कि जो लापता लोग है, परिजनों को आइडेंटीफाई करने के लिए डीएनए सैम्पल हम लोगों ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा है, तो डीएनए रिपोर्ट के आधार पर यह साबित हो सकेगा कि उसमें जो जले हुए शव मिले थे वह किनके थे। उसमें जो व्यक्ति है उनके परिजनों के सैम्पल्स लिये गये हैं और यह कार्यवाही पूरी करके रिपोर्ट जा चुकी है और हम लोगों ने विधिविज्ञान प्रयोगशाला से यह भी अनुरोेध किया है कि इसको प्राथमिकता के आधार पर कर दें।

बस मालकिन की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की कार्यवाही हुई तेज

देखिए चूंकि हमारे पास जो अवशेष है वह कई हैं और जितना हमारा सैम्पल लार्ज होता है उसका तो एरर की सम्भावना कम होती है, चूंकि एक ही परिवार के कई लोग है। तो उसमें उनके परिजनों का सैम्पल लिया गया है और साथ ही जो दूसरे लोग है दूसरे परिवार से सम्बन्धित है तीन लोग तो उनके भी एक से ज्यादा फैमिली मेम्बर्स के ब्लड सैम्पल लिये है यह विधिविज्ञान प्रयोगशाला इसलिए भेजते है कि उनको एरर को मिनिमाइज से मदद मिलती है। इस मामले में विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है और साक्ष्य संकलन की कार्यवाही पूरी हो चुकी है, और हम लोग शीघ्र ही उनको गिरफ्तार करके जेल भेजेंगे।

बाइट - रविन्द्र कुमार - जिलाधिकारी, कन्नौज
बाइट - अमरेन्द्र प्रसाद - पुलिस अधीक्षक, कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
Last Updated : Jan 28, 2020, 11:58 AM IST
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