कन्नौज: इत्रनगरी के वाशिंदों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीनेशन कार्य किया जा रहा है. एक ओर शहरी इलाकों में वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों में उत्साह है. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में हालात इसके उलट हैं. ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी चल रही है. लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर अलग-अलग भ्रम का उत्पन्न होना. लोग वैक्सीन न लगवाने के लिए अजीबो-गरीब तर्क भी दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं, लेकिन लाख समझाने के बाद भी लोग टीकाकरण के लिए राजी नहीं हो रहे हैं.
इसका एक उदाहरण छिबरामऊ ब्लॉक के सिकंदरपुर नगर पंचायत स्थित अंबेडकर नगर में देखने को मिला है. जहां, टीकाकरण से मौत होने की अफवाह लोगों में इस कदर हावी है कि वैक्सीन लगवाने से पहले ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग टीम से वैक्सीन डोज लगवाने के बाद जान न जाने का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो रही है.
गांव-गांव विशेष कैंप लगाकर हो रहा टीकाकरण
कोरोना महामारी ने जिले में हाहाकार मचा रखा है. कोरोना की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र भी इसकी चपेट में आ गए हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग गांव-गांव विशेष कैंप लगाकर टीकाकरण अभियान चला रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रही है. इसी क्रम में छिबरामऊ ब्लॉक के सिकंदरपुर नगर पंचायत के अंबेडरनगर गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने गई थी, लेकिन ग्रामीण अजीबो गरीब तर्क देकर टीकाकरण से बचने का प्रयास कर रहे हैं. तो वहीं कुछ लड़ने तक को तैयार हो जाते हैं.
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अजीबो-गरीब तर्क दे रहे ग्रामीण
जब टीम वैक्सीन लगवाने के लिए एक घर पर पहुंची तो वहां एक बुजुर्ग महिला वैक्सीन की डोज लगवाने पर मरने तक की बात कह दी. जब टीम के एक सदस्य ने खुद वैक्सीन लगवाने की बात कही तो बुजुर्ग महिला का कहना था कि क्या पता तुमने दूसरी वैक्सीन लगवाई हो. वहीं एक युवक का कहना था कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद दिक्कत होने पर जिम्मेदारी कौन लेगा. गांव में लोग टीम को कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित होने की बात कहकर टाल रहा है, तो कोई कुछ तर्क देकर वैक्सीनेशन से बचने का प्रयास कर रहा है. लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर डर इस कदर है कि लाख कोशिशों के बाद भी ग्रामीण टीकाकरण के लिए राजी नहीं हो रहे हैं.