कन्नौज : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निष्पक्ष तरीके से कराने के निर्वाचन आयोग के दावों के बीच व्यवस्थाओं की झोल अब उजागर होने लगी है. ऐसा ही एक मामला सौरिख ब्लॉक के अति संवेदनशील शंकरपुर मतदान केंद्र पर सामने आया. पता चला कि एक सरकारी कर्मचारी को यहां पोलिंग एजेंट बना दिया गया है. वह यहां से प्रधान पद के प्रत्याशी अपने पिता को जिताने के लिए वोटरों को प्रभावित भी कर रहा है.
यह सरकारी कर्मचारी यहां पर पोलिंग एजेंट कैसे बना, किन प्रपत्रों का इस्तेमाल किया और इसकी क्राॅस चेकिंग प्रशासनिक अधिकारियों ने क्यों नहीं की जैसे सवालों से प्रशासनिक अधिकारी फिलहाल बचते नजर आए. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि फर्जी प्रपत्र लगाकर पोलिंग एजेंट बनने के मामले में संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी. इस पोलिंग एजेंट को हिरासत में लेने की भी बात बताई गई.
क्या है पूरा मामला
पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में सौरिख ब्लॉक के अति संवेदनशील शंकरपुर मतदान केंद्र पर रामगंगा कमांड विभाग में तैनात सरकारी कर्मचारी कुलदीप शाक्य को निर्वाचन अधिकारियों ने पोलिंग एजेंट बना दिया. जब स्थानीय लोगों को एक सरकारी कर्मचारी के पोलिंग एजेंट बनाए जाने की बात पता जली तो उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया. साथ ही पीठासीन अधिकारी को मामले से अवगत कराया. जब पीठासीन अधिकारी ने मतदान एजेंट से उस बारे में पूछताछ की तो उसने बहस शुरू कर दी.
करीब आधे घंटे प्रभावित रहा मतदान
इस दौरान करीब आधे घंटे से अधिक समय तक मतदान प्रभावित रहा. इसके बाद मतदान कर्मियों ने सरकारी कर्मचारी को मतदान केंद्र से बाहर निकाल दिया. हंगामे की सूचना पर पहुंचे सेक्टर मजिस्ट्रेट ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया. मतदान बाधित होने की जानकारी मिलते ही एडीएम गजेंद्र सिंह भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने मतदान प्रभावित कर रहे मतदान एजेंट पर जमकर लाठी भांजी. पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया.
कर्मचारी पर कराई जाएगी कार्रवाई
वहीं, सेक्टर मजिस्ट्रेट ने बताया कि अगर सरकारी कर्मचारी एजेंट बना है तो यह गंभीर मामला है. मामले को उच्चाधिकारी से अवगत कराकर चुनाव आयोग को गुमराह करने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई कराई जाएगी.
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