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चंदन की लकड़ी से होगा मुलायम सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार चंदन की लकड़ी से होगा. कन्नौज से चंदन की लकड़ी और इत्र लेकर समाजवादी व्यापार सभा के लोग पहुंच गए हैं.

मुलायम सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार
मुलायम सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार
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Published : Oct 10, 2022, 10:18 PM IST

Updated : Oct 10, 2022, 10:31 PM IST

कन्नौज: समाजवादी पार्टी के संस्थापक व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है. उनका अंतिम संस्कार सैफई के पैतृक आवास पहुंच गया है. मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मंगलवार को चंदन की लकड़ी से होगा. चंदन की लकड़ी व गुलाब के फूल लेकर समाजवादी व्यापार सभा के कोषाध्यक्ष सैफई पहुंच चुके हैं. उनके साथ कई इत्र कारोबारी व सपा कार्यकर्ता भी चंदन की लकड़ी लेकर पहुंचे हैं.

  • आदरणीय नेता जी का पार्थिव शरीर सैफ़ई पहुंचा। pic.twitter.com/PFYb96xTKM

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तिर्वा कस्बा निवासी और समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश कोषाध्यक्ष अंशुल गुप्ता ने बताया कि उनके पास इटावा के सैफई आवास से फोन आया था. उसके बाद वह चंदन की लकड़ी का इंतजाम कर अंत्येष्टि स्थल के लिए रवाना हो गए हैं. इसके अलावा बृजेंद्र नारायण उर्फ गुड्डू सक्सेना भी चंदन की लकड़ी लेकर सैफई के लिए रवाना हो गए है. उनके साथ इत्र कारोबारी और समाजसेवी दिलीप गुप्ता भी है. चंदन की लकड़ी के अलावा कार्यकर्ता गुलाब के फूल लेकर भी सैफई जा रहे हैं.

  • आदरणीय नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर कल सुबह 10 बजे सैफ़ई मेला ग्राउंड के पंडाल में रखा जाएगा।

    तत्पश्चात दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार होगा।

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मुलायम सिंह ने गुलकंद व अगरबत्ती को कर दिया था टैक्स फ्री
मुलायम सिंह यादव का इत्रनगरी से भी गहरा नाता रहा है. जब वह लोकदल में थे, तब पहली बार कन्नौज आए थे. तब से उनका लगातार यहां आना जाना लगा रहा. राम मनोहर लोहिया को अपना आदर्श मानने वाले मुलायम सिंह ने कन्नौज से सांसद का चुनाव लड़ा था. उन्होंने 1999 में लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की थी. हालाकिं तब उन्होंने कन्नौज से इस्तिफा देकर मैनपुरी की नुमाइंदगी की थी. चौहट्टा मोहल्ला निवासी बृजेंद्र नारायण सक्सेना बताते हैं कि साल 2003 में जब मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने थे तब वह कन्नौज आए. यहां जीटी रोड़ स्थित पार्टी कार्यालय में जनता से मुखातिब हुए थे. इस दौरान इत्र कारोबारियों ने गुलकंद, अगरबत्ती को टैक्स फ्री कहने की बात कही थी. इस पर उन्होंने दोनों उत्पादों को टैक्स फ्री करने का भरोसा दिया था. लखनऊ पहुंचते ही अगले दिन सरकार ने दोनों उत्पादों को टैक्स फ्री कर दिया था. बृजेंद्र नारायण सक्सेना बताते हैं कि तब पांच प्रतिशत टैक्स पड़ता था.

सीएम बनते ही पूरे कर दिए थे अपने वादे
साल 1999 में उन्होंने कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. चुनाव प्रचार के दौरान लोग उन्हें क्षेत्र की समस्याओं को कागज पर लिखकर दे देते थे. प्रचार के दौरान पहली बार कोई नेता कटरी क्षेत्र में गया था. नदी में पानी होने के कारण मुलायम सिंह का हेलीकॉप्टर गोसाईंदासपुर में उतरा गया था. उस दौरान लोगों ने तहसीपुर, मल्लपुर और मिश्रीपुर में ईशन नदी पर पुल की मांग की थी. जब वह चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने कटरी क्षेत्र को तीन पुल दे दिए थे. इसके बाद उन्होंने ने कन्नौज के बोर्डिंग ग्राउंड में सभा की और बोले और जनता से कहा था कि कुछ और चाहिए तो बोल दो, अभी तत्काल मिलेगा. कुछ रह गया हो तो बता दें.

जबरन कार में बैठाकर इलाज के लिए रामबाबू मिश्रा को ले गए थे
मुलायम सिंह को याद करते हुए बृजेंद्र नारायण सक्सेना ने बताया कि नखासे मोहल्ले के रहने वाले रामबाबू मिश्रा दिल की बीमारी से जूझ रहे थे. जैसे ही नेता जी को पता चला तो वह कार से उनके घर पहुंचे और उपचार की बात कही. इस पर राम बाबू मिश्रा ने न नुकुर की तो नेता जी जबरन उन्हें कार में बैठाकर लखनऊ ले गए और उपचार कराया.

इसे भी पढ़ें-साधना गुप्ता और मुलायम सिंह की लव स्टोरी, अस्पताल से शुरू और अस्पताल में ही खत्म

कन्नौज: समाजवादी पार्टी के संस्थापक व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है. उनका अंतिम संस्कार सैफई के पैतृक आवास पहुंच गया है. मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मंगलवार को चंदन की लकड़ी से होगा. चंदन की लकड़ी व गुलाब के फूल लेकर समाजवादी व्यापार सभा के कोषाध्यक्ष सैफई पहुंच चुके हैं. उनके साथ कई इत्र कारोबारी व सपा कार्यकर्ता भी चंदन की लकड़ी लेकर पहुंचे हैं.

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तिर्वा कस्बा निवासी और समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश कोषाध्यक्ष अंशुल गुप्ता ने बताया कि उनके पास इटावा के सैफई आवास से फोन आया था. उसके बाद वह चंदन की लकड़ी का इंतजाम कर अंत्येष्टि स्थल के लिए रवाना हो गए हैं. इसके अलावा बृजेंद्र नारायण उर्फ गुड्डू सक्सेना भी चंदन की लकड़ी लेकर सैफई के लिए रवाना हो गए है. उनके साथ इत्र कारोबारी और समाजसेवी दिलीप गुप्ता भी है. चंदन की लकड़ी के अलावा कार्यकर्ता गुलाब के फूल लेकर भी सैफई जा रहे हैं.

  • आदरणीय नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर कल सुबह 10 बजे सैफ़ई मेला ग्राउंड के पंडाल में रखा जाएगा।

    तत्पश्चात दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार होगा।

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मुलायम सिंह ने गुलकंद व अगरबत्ती को कर दिया था टैक्स फ्री
मुलायम सिंह यादव का इत्रनगरी से भी गहरा नाता रहा है. जब वह लोकदल में थे, तब पहली बार कन्नौज आए थे. तब से उनका लगातार यहां आना जाना लगा रहा. राम मनोहर लोहिया को अपना आदर्श मानने वाले मुलायम सिंह ने कन्नौज से सांसद का चुनाव लड़ा था. उन्होंने 1999 में लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की थी. हालाकिं तब उन्होंने कन्नौज से इस्तिफा देकर मैनपुरी की नुमाइंदगी की थी. चौहट्टा मोहल्ला निवासी बृजेंद्र नारायण सक्सेना बताते हैं कि साल 2003 में जब मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने थे तब वह कन्नौज आए. यहां जीटी रोड़ स्थित पार्टी कार्यालय में जनता से मुखातिब हुए थे. इस दौरान इत्र कारोबारियों ने गुलकंद, अगरबत्ती को टैक्स फ्री कहने की बात कही थी. इस पर उन्होंने दोनों उत्पादों को टैक्स फ्री करने का भरोसा दिया था. लखनऊ पहुंचते ही अगले दिन सरकार ने दोनों उत्पादों को टैक्स फ्री कर दिया था. बृजेंद्र नारायण सक्सेना बताते हैं कि तब पांच प्रतिशत टैक्स पड़ता था.

सीएम बनते ही पूरे कर दिए थे अपने वादे
साल 1999 में उन्होंने कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. चुनाव प्रचार के दौरान लोग उन्हें क्षेत्र की समस्याओं को कागज पर लिखकर दे देते थे. प्रचार के दौरान पहली बार कोई नेता कटरी क्षेत्र में गया था. नदी में पानी होने के कारण मुलायम सिंह का हेलीकॉप्टर गोसाईंदासपुर में उतरा गया था. उस दौरान लोगों ने तहसीपुर, मल्लपुर और मिश्रीपुर में ईशन नदी पर पुल की मांग की थी. जब वह चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने कटरी क्षेत्र को तीन पुल दे दिए थे. इसके बाद उन्होंने ने कन्नौज के बोर्डिंग ग्राउंड में सभा की और बोले और जनता से कहा था कि कुछ और चाहिए तो बोल दो, अभी तत्काल मिलेगा. कुछ रह गया हो तो बता दें.

जबरन कार में बैठाकर इलाज के लिए रामबाबू मिश्रा को ले गए थे
मुलायम सिंह को याद करते हुए बृजेंद्र नारायण सक्सेना ने बताया कि नखासे मोहल्ले के रहने वाले रामबाबू मिश्रा दिल की बीमारी से जूझ रहे थे. जैसे ही नेता जी को पता चला तो वह कार से उनके घर पहुंचे और उपचार की बात कही. इस पर राम बाबू मिश्रा ने न नुकुर की तो नेता जी जबरन उन्हें कार में बैठाकर लखनऊ ले गए और उपचार कराया.

इसे भी पढ़ें-साधना गुप्ता और मुलायम सिंह की लव स्टोरी, अस्पताल से शुरू और अस्पताल में ही खत्म

Last Updated : Oct 10, 2022, 10:31 PM IST
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