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महाराष्ट्र से कन्नौज पहुंचा प्रवासी श्रमिकों का जत्था

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शुक्रवार को महाराष्ट्र से मजदूरों का जत्था पहुंचा. इसके बाद सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई. कन्नौज पहुंचे सभी मजदूरों को 21 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया गया है.

लम्बा सफर तय कर कन्नौज पहुंचे प्रवासी श्रमिक.
लम्बा सफर तय कर कन्नौज पहुंचे प्रवासी श्रमिक.
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Published : May 15, 2020, 3:12 PM IST

कन्नौज: जिले में शुक्रवार को महाराष्ट्र से मजदूरों का जत्था कन्नौज पहुंचा. ये मजदूर कन्नौज के सलेमपुर गांव के रहने वाले हैं. कई दिन का सफर, भूख-प्यासे तय कर वापस लौटे इन ग्रामीणों का कहना है कि गांव की रूखी सूखी खा लेंगे, लेकिन अब कभी दोबारा शहर नही जाएंगे.

चार दिन से एक टीवी चैनल की खबर खूब वायरल हो रही थी, जिसमें ट्रक पर सवार होकर मजदूरों का जत्था महाराष्ट्र से कन्नौज के लिए निकला था. इस दौरान एक पत्रकार ने इनसे पूछा तो मजदूरों के आंसू छलक पड़े थे. मजदूरों ने कहा कि न तो उनके पास कुछ खाने को बचा था और न ही लॉकडाउन में कमाई का कोई जरिया बचा था, इसलिए अपने-अपने गांव की ओर निकल पड़े.

वहीं ट्रक से लम्बा सफर तय करने के बाद शुक्रवार की सुबह महाराष्ट्र के उन्हीं मजदूरों का जत्था तालग्राम पहुंच गया. ये सभी मजदूर तालग्राम थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव के निवासी हैं. सुबह अपने जिले में लौटने के बाद उनके चेहरों पर खुशी नजर आई. इन सभी मजदूरों की तालग्राम में थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई.

यहां नगर पंचायत चेयरमैन के प्रतिनिधि दिनेश यादव ने सभी 62 मजदूरों को जलपान कराया और उनके बीच फलों का वितरण किया. इन सभी मजदूरों ने अपने पास से चंदा इकट्ठा कर एक ट्रक किराए पर किया था, जिसके बाद वह अपने-अपने परिवार के साथ लम्बा सफर तय कर कन्नौज के तालग्राम पहुंच सके.

मजदूरों का कहना है कि अब वह अपने गांव में ही रोजगार की तलाश करेंगे, नहीं तो खेती-बाड़ी कर के ही अपने परिवार का भरण-पोषण करेंगे, लेकिन बाहर नहीं जाएंगे. फिलहाल सभी मजदूरों को 21 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया गया है.

ये भी पढ़ें- कन्नौज: 65 व्यक्तियों के सैंपल की जांच रिपोर्ट आई निगेटिव

कन्नौज: जिले में शुक्रवार को महाराष्ट्र से मजदूरों का जत्था कन्नौज पहुंचा. ये मजदूर कन्नौज के सलेमपुर गांव के रहने वाले हैं. कई दिन का सफर, भूख-प्यासे तय कर वापस लौटे इन ग्रामीणों का कहना है कि गांव की रूखी सूखी खा लेंगे, लेकिन अब कभी दोबारा शहर नही जाएंगे.

चार दिन से एक टीवी चैनल की खबर खूब वायरल हो रही थी, जिसमें ट्रक पर सवार होकर मजदूरों का जत्था महाराष्ट्र से कन्नौज के लिए निकला था. इस दौरान एक पत्रकार ने इनसे पूछा तो मजदूरों के आंसू छलक पड़े थे. मजदूरों ने कहा कि न तो उनके पास कुछ खाने को बचा था और न ही लॉकडाउन में कमाई का कोई जरिया बचा था, इसलिए अपने-अपने गांव की ओर निकल पड़े.

वहीं ट्रक से लम्बा सफर तय करने के बाद शुक्रवार की सुबह महाराष्ट्र के उन्हीं मजदूरों का जत्था तालग्राम पहुंच गया. ये सभी मजदूर तालग्राम थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव के निवासी हैं. सुबह अपने जिले में लौटने के बाद उनके चेहरों पर खुशी नजर आई. इन सभी मजदूरों की तालग्राम में थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई.

यहां नगर पंचायत चेयरमैन के प्रतिनिधि दिनेश यादव ने सभी 62 मजदूरों को जलपान कराया और उनके बीच फलों का वितरण किया. इन सभी मजदूरों ने अपने पास से चंदा इकट्ठा कर एक ट्रक किराए पर किया था, जिसके बाद वह अपने-अपने परिवार के साथ लम्बा सफर तय कर कन्नौज के तालग्राम पहुंच सके.

मजदूरों का कहना है कि अब वह अपने गांव में ही रोजगार की तलाश करेंगे, नहीं तो खेती-बाड़ी कर के ही अपने परिवार का भरण-पोषण करेंगे, लेकिन बाहर नहीं जाएंगे. फिलहाल सभी मजदूरों को 21 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया गया है.

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