कन्नौज: सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में दहेज की मांग पूरी न होने पर भाभी को जलाकर मारने के आरोपी देवर को कोर्ट ने दोषी करार दिया. अपर जिला जज प्रथम विशंभर प्रसाद ने शुक्रवार को देवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. इस मामले में कोर्ट ने सास अकीला को बीते 27 अप्रैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने के दौरान देवर न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ था. जिस पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. बीती 4 मई को आरोपी देवर ने कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. वहीं, साक्ष्यों के अभाव में पति दोष मुक्त करार दिया गया था.
कन्नौज के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तरुण चंद्रा ने बताया कि सफीपुर जब्ती गांव निवासी मोहतसीन उर्फ गुड्डू ने 27 सितंबर 2019 को सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप था कि करीब 10 साल पहले उसकी बहन रेश्मा बेगम का निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से बालापीर मोहल्ला निवासी शीबू के साथ हुआ था. शादी के बाद से ही पति शीबू, सास अकीला बेगम, देवर संजू, दानिश, ननद जेबा बहन को कम दहेज का ताना देते हुए मारपीट करते थे. इसके अलावा अतिरिक्त दहेज में 2 लाख रुपए व कार की मांग कर प्रताड़ित कर रहे थे. वह कुछ न कुछ उन लोगों को देता रहता था लेकिन ससुरालीजन अतिरिक्त दहेज की मांग करते हुए उसकी बहन को मानसिक प्रताड़ना देते रहे. उसने व उसके परिजनों ने कई बार सभी लोगों को समझाया. लेकिन इसके बाद भी सभी लोग उसे परेशान करते रहे.
गुड्डू ने बताया कि शादी के 2 साल बाद ही उसकी बहन के पति शीबू का एक लड़की के साथ अवैध संबंध हो गया. इस बात की जानकारी पर उसकी बहन ने विरोध किया. इसके बाद उसकी बहन को भूखा प्यासा रखकर प्रताड़ित करने लगे. 25 सितंबर 2019 की सुबह उसकी बहन को आग लगाकर सभी लोग घर से भाग गए. सूचना पर जब वह पहुंचा तो उसकी बहन रेशमा बेगम पूरी तरह जली अवस्था में मिली. बहन को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान शाम को उसकी मौत हो गई.
पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया. कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में पति शीबू को बरी कर दिया था. लेकिन सास अकीला बेगम व देवर संजू को दोषी करार दिया था. आरोप सिद्ध होने पर बीते 27 अप्रैल को अपर जिला जज विशंभर प्रसाद ने सास अकीला बेगम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने के दौरान देवर संजू कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ था. जिसके चलते उसको सजा नहीं सुनाई जा सकी थी. कोर्ट ने देवर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. चार मई को देवर ने कोर्ट में आत्म समपर्ण कर दिया था. शुक्रवार को अपर जिला जज प्रथम विशंभर प्रसाद ने देवर संजू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
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