कन्नौज: जिले में आपातकालीन एंबुलेंस के कर्मी कोरोना पॉजिटिव को कोविड अस्पताल तक पहुंचाने में दिन रात जुटे हैं. जरूरत पड़ने पर मरीजों की हालत के हिसाब से उन्हें मेडिकल कॉलेज तिर्वा भी पहुंचा रहे हैं. वहीं जांच के बाद मरीजों को क्वारंटाइन और आइसोलेशन सेंटर वापस छोड़ते हैं. जबकि स्वस्थ होने पर फिर से मरीज को घर छोड़ने का काम भी इन्ही के जिम्मे है. जिले में 100 एम्बुलेंस चालक व 100 नर्सिंग कर्मचारी दिन-रात सेवा दे रहे हैं.
108 व 102 एंबुलेंस जिला प्रभारी नितिन बाजपेयी ने बताया कि जिले में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. मरीजों को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर ले जाने के लिए 108 व 102 एंबुलेंस लगाई गई है. कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा में लगे हैं. जैसे ही सूचना आती है, हमारी टीम के सदस्य एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंचकर सेवा देने का काम कर रहे हैं. इसी तरह कोरोना वायरस के संकट काल में पूर्ण समर्पण के साथ समस्त एंबुलेंस कर्मी अपनी सेवा प्रदान करेंगे. उन्होंने बताया कि लगभग 1900 मरीज सेवा से लाभान्वित हुए हैं.
एंबुलेंस में अपनी सेवा दे रहे एएमटी विवेक यादव का कहना है कि आमजन की सेवा करना हमारा धर्म है, फर्ज निभाते हुए जान जोखिम में डालकर सेवा कर रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे. एम्बुलेंस 108 की सेवा में जब किसी को अस्पताल लाते हैं और वह वापस ठीक होकर घर जाता है. तो उससे मिलने वाली दुआ ही हमारा सुरक्षा कवच है.
पहले मरीज को लाने में लगा था डर
एम्बुलेंस चालक रोहित कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी में कर्मी एंबुलेंस 108 में सेवा दे रहे हैं. परिवार को छोड़कर दिन-रात काम कर रहे हैं. मरीज चाहे कोरोना पॉजिटिव हो या निगेटिव, उनको घर से चिकित्सालय छोड़ा जा रहा है, ताकि वह जल्दी सही हो सके. रोहित बताते हैं कि जब सामुदायिक केन्द्र तिर्वा स्थित अस्पताल में पहली बार कोरोना पॉजिटिव को लाना था, तो थोड़ा डर जरूर लगा. लेकिन मरीज को अस्पताल छोड़ने के बाद में आत्मसंतुष्टि मिली. अब वह अपने काम को बिना डरे निभा रहे हैं.
जिले में यह है एम्बुलेंस की स्थिति
- 108 एंबुलेंस- 24
- 102 एंबुलेंस- 23
- एएलएस एंबुलेंस- 4
- कुल चालक- 100
- कुल नर्सिंग स्टाफ- 100