कन्नौज : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. प्रमुख पार्टियों ने चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कमर कस चुकी है. जिले में ऐसे कई ऐसे गांव है जो आज भी विकास का रास्ता देख रहे हैं. ऐसा ही एक गांव सदर ब्लॉक खंड में मौजूद है. गदनपुर नरहा अपने विकास की कहानी खुद व खुद बयां कर रहा है. पांच साल बीत जाने के बाद भी गांव में विकास कार्य नहीं हुआ है. गांव में विकास के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए. उसके बावजूद गांव की बदहाल तस्वीर जस की तस है. गांव के मुख्य मार्ग पर जल निकासी तक का कोई इंतजाम तक नहीं है. ग्रामीणों ने प्रधान पर विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं.
जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं
प्रदेश के गांवों को साफ और सुथरा रखने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है. नाली, सड़क जैसे विकास कार्यों के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है, जिसमें लाखों रुपये भी खर्च किए जा रहे हैं. वहीं कन्नौज जिले की बात करें तो यहां के जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित गदनपुर नरहा गांव आज भी विकास की इन योजनाओं से कोसो दूर है. गांव के मुख्य मार्ग पर जल निकासी के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. इससे सड़क पर पूरे साल पानी भरा रहता है. जल भराव के चलते लोग गिरकर चोटिल भी होते रहते है.
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में विकास कार्य नहीं हुआ है. गांव में कई सालों से सफाई कर्मी नहीं आया है. जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है. नालियों की साफ सफाई न होने की वजह से नालियां यह गंदगी से बजबजा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि नालियों का पानी ओवर फ्लो होने पर खुद फावड़ा लेकर साफ सफाई करते हैं.
प्रधान नहीं आने देते सफाई कर्मी
गांव के ही रहने वाले दीवान सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान बलवीर सिंह गांव में सफाई कर्मी को गांव में ही नहीं आने देते हैं. जिसके चलते गांव में साफ-सफाई नहीं होती है. उन्होंने कहा कि इस बार अच्छा काम करने वाले को ही चुनकर अपना प्रतिनिधि बनाएंगे.
नहीं मिली सरकारी सुविधाएं
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में आज तक कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. पात्रों को न तो आवास मिले हैं न ही शौचालय दिए गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान से शिकायत करने पर वह भगा देते हैं. विकास के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं. उसके बावजूद गांव बदहाली का शिकार है. लोग रास्ते की समस्या से जूझ रहे हैं.
मनरेगा के तहत नहीं मिला कोई काम
ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को मनरेगा के तहत घर में काम दिलाने की बात कही गई थी. लेकिन ग्राम प्रधान ने सिर्फ अपने चेहतों को ही मनरेगा में काम दिलाया. लेकिन अन्य लोगों को एक दिन भी काम नहीं दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि जिला पंचायत सदस्य भी कोई काम नहीं करते है. किसानों की फसल बेहतर हो सके इसके लिए भी कोई काम नहीं किया गया.
गांव की समस्याओं पर एक नजर
गदनपुर नरहा गांव में करीब एक हजार की आबादी है. उसके बावजूद ग्रामीण विकास के लिए तरस रहे हैं. गांव में जाने वाला मुख्य मार्ग पक्का है. लेकिन जल भराव होने की वजह से हालत बेहद खराब है. गांव में नाली के पानी निकासी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. गांव में साफ-सफाई न होना भी बड़ी समस्या बनी हुई है. जो सड़के बनी भी है वह टूटने लगी है.
'समस्याओं को दूर करने वाला प्रधान चुनेंगे'
गदनपुर नरहा के वाशिंदे सालों से इन परेशानियों से जूझ रहे हैं. चुनाव के दौरान दावेदार बड़े-बड़े वादे तो कर देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद दोबारा मुड़कर तक नहीं देखते हैं. गांव की समस्याओं को दूर करने के लिए ग्रामीण इस बार समस्याओं को दूर करने वाला प्रधान चुनने की बात कह रहे हैं. जिससे उनको सालों से चली आ रही परेशानियों ने निजात मिल सके.