कन्नौज: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए ली गई जमीन में सर्किल रेट से ज्यादा मुआवजा दिए जाने का मामला सामने आया है. सर्किल रेट से ज्यादा मुआवजा दिए जाने के मामले में छिबरामऊ तहसीलदार ने एसडीएम सहित आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. आरोप है कि 2014 में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का 19 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर मूल्य तय था, लेकिन 19 लाख रुपये प्रति हेक्टयर के बजाए चार गुना बढ़ाकर मुआवजा दिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
छिबरामऊ तहसील के तहसीलदार अभिमन्यु कुमार ने छिबरामऊ कोतवाली में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे परियोजना मझिगवां बहादुरपुर गांव निवासी राजेश कुमार की भूमि ली गई थी. जबकि भूमि का सर्किल रेट 19 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तय किया गया था, लेकिन 19 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की बजाए 25 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से चार गुना मुआवजा दिया गया. धोखाधड़ी कर राजेश ने 5.73 लाख रुपये का अधिक भुगतान करवा लिया. इसी प्रकार मझिगवां गांव निवासी केसर देवी पत्नी को भी 19 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के बजाए 90 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से चार गुना 33 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया. इसमें केसरी देवी को 26.12 लाख रुपये का अधिक भुगतान किया गया. कहा कि एक्सप्रेस वे की जमीन खरीद में घोटाला होने की शिकायत पर 2017 में मामले की जांच शुरू की गई थी. जांच में मामला सही पाया गया था.
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जांच कर मामले की पूरी रिपोर्ट फरवरी 2021 में सौंपी गई थी. इसके आधार पर एसडीएम उदयवीर सिंह, लेखपाल अरुण कुमार, तहसीलदार शिवनारायण पांडेय, ऋषिकांत राजवंशी, तत्कालीन नायब तहसीलदार अवनीश कुमार, उप निबंधक प्रद्युम्न सिंह, विक्रेता राजेश कुमार व केसर देवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा 420, 406, 467, 468, 471 व 120 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है. बताया जा रहा है कि एसडीएम उदयवीर सिंह की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है. जबकि तत्कालीन तहसीलदार ऋषीकांत प्रमोशन पाकर एसडीएम बन गए हैं. नायब तहसीलदार प्रमोशन पाकर रामपुर में तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं. वहीं, तहसीलदार शिव नारायन सेवानिवृत हो चुके हैं.