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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : जानिए, क्या कहते हैं इत्र नगरी की छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े - kannauj latest news

यूपी विधानसभा चुनाव 2022(UP Assembly Election 2022) नजदीक है, जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने गठजोड़ में लगीं हैं. इस चुनावी समर में ईटीवी भारत की टीम यूपी की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक आंकड़े जनता तक पहुंचा रही है, रिपोर्ट पढ़िए..

छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े
छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े
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Published : Oct 8, 2021, 5:10 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 5:19 PM IST

कन्नौज : जिले की पहचान इत्रनगरी और स्वादिष्ट गट्टे के लिए देश भर में प्रसिद्ध है. इस जिले की राजनीतिक समीकरण को समाजवादी पार्टी(सपा) का गढ़ कहा जाता है. जिले में कन्नौज तीन विधानसभा सीटें हैं. ईटीवी भारत की टीम जनपद की छिबरामऊ विधानसभा-196 सीट के राजनीतिक समीकरण जनता तक पहुंचा रही है. यूपी में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में कन्नौज जनपद से 12 लाख 40 हजार 503 मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. जिले में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 65.91 है, जबकि 63.06 प्रतिशत महिला मतदाता हैं. इसके अलावा थर्ड जेंडर मतदाताओं का प्रतिशत 64.58 है.

कन्नौज जिले के अंर्तगत आने वाली छिबरामऊ विधानसभा-196 के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4 लाख 52 हजार 294 है. जिसमें पुरूष मतदाता 2 लाख 46 हजार 63 हैं, जबकि महिला मतदाता की संख्या 2 लाख 6 हजार 211 है. इसके अलावा थर्ड जेंडर मतदाता की संख्या 20 है.

छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े
छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े

राजनीतिक समीकरण

यहां से पहली बार कांग्रेस से मथुरा प्रसाद त्रिपाठी विधायक चुने गए थे. उसके बाद 1962 में पीएसपी से कोतवाली सिंह भदौरिया, 1967 में जनसंघ से राम प्रकाश त्रिपाठी, 1969 में कांग्रेस से जागेश्वर प्रसाद, 1977 में जनता पार्टी से जगदीश्वर दयाल अग्निहोत्री विधायक के रूप में चुने गए थे. 1980 में जनता पार्टी (सेक्यूलर चौधरी चरण सिंह) से राधेश्याम वर्मा विधायक बने. 1985 में कांग्रेस से संतोष चतुर्वेदी विधायक चुने गए. 1989 से 1991 जनता दल व झारखंड पार्टी से कप्तान सिंह विधायक रहे. 1993 में भाजपा से रामप्रकाश त्रिपाठी, 1996 में सपा से छोटे सिंह यादव, उसके बाद 2002 में एक फिर भाजपा राम प्रकाश त्रिपाठी विधायक के रूप में चुने गए. 2007 से 2012 तक सपा के अरविंद सिंह यादव छिबरामऊ के विधायक रहे. लेकिन 2017 के विधान सभा के चुनाव बीजेपी से सपा के गढ़ में सेंध लगाते हुए अर्चना पांडेय ने बसपा के प्रत्याशी ताहिर हुसैन सिद्दीकी को हराकर बीजेपी का परचम लहराया.

छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े
छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े


राजनीतिक पृष्ठ भूमि

राजनीतिक दृष्टिकोंण से कन्नौज जिले को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है. हालांकि इस जिले में बीजेपी भी सेंधमारी कर चुकी है. इसी क्रम में वर्ष 2017 में जिले की तिर्वा सीट-197 पर कैलाश राजपूत ने बीजेपी से टिकट लेकर चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने सपा से अपने प्रतिद्वंदी विजय बहादुर पाल को मात देकर विजय हासिल थी. वहीं 2017 के चुनाव में छिबरामऊ-196 सीट से बीजेपी प्रत्याशी अर्चना पांडेय ने जीत दर्ज की थी. इसी क्रम में वर्ष 2012 के चुनाव में जिले की सदर सीट-198 पर सपा प्रत्याशी अनिल दोहरे विधायक चुने गए थे. जिसमें सपा प्रत्याशी अनिल दोहरे ने बीजेपी के बनवारी लाल दोहरे को मात दी थी.

इसे पढ़ें- UP Assembly Election 2022 : बड़ी कठिन है तिर्वा सीट की राजनीति, मुश्किल है जीत का दावा ठोंकना

कन्नौज : जिले की पहचान इत्रनगरी और स्वादिष्ट गट्टे के लिए देश भर में प्रसिद्ध है. इस जिले की राजनीतिक समीकरण को समाजवादी पार्टी(सपा) का गढ़ कहा जाता है. जिले में कन्नौज तीन विधानसभा सीटें हैं. ईटीवी भारत की टीम जनपद की छिबरामऊ विधानसभा-196 सीट के राजनीतिक समीकरण जनता तक पहुंचा रही है. यूपी में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में कन्नौज जनपद से 12 लाख 40 हजार 503 मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. जिले में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 65.91 है, जबकि 63.06 प्रतिशत महिला मतदाता हैं. इसके अलावा थर्ड जेंडर मतदाताओं का प्रतिशत 64.58 है.

कन्नौज जिले के अंर्तगत आने वाली छिबरामऊ विधानसभा-196 के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4 लाख 52 हजार 294 है. जिसमें पुरूष मतदाता 2 लाख 46 हजार 63 हैं, जबकि महिला मतदाता की संख्या 2 लाख 6 हजार 211 है. इसके अलावा थर्ड जेंडर मतदाता की संख्या 20 है.

छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े
छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े

राजनीतिक समीकरण

यहां से पहली बार कांग्रेस से मथुरा प्रसाद त्रिपाठी विधायक चुने गए थे. उसके बाद 1962 में पीएसपी से कोतवाली सिंह भदौरिया, 1967 में जनसंघ से राम प्रकाश त्रिपाठी, 1969 में कांग्रेस से जागेश्वर प्रसाद, 1977 में जनता पार्टी से जगदीश्वर दयाल अग्निहोत्री विधायक के रूप में चुने गए थे. 1980 में जनता पार्टी (सेक्यूलर चौधरी चरण सिंह) से राधेश्याम वर्मा विधायक बने. 1985 में कांग्रेस से संतोष चतुर्वेदी विधायक चुने गए. 1989 से 1991 जनता दल व झारखंड पार्टी से कप्तान सिंह विधायक रहे. 1993 में भाजपा से रामप्रकाश त्रिपाठी, 1996 में सपा से छोटे सिंह यादव, उसके बाद 2002 में एक फिर भाजपा राम प्रकाश त्रिपाठी विधायक के रूप में चुने गए. 2007 से 2012 तक सपा के अरविंद सिंह यादव छिबरामऊ के विधायक रहे. लेकिन 2017 के विधान सभा के चुनाव बीजेपी से सपा के गढ़ में सेंध लगाते हुए अर्चना पांडेय ने बसपा के प्रत्याशी ताहिर हुसैन सिद्दीकी को हराकर बीजेपी का परचम लहराया.

छिबरामऊ विधानसभा सीट के आंकड़े
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राजनीतिक पृष्ठ भूमि

राजनीतिक दृष्टिकोंण से कन्नौज जिले को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है. हालांकि इस जिले में बीजेपी भी सेंधमारी कर चुकी है. इसी क्रम में वर्ष 2017 में जिले की तिर्वा सीट-197 पर कैलाश राजपूत ने बीजेपी से टिकट लेकर चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने सपा से अपने प्रतिद्वंदी विजय बहादुर पाल को मात देकर विजय हासिल थी. वहीं 2017 के चुनाव में छिबरामऊ-196 सीट से बीजेपी प्रत्याशी अर्चना पांडेय ने जीत दर्ज की थी. इसी क्रम में वर्ष 2012 के चुनाव में जिले की सदर सीट-198 पर सपा प्रत्याशी अनिल दोहरे विधायक चुने गए थे. जिसमें सपा प्रत्याशी अनिल दोहरे ने बीजेपी के बनवारी लाल दोहरे को मात दी थी.

इसे पढ़ें- UP Assembly Election 2022 : बड़ी कठिन है तिर्वा सीट की राजनीति, मुश्किल है जीत का दावा ठोंकना

Last Updated : Oct 8, 2021, 5:19 PM IST
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