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साइबर क्राइम: कन्नौज के बैंक में खाता, महाराष्ट्र में निकाल लिए 1 लाख 10 हजार

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Published : Dec 12, 2020, 8:01 PM IST

कन्नौज जिले के एसबीआई तिर्वा ब्रांच में एक युवती अपने पैसे निकालने पहुंची. इसके बाद बैंक ने युवती को जो जानकारी दी उसे सुनकर युवती के पैरों तले की जमीन ही खिसक गई. आनन-फानन में उसने अपने घरवालों को मामले की जानकारी दी. क्या है पूरा मामला, पढ़िए इस खास रिपोर्ट में...

साइबर क्राइम
साइबर क्राइम

कन्नौज : शिखा कन्नौज के गांधीनगर मोहल्ला में रहती हैं. बीएड कर रही शिखा फीस जमा कराने के लिए 5 नवंबर को तिर्वा के स्टेट बैंक ब्रांच में पहुंचीं. उनके खाते में करीब 1 लाख 10 हजार रुपए जमा थे. शिखा ने बीएड की फीस के लिए 30 हजार रुपए की निकासी का फॉर्म भरकर काउंटर पर जमा किया. कुछ देर बाद बैंक कर्मी ने बताया कि उसके खाते में पैसे ही नहीं हैं. इतना सुनते ही शिखा के पैरों तले की जमीन खिसक गई. आनन-फानन में शिखा ने अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी.

साइबर ठगी की कहानी, पीड़िता की जुबानी

12 ट्रांजैक्शन में निकाले 1 लाख 10 हजार

इसके बाद शिखा ने अपने खाते का मिनी स्टेटमेंट निकलवाया. तब कहीं जाकर शिखा को पता चला कि उसके खाते से 12 बार ट्रांजैक्शन कर 1 लाख 10 हजार रुपए निकाले गए गए हैं. बैंक से जानकारी करने पर यह भी पता चला कि यह ट्रांजैक्शन महाराष्ट्र के सीएसपी यानि जन सुविधा केंद्र से किया गया है. आश्चर्य की बात यह है कि खाते से 12 बार ट्रांजैक्शन किए गए और शिखा के मुताबिक एक बार भी उसके पास ट्रांजैक्शन के मैसेज नहीं आए. जबकि शिखा का दावा है कि उसके अकाउंट में उसका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है. अपने पैसे गंवा चुकी शिखा को अहसास हो चुका था कि वह साइबर क्राइम का शिकार हो चुकी है. जो कभी महाराष्ट्र गया नहीं हो उसके खाते से महाराष्ट्र में पैसे निकाले गए. यह ट्रांजैक्शन 29 अगस्त से शुरू हुआ था.

12 बार ट्रांजैक्शन, मैसेज एक बार भी नहीं

शिखा की परेशानी यहीं खत्म नहीं होती. जब उसने बैंक मैनेजर से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी साफ तौर पर नहीं बताया. जब बैंक मैनेजर से मैसेज नहीं आने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बड़ी लापरवाही से जवाब दिया कि कभी-कभी ऐसा होता है. सवाल है कि एक या दो बार नहीं बल्कि 12 बार ट्रांजैक्शन्स हुए और मैसेज किसी का नहीं आया.

बैंक और पुलिस मामले को टालते रहे

बैंक से निराश और परेशान शिखा अब इसकी शिकायत कराने तिर्वा थाना पहुंची. यहां का अनुभव भी तिर्वा के लिए अच्छा नहीं रहा. शिखा का कहना है कि पुलिस ने उनके मामले को सुनने से इनकार करते हुए पहले कहा कि बैंक मैनेजर से बात करो जाकर. इसके बाद पुलिस ने फिर टालते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पैसे निकाले गए हैं तो वहीं जाकर शिकायत दर्ज कराएं. थक-हारकर शिखा ने मामले की ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई लेकिन वहां से भी दो बार उनके आवेदन को कैंसिल कर दिया गया. अब शिखा ने तीसरी बार फिर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है. सवाल है कि ट्रांजैक्शन का मैसेज शिखा के मोबाइल पर क्यों नहीं आया, अगर आता तो वक्त रहते ही शिखा अकाउंट को फ्रीज करवा सकती थीं.

कन्नौज : शिखा कन्नौज के गांधीनगर मोहल्ला में रहती हैं. बीएड कर रही शिखा फीस जमा कराने के लिए 5 नवंबर को तिर्वा के स्टेट बैंक ब्रांच में पहुंचीं. उनके खाते में करीब 1 लाख 10 हजार रुपए जमा थे. शिखा ने बीएड की फीस के लिए 30 हजार रुपए की निकासी का फॉर्म भरकर काउंटर पर जमा किया. कुछ देर बाद बैंक कर्मी ने बताया कि उसके खाते में पैसे ही नहीं हैं. इतना सुनते ही शिखा के पैरों तले की जमीन खिसक गई. आनन-फानन में शिखा ने अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी.

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12 ट्रांजैक्शन में निकाले 1 लाख 10 हजार

इसके बाद शिखा ने अपने खाते का मिनी स्टेटमेंट निकलवाया. तब कहीं जाकर शिखा को पता चला कि उसके खाते से 12 बार ट्रांजैक्शन कर 1 लाख 10 हजार रुपए निकाले गए गए हैं. बैंक से जानकारी करने पर यह भी पता चला कि यह ट्रांजैक्शन महाराष्ट्र के सीएसपी यानि जन सुविधा केंद्र से किया गया है. आश्चर्य की बात यह है कि खाते से 12 बार ट्रांजैक्शन किए गए और शिखा के मुताबिक एक बार भी उसके पास ट्रांजैक्शन के मैसेज नहीं आए. जबकि शिखा का दावा है कि उसके अकाउंट में उसका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है. अपने पैसे गंवा चुकी शिखा को अहसास हो चुका था कि वह साइबर क्राइम का शिकार हो चुकी है. जो कभी महाराष्ट्र गया नहीं हो उसके खाते से महाराष्ट्र में पैसे निकाले गए. यह ट्रांजैक्शन 29 अगस्त से शुरू हुआ था.

12 बार ट्रांजैक्शन, मैसेज एक बार भी नहीं

शिखा की परेशानी यहीं खत्म नहीं होती. जब उसने बैंक मैनेजर से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी साफ तौर पर नहीं बताया. जब बैंक मैनेजर से मैसेज नहीं आने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बड़ी लापरवाही से जवाब दिया कि कभी-कभी ऐसा होता है. सवाल है कि एक या दो बार नहीं बल्कि 12 बार ट्रांजैक्शन्स हुए और मैसेज किसी का नहीं आया.

बैंक और पुलिस मामले को टालते रहे

बैंक से निराश और परेशान शिखा अब इसकी शिकायत कराने तिर्वा थाना पहुंची. यहां का अनुभव भी तिर्वा के लिए अच्छा नहीं रहा. शिखा का कहना है कि पुलिस ने उनके मामले को सुनने से इनकार करते हुए पहले कहा कि बैंक मैनेजर से बात करो जाकर. इसके बाद पुलिस ने फिर टालते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पैसे निकाले गए हैं तो वहीं जाकर शिकायत दर्ज कराएं. थक-हारकर शिखा ने मामले की ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई लेकिन वहां से भी दो बार उनके आवेदन को कैंसिल कर दिया गया. अब शिखा ने तीसरी बार फिर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है. सवाल है कि ट्रांजैक्शन का मैसेज शिखा के मोबाइल पर क्यों नहीं आया, अगर आता तो वक्त रहते ही शिखा अकाउंट को फ्रीज करवा सकती थीं.

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