कन्नौज: असित तिवारी कन्नौज जिले के तिर्वा कस्बा स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का फाइनल ईयर का छात्र है. असित तिवारी फर्रुखाबाद जनपद के पक्का पुल के रहने वाले हैं. असित की छोटी बहन सोनल तिवारी करीब एक साल पहले मानसिक तनाव में आ गई थी. जिसके चलते असित काफी परेशान रहने लगा. इलाज करने के बाद बहन ठीक हो गई, लेकिन वह बहन को देखकर यही सोचता था कि उसकी बहन ठीक हुई की नहीं हुई. उस दौरान उसने 3 इडियट्स मूवी भी देखी, जिसमें अभिनेता आमिर खान एक डायलॉग बोलता है कि इंजीनियर बड़े चालाक होते हैं. ऐसी कोई मशीन नहीं बनाई है जो माइंड का प्रेशर नाप सके.
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फिल्म के डायलॉग से प्रेरित होकर छात्र असित ने पता किया कि अभी तक माइंड का प्रेशर नापने वाली मशीन बनी है या नहीं. इसके बाद छात्र ने मानसिक तनाव नापने वाली मशीन बनाने का चैलेंज लेते हुए करीब एक साल की कड़ी मेहनत के बाद में मानसिक तनाव नापने वाली मशीन बना डाली. मशीन को बनाने में असित को महज आठ सौ रुपये का खर्च पड़ा. डिवाइस पर अंगुली रखने से पता चल जाता है कि व्यक्ति कितना मानसिक तनाव में है.
कुछ इस तरह से काम करती है मानसिक तनाव वाली डिवाइस
इंजीनियरिंग के छात्र असित तिवारी ने बताया कि मानसिक तनाव नापने वाली डिवाइस में ग्रीन व रेड एलईडी लाइट लगी हुई है. डिवाइस में उंगली रखने से पता चलता है कि दिमाग उच्च स्तर पर है या निम्न स्तर पर. मशीन में कई प्रतिरोध कैपेसिटर और आईसी का इस्तेमाल किया गया है. असित तिवारी ने बताया कि मशीन फिलहाल तीन चरणों में मानसिक तनाव नापने में सक्षम है. मानसिक तनाव नॉर्मल होने पर ग्रीन एलईडी लाइट जलने लगती है. मानसिक तनाव अधिक होने पर रेड एलईडी लाइट जलने लगती है. वहीं दिमाग का उच्च स्तर पर होने पर मशीन में लगी लाल एलईडी लाइट जलने के साथ-साथ बीप की आवाज के साथ चेतावनी भी देती है. इससे पता चलता है कि व्यक्ति को आराम की सख्त जरूरत है.
पेटेंट कर बाजार में उतारना चाहता है मशीन
छात्र असित ने बताया कि वह डिवाइस को पेटेंट करवाने पर विचार कर रहा है. डिवाइस को छोटे आकार में बनाकर बाजार में लाना चाहता है. इससे प्रत्येक व्यक्ति सस्ते दामों में मशीन खरीद कर लाभ उठा सके, जिससे आए दिन होने वाली आत्महत्या पर कुछ हद तक कमी लाई जा सके. असित ने बताया कि देश के लिए और भी कई तरह की मशीनें वह बनाना चाहता है, जिससे लोगों को फायदा मिल सके.
डिवाइस को हाईटेक बनाने में जुटी टिंकर इंडिया लैब
असित तिवारी ने बताया कि मानसिक तनाव नापने वाली डिवाइस को अब तक घर से लेकर कॉलेज में करीब 100 लोगों पर परीक्षण किया जा चुका है. कानपुर की टिंकर इंडिया लैब ने उसकी डिवाइस को प्रमाणित करने के लिए एक माह पहले ही टेस्टिंग का काम शुरू किया. इससे पता चल सकेगा कि डिवाइस सही से काम करती है या नहीं. बताया कि साथ ही वह टिंकर इंडिया लैब के साथ मिलकर मशीन को हाईटेक बनाने का भी काम कर रहा है. मशीन में अभी एलईडी लाइट के जरिए मानसिक तनाव की जानकारी मिलती है. लेकिन डिवाइस में कुछ बदलाव कर परसेंटेज के माध्यम से व्यक्ति का मानसिक तनाव पता चलेगा. इसके लिए छात्र ने लैब में काम शुरू कर दिया है.