कन्नौज: जिले का माहौल बिगाड़ने के लिए कुछ अराजक तत्वों ने तिर्वा-बेला मार्ग पर स्थित राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज के निकट बने महाराणा प्रताप द्वार के ऊपर इस्लामिक झंडे लगा दिए. बताया जा रहा है कि करीब 12 घंटे तक विवादित झंडे द्वार पर लगे रहे. उसके बावजूद प्रशासन और पुलिस की नजर झंडों पर नहीं पड़ी. शनिवार को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर जाकर झंडा उतारे. हैरत की बात तो यह है कि अभी तक पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी.
क्या है मामला
दरअसल, राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज के निकट तिर्वा के भाजपा विधायक कैलाश राजपूत के सौजन्य से महाराणा प्रताप द्वार का निर्माण कराया गया था. यह गेट तिर्वा-बेला के फोरलेन मार्ग पर लगा है. दिन भर में सैकड़ों वाहनों के अलावा अफसरों की गाड़ियां भी इसी मार्ग से फर्राटा भरती रहती हैं. बीते शुक्रवार की देर रात तिर्वा क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने के लिए कुछ अराजक तत्वों ने द्वार के ऊपर तीन हरे रंग के इस्लामिक झंडे लगा दिए. द्वार पर करीब 12 घंटे से ज्यादा देर तक झंडा लगा रहा.
शनिवार को करणी सेना के एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने गेट पर पहुंचकर विवादित झंडों को हटाया. करणी सेना के जिलाध्यक्ष अंकुर प्रताप सिंह का कहना है कि यह हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश है. साथ ही अधिकारियों से अराजकतत्वों पर कार्रवाई करने की भी बात कही है.
एसडीएम-सीओ को नहीं है मामले की जानकारी
मामले में जब एसडीएम जयकरन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें विवादित झंडा लगाए जाने की जानकारी नहीं है. वहीं तिर्वा सीओ दीपक दुबे ने सरकारी काम से प्रयागराज हाईकोर्ट में आने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
तिर्वा कोतवाल शैलेन्द्र मिश्रा का कहना है कि उन्हें भी इस प्रकरण की जानकारी नहीं है. इस तरह के संवेदनशील मामलों में पुलिस व प्रशासन की यह अनदेखी कभी भारी भी पड़ सकती हैं. जबकि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे संवेदनशील प्रकरणों में जिले के आला अफसरों को सतर्कता व कार्रवाई करने के कड़े निर्देश दिए हैं. इसके बावजूद भी अफसरों की उदासीनता समझ से परे है.